रिपोर्टर की हत्या- सुरेन्द्र मोहन पाठक
सुनील सीरीज-09, जून-1966
ब्लास्ट के होनहार पत्रकार राजेश को जब विशालगढ़ के एक प्रमुख उद्योगपति - जो कि नैशनल बैंक के डायरेक्टर और सिटी क्लब के प्रेसीडेंट होने के साथ साथ आगामी आम चुनावों में लोकसभा के उम्मीदवार भी थे - के एक लड़की के साथ शराब पीकर गाड़ी चलाने के अपराध में पकड़े जाने की एक्सक्लूसिव खबर मिली तो उसकी खुशी का कोई पारावार न रहा । काश कि वो जानता होता कि इस खबर को छपवाने की उसे बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
राजनगर का एक बदनाम होटल है 'ज्यूल बाॅक्स' और ज्यूल बाक्स में एक डकैती के दौरान डकैत अलमारी में रखे कुछ महत्वपूर्ण कागज भी ले गये।
ज्यूल बॉक्स का स्वामी राजपाल सुनील से मदद मांगने आता है- “तुम उन कागजों को मुझे वापिस दिलाने में मेरी सहायता कर सकते हो। सारा नगर जानता है कि तुम विलक्षण प्रतिभा के आदमी हो। केवल अपने मास्टर माइन्ड के दम से तुमने कई ऐसे केस सुलझाए हैं, जिन्हें पुलिस के जासूस सिर पटककर मर गये लेकिन सुलझा नहीं पाये। अगर तुम केवल इतना पता लगा दो कि डाकू कौन थे तो वे कागज मैं उनसे किसी भी कीमत पर वापिस खरीद लूंगा।”