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Sunday 8 August 2021

453. काली डायरी- प्रकाश भारती

रहस्य एक डायरी का
काली डायरी- प्रकाश भारती, 2003
अजय सीरीज 
      पेशे से प्रेस रिपोर्टर शौक से जासूस और फितरत से खुराफाती। उसके पास न तो सूझबूझ की कमी थी और न  ही हौसले की। इरना सख्तजान भी वह न था कि उससे टकरने वाले को हमेशा मुँह की खानी पड़ी थी।  हालात चाहें कितने भी खतरनाक रहे वह न तो कभी घबराया था  और न ही निराश हुआ था। इसलिए आखिर में हमेशा बाजी उसी के हाथ में रही थी। (उपन्यास अंश) 
       'काली डायरी' प्रकाश भारती जी का एक चर्चित मर्डर मिस्ट्री थ्रिलर उपन्यास है। हालांकि यह मर्डर मिस्ट्री आधारित अजय सीरीज का उपन्यास है। लेकिन उपन्यास का कथानक मर्डर मिस्ट्री होते हुये भी थ्रिलर का आभास ज्यादा देता है। क्योंकि कहानी का ताना बाना इस ढंग से बुना गया है कि उपन्यास में मर्डर मिस्ट्री से ज्यादा ध्यान अन्य घटनाओं पर केन्द्रित है।
  माह अगस्त 2021 में प्रकाश भारती जी का यह तृतीय उपन्यास पढ रहा हूँ, इस से पूर्व मैंने उनके 'प्ले बाॅय' (थ्रिलर) और 'खून का बदला' (अजय सीरीज) उपन्यास पढे थे, दोनों ही रोचक लगे। इसी क्रम में, इसी माह 'काली डायरी' (अजय सीरीज) उनका उपन्यास पढ रहा हूँ।      कहानी आरम्भ होती है अजय के फ्लैट से। कुछ कारणों से अजय और उसकी सहयोगी प्रेस रिपोर्टर नीलम एक ही बिल्डिंग में अलग-अलग फ्लैट में रह रहे होते हैं। एक दिन जब नीलम अजय के फ्लैट पर आती है तो तभी एक घायल व्यक्ति वहाँ पहुँच जाता है। 
अजय अभी कुछ समझ भी नहीं पाता की वह कुछ शब्दों के साथ अजय के हाथों में दम तोड़ देता है।
     सहसा उसकी पुलतियों में हरकत हुयी। उसके होंठ फड़फड़ाये और मुँह से अटक-अटक कर यूँ शब्द बाहर आने लगे मानो उन्हीं के लिए अब तक उसने अपनी जिस्मानी और दिमागी ताकत को किसी तरह बचाये रखा था।
"व...न...हीं...छी...न...सके...स....ब.....कुछ...काली...डायरी।''- उसने कहा, फिर उसकी गरदन एक ओर लुढक गयी और पुतलियां स्थिर हो गयी।

    मरने वाला मेघराज सक्सेना एक प्राइवेट डिटेक्टिव था, जिस से अजय का आठ साल पूर्व नाम मात्र का परिचय था।
    वहीं मौके पर पहुँचे पुलिस इंस्पेक्टर तिवारी का कहना था कि मेघराज सक्सेना की तलाश आई. बी. को है।
-"हमें  इंटेलीजेंस ब्यूरो के डाइरेटर जनरल मिस्टर पी.ए.  सुब्रह्मण्यम का अर्जेंट टेलिग्राम मिला है कि इस आदमी को एक बेहद संगीन मामले की पूछताछ के लिये  कस्टडी में ले लिया जाये।" -तिवारी ने कहा। उसके अधिकारपूर्ण स्वर में गर्व का पुट था-"आई. बी. का  एक  स्पेशल ऑफिसर इससे पूछताछ करने के लिये दिल्ली से आ रहा है।"
     मेघराज सक्सेना की मृत्यु और पुलिस आगमन के मध्य एक डेकाॅय गर्ल मोना मैक्सी अजय से‌ मिलने आती है जो अपने पति पीटर से अपनी जान को खतरा बताती है। उसकी बात सुनकर अजय ने कहा-"तुम इस ढग से अपने पति कि हत्या कराना चाहती हो कि उसकी हत्या, हत्या  न समझी जा सके।  यानि हत्या के बाद कानून तुम्हारे आडे़ न आये ?" 
अब सुनील के सामने कई प्रश्न खड़े थे।
- मेघराज के हत्यारे कौन थे?
- मेघराज की हत्या क्यों की गयी?
- आई.बी. का मेघराज से क्या संबंध था?
- मोना अपने पति की हत्या क्यों चाहती थी?
- काली डायरी का क्या रहस्य था? 
इस सब प्रश्नों को हल करने के लिए जब 'थंडर' का रिपोर्टर 'अजय' निकलता है तो उसके सामने कोई रास्ता नहीं था, बस उलझने थी। ऐसी उलझने जिनका कोई सिर हाथ में नहीं था। सब कुछ उलझा हुआ था। 
    अजय जैसे जैसे इस केस पर आगे बढता है तो उसे पता चलता है की बहुत से लोग इस काली डायरी को हथियाना चाहते हैं। पुलिस के अनुसार आई. बी. के अधिकारी भी दिल्ली से विराटनगर इस डायरी के लिये ही आये हैं।
  लेकिन डायरी किसी के पास नहीं थी।
इसी चक्कर में जय और रघु नामक दो अपराधी अजय के पीछे पड़ जाते हैं, जिन्हें शक था की मृत्यु से पूर्व मेघराज सक्सेना अजय को कुछ महत्वपूर्ण कागजात सौंप कर गया है। जो उन्हें काली डायरी तक पहुँचा सकते हैं।
     
        उपन्यास में अजय के साथ-साथ पुलिस भी सक्रिय है और मेघराज सक्सेना के हत्या के रहस्य को सुलझाना चाहती है। इंस्पेक्टर तिवारी और इंस्पेक्टर रविशंकर दोनों ही इस केस पर काम करते हैं। जहाँ इंस्पेक्टर तिवारी अजय से खार खाता है वहीं इंस्पेक्टर रवि शंकर अजय का मित्र है और उसकी मदद भी करता है।
      जैसा की अक्सर फिल्मों और उपन्यासों में पुलिस को दिखाया जाता है, उतनी ही सक्रिय पुलिस यहाँ है। बाकी केस तो हल थंडर का रिपोर्टर अजय ही हल करता है।
  अजय के साथ रिपोर्टर नीलम और विमल भी हैं। हालांकि विमल का किरदार बहुत कम है और नीलम का कहानी किरदार महत्वपूर्ण है।
  उपन्यास में जब-जब मोना का किरदार सामने आता है वह हर बार एक नयी कहानी के साथ आता है। ऐसा शातिर किरदार है जो अजय को भी उलझन में डाल देता है। वहीं जय और रघु दोनों ही खतरनाक किरदार हैं और अजय के लिए मुसीबत भी।
    उपन्यास मे एक बात विशेष तौर पर खटकती है। अजय आरम्भ में ही पुलिस का सहयोग करता और मेघराज सक्सेना से मिली जानकारी पुलिस से सांझा करता तो कहानी कुछ और होती। वह पुलिस को कुछ भी नहीं बताता, ऐसा क्यों? बस इसी खुराफात के चलते की वह केस को स्वयं हल करना चाहता है।
   उपन्यास का अंत बहुत रोचक है। 'काली डायरी' शीर्षक से जो मुझे आभास हुआ वह आभास उपन्यास के समापन में एक दम बदल गया। सच में काली डायरी का रहस्य एक अच्छा क्लाईमैक्स है।
      प्रकाश भारती जी का 'काली डायरी' मर्डर मिस्ट्री उपन्यास होते हुये भी थ्रिलर का आनंद ज्यादा देता है। यह प्रकाश भारती जी का चर्चित उपन्यास है। रोचक और पठनीय रचना है। 
उपन्यास- काली डायरी 
लेखक-     प्रकाश भारती
प्रकाशन-  2003
अजय सीरीज
ISBN 978-93-85898-93-8

1 comment:

  1. उपन्यास के प्रति उत्सुकता जगाता आलेख। उपन्यास जल्द ही पढ़ने की कोशिश रहेगी।

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