''क्या?’’-शैली चौंक उठी।
''क्या हुआ?’’-हितेश ने खिड़की से अंदर सिर करके सवालिया नजरों से शैली की ओर देखा।
''आपने...अभी क्या कहा?’’
''अपराधी चाहे कितना ही शातिर क्यों न हो, अपने पीछे सबूतों की एक ट्रेल छोड़ जाता है।’’
''ये तो विश्वास सर कहा करते थे। इंस्पैक्टर एक्स सीरिज के उनके उपन्यासों की टैगलाइन यही होती है।’’
''अच्छा?’’ (उपन्यास अंश)यह दृश्य है अजिंक्य शर्मा जी के सातवें उपन्यास 'द ट्रेल' का, जो की एक मर्डर मिस्ट्री आधारित उपन्यास है। कहते हैं अपराधी अपराध करते वक्त कुछ न कुछ निशान (ट्रेल) छोड़ ही जाता है। और उन्हें सबूतों को ढूंढता है उपन्यास 'द ट्रेल'।
रंजीत विश्वास एक प्रसिद्ध जासूसी उपन्यासकार है। प्रसिद्ध उपन्यासकार होने के साथ-साथ वह अरबपति है, एक पब्लिकेशन का स्वामी है और उसकी हवेली (मैंशन) 'व्हाइट कैसल' में और उसके सानिध्य कुछ परिवार भी पलते हैं।
लेकिन एक दिन रंजीत विश्वास अपने कमरे में मृत पाये जाते हैं, किसी ने छुरा मार कर उनकी हत्या कर दी।
लेकिन रंजीत विश्वास मरते वक्त एक वाक्य लिख जाते हैं। -' यूनाइटेड वी राइज'।