किस्सा चार सौ साल पुराने अभिशाप का
वह कौन था- कर्नल रंजीत
हिंदी जासूसी साहित्य में कर्नल रंजीत का एक अलग ही अंदाज रहा है। इब्ने सफी के बाद कर्नल रंजीत ने ही वह लोकप्रियता प्राप्त की और अपना एक विशेष अंदाज बनाया था।
कर्नल रंजीत के उपन्यासों का नायक मेजर बलवंत है और उसके साथ उसके साथी और प्रिय कुत्ता क्रोकोडायल होता है।प्रस्तुत उपन्यास 'वह कौन था' एक रहस्य कथा है, जिसमेम एक जमींदार परिवार की कथा,कहां लगभग चार सौ साल से एक रहस्य बराबर चल रहा है और वह रहस्य है 'ठाकुर' की उपाधि प्राप्त व्यक्ति की हत्या का होना और यह पिछ्ले चार सौ साल से हो रहा है। क्या यह संभव था? अगर संभव था तो कैसे?
नमस्ते, मैं गुरप्रीत सिंह, श्रीगंगानगर, राजस्थान से पाठक मित्रों के लिए लेकर उपस्थित हूँ कर्नल रंजीत के उपन्यास 'वह कौन था' की समीक्षा।