ठग जगत पहुंचा पाकिस्तान
रहस्य की एक रात- ओमप्रकाश शर्मा
'क्लब में हत्या' के बाद क्रमशः यह द्वितीय उपन्यास है जो मैंने जनप्रिय लेखक ओमप्रकाश शर्मा का इन दिनों पढा है। जहाँ 'क्लब में हत्या' 'राजेश- जयंत' श्रृंखला का मर्डर मिस्ट्री उपन्यास था वहीं 'रहस्य की एक रात' 'जगत- राजेश' श्रृंखला का एक रोमांचक उपन्यास है।
अब प्रथम प्रश्न तो यही हो सकता है की आखिर जगत पाकिस्तान क्यों गया? और जब प्रसिद्ध ठग जगत पाकिस्तान पहुंच गया तो उसने वहाँ 'रहस्य की एक रात' में क्या कारनामे किये?
खैर, इन प्रश्नों के उत्तर तो प्रस्तुत उपन्यास पढकर ही जाने जा सकते हैं। और अब हम बात करते हैं उपन्यास के विभिन्न पक्षों पर।
जनप्रिय ओमप्रकाश शर्मा जी का लेखन का एक अलग तरीका है। कथा चाहे धीमी चलती हो पर वह वास्तविकता के अत्यंत करीब प्रतीत होती है।
जगत प्रसिद्ध ठग जगत जब राजेश से मिलने पहुंचा।
जगत अम्बाद्वीप से नई दिल्ली पहुंचा, परन्तु नई दिल्ली से सारी यार- पार्टी गायब थी। राजेश और जयन्त सपत्नीक अमृतसर एक विवाह समारोह में गये हुये थे । जगत नई दिल्ली से अमृतसर पहुंचा, वहां पहुंचकर मालूम हुआ कि यार- पार्टी वापस दिल्ली चली गयी।
वहीं संयोग के चलते पंजाब के प्रसिद्ध ठग करनैल सिंह के आमंत्रण पर जब जगत उसके गाँव पहुँचता है तो रास्ते में उसकी मुलाकात एक मजनू से होती है।
लड़खड़ाता वह व्यक्ति जब जगत के निकट से गुजरा तो जगत ने टोका - "सुनो भाई !”
उस व्यक्ति ने मुड़कर जगत की ओर देखा, ऐसे जैसे सम्पूर्ण शरीर की शक्ति केवल आंखों में ही सिमट कर शेष हो गयी हो ।
- "ओह.....!" - उस व्यक्ति ने निःश्वास लिया- " अय जालिम दुनिया वालों, मुझे मत रोको। मुझे मत रोको..... !”
- “दुनिया वाला जरूर हूं लेकिन जालिम नहीं हूं। यहां आकर मेरे पास बैठो और मुझे बताओ कि तुम हकीकत में आदमी हो या कब से निकल भागने वाले मुर्दे हो ?”
उस व्यक्ति की दर्दभरी कहानी के अनुसार एक अमेरीकन जेम्स हावर के यहाँ वह व्यक्ति मसर्रत खाँ, उसकी पत्नी जमीला काम करते थे और वहाँ ड्राइवर नौबत खान भी काम करता था। एक दिन नौबत खाँ जमीला को भगाकर पाकिस्तान ले गया।
जेम्स हावर कौन था? पहले यह भी जान लें।
उनके पासपोर्ट पर लिखा हुआ था— प्रोफेसर जेम्स हावर । अध्यक्ष छात्रवृत्ति विभाग, अमेरिकन पेट्रोलियम ओनर एसोशिएशन न्यूयार्क।
भारत आने का उद्देश्य छात्रवृत्ति प्राप्त विद्यार्थियों की योग्यता को जांचना। आना न्यूयार्क से, जाना पाकिस्तान। भारत में ठहरने की अवधि दो माह।
जगत ने यह तय किया की वह पाकिस्तान जायेगा और मसर्रत खाँ को जमीला से अवश्य मिलवायेगा। तो मित्रों इस तरह से जगत प्रसिद्ध ठग पाकिस्तान पहुंच गया।
ठहरो जरा, सब्र करो... कहानी बस यही नहीं है। कहानी एक पक्ष और भी है और वह पक्ष है 'पाकिस्तान- अमरीका और चीन' की तिकड़ी का। जिनका उद्देश्य था भारत पर आक्रमण की योजना तैयार करना, भारत के नक्शे प्राप्त करना।
इस तिकड़ी की खबर जयंत राजेश तक भी पहुंचा दी। और राजेश भी पाकिस्तान आ पहुंचा। जहाँ मिस्टर हावर उपस्थित थे।
और जब एक जग प्रसिद्ध ठग और जासूस इस तिकड़ी के पीछे पड़े तो सारे रहस्य सामने आ गये।
अब कैसे, किस प्रकार जेम्स के जाल से जमीला को आजाद करवाया और कैसे 'पाक- अमेरिका- चीन' तिकड़ी के जासूसों को मात दी, यह आप 'रहस्य की एक रात' में पढ सकते हैं।
जनप्रिय ओमप्रकाश शर्मा जी के विशेष शैली में लिखा गया यह उपन्यास मात्र एक कहानी ही नहीं बल्कि मानवीय संवेदना का पैरोकार है। भारत -पाक विभाजन के दर्द को भी व्यक्त करता है। उपन्यास का पाकिस्तानी पात्र इरफान का दर्द पाठक को भी महसूस होता है।
उपन्यास में जेम्स हावर और चीनी चेन शी को बंदरों के जहाज में कैद करने की घटना भी हास्यजनक है।
उपन्यास में एक जगह वर्णित है- जगत की दूसरी पाकिस्तान यात्रा अलसेशियन मजनूं के कारण हुई।
जगत की प्रथम पाकिस्तान यात्रा कौनसी थी? किसी पाठक मित्र को पता हो अवश्य बतायें।
जगत एक ठग है, लेकिन हत्यारा नहीं है। जगत का एक कथन इस बात की पुष्टि भी करता है।
- मैंने आज तक अपने जीवन में कोई हत्या नहीं की।
-
उपन्यास में कुछ रोचक कथन हैं, जो बहुत प्रभावशाली हैं। राजनीति, मानवीय स्वभाव को जिस तरह से ओमप्रकाश शर्मा जी ने लिखा है वह जासूसी उपन्यासों में बहुत कम देखने को मिलता है।
- हिन्दुस्तान और पाकिस्तान में अमरीकन दुःख मनाने नहीं आता, शतरंज खेलने आता है।है।
- जब मानव मस्तिष्क में घृणा का अंकुर फूटता है तो मानव पशु हो जाता है। जब मानव- मस्तिष्क में मानवीय स्नेह का फूल खिलता है तो मानव देवता हो जाता है।
- संसार में इन्सान विभिन्न रूपों में बसता हैं । वह इन्सान बनकर भी जीता है, शैतान बनकर भी जिन्दगी पूरी कर लेता है और इन्सान से देवता भी बनता है।
ओमप्रकाश शर्मा जी द्वारा रचित 'रहस्य की एक रात' एक रोमांच उपन्यास है, जिसमें जासूसी कारनामे तो हैं लेकिन साथ- साथ में मानवीय संवेदना प्रमुख रही है। वह चाहे जगत की मजनू मसर्रत खाँ के प्रति हो या फिर राजेश की चीनी लड़की तिन के प्रति हो।
ओमप्रकाश शर्मा जी के पाठकों के लिए एक अच्छा उपन्यास है।
उपन्यास- रहस्य की एक रात
लेखक- जनप्रिय लेखक ओमप्रकाश शर्मा
प्रकाशक- मारुति प्रकाशन, मेरठ
रहस्य की एक रात- ओमप्रकाश शर्मा
'क्लब में हत्या' के बाद क्रमशः यह द्वितीय उपन्यास है जो मैंने जनप्रिय लेखक ओमप्रकाश शर्मा का इन दिनों पढा है। जहाँ 'क्लब में हत्या' 'राजेश- जयंत' श्रृंखला का मर्डर मिस्ट्री उपन्यास था वहीं 'रहस्य की एक रात' 'जगत- राजेश' श्रृंखला का एक रोमांचक उपन्यास है।
अब प्रथम प्रश्न तो यही हो सकता है की आखिर जगत पाकिस्तान क्यों गया? और जब प्रसिद्ध ठग जगत पाकिस्तान पहुंच गया तो उसने वहाँ 'रहस्य की एक रात' में क्या कारनामे किये?
खैर, इन प्रश्नों के उत्तर तो प्रस्तुत उपन्यास पढकर ही जाने जा सकते हैं। और अब हम बात करते हैं उपन्यास के विभिन्न पक्षों पर।
जनप्रिय ओमप्रकाश शर्मा जी का लेखन का एक अलग तरीका है। कथा चाहे धीमी चलती हो पर वह वास्तविकता के अत्यंत करीब प्रतीत होती है।
जगत प्रसिद्ध ठग जगत जब राजेश से मिलने पहुंचा।
जगत अम्बाद्वीप से नई दिल्ली पहुंचा, परन्तु नई दिल्ली से सारी यार- पार्टी गायब थी। राजेश और जयन्त सपत्नीक अमृतसर एक विवाह समारोह में गये हुये थे । जगत नई दिल्ली से अमृतसर पहुंचा, वहां पहुंचकर मालूम हुआ कि यार- पार्टी वापस दिल्ली चली गयी।
वहीं संयोग के चलते पंजाब के प्रसिद्ध ठग करनैल सिंह के आमंत्रण पर जब जगत उसके गाँव पहुँचता है तो रास्ते में उसकी मुलाकात एक मजनू से होती है।
लड़खड़ाता वह व्यक्ति जब जगत के निकट से गुजरा तो जगत ने टोका - "सुनो भाई !”
उस व्यक्ति ने मुड़कर जगत की ओर देखा, ऐसे जैसे सम्पूर्ण शरीर की शक्ति केवल आंखों में ही सिमट कर शेष हो गयी हो ।
- "ओह.....!" - उस व्यक्ति ने निःश्वास लिया- " अय जालिम दुनिया वालों, मुझे मत रोको। मुझे मत रोको..... !”
- “दुनिया वाला जरूर हूं लेकिन जालिम नहीं हूं। यहां आकर मेरे पास बैठो और मुझे बताओ कि तुम हकीकत में आदमी हो या कब से निकल भागने वाले मुर्दे हो ?”
उस व्यक्ति की दर्दभरी कहानी के अनुसार एक अमेरीकन जेम्स हावर के यहाँ वह व्यक्ति मसर्रत खाँ, उसकी पत्नी जमीला काम करते थे और वहाँ ड्राइवर नौबत खान भी काम करता था। एक दिन नौबत खाँ जमीला को भगाकर पाकिस्तान ले गया।
जेम्स हावर कौन था? पहले यह भी जान लें।
उनके पासपोर्ट पर लिखा हुआ था— प्रोफेसर जेम्स हावर । अध्यक्ष छात्रवृत्ति विभाग, अमेरिकन पेट्रोलियम ओनर एसोशिएशन न्यूयार्क।
भारत आने का उद्देश्य छात्रवृत्ति प्राप्त विद्यार्थियों की योग्यता को जांचना। आना न्यूयार्क से, जाना पाकिस्तान। भारत में ठहरने की अवधि दो माह।
जगत ने यह तय किया की वह पाकिस्तान जायेगा और मसर्रत खाँ को जमीला से अवश्य मिलवायेगा। तो मित्रों इस तरह से जगत प्रसिद्ध ठग पाकिस्तान पहुंच गया।
ठहरो जरा, सब्र करो... कहानी बस यही नहीं है। कहानी एक पक्ष और भी है और वह पक्ष है 'पाकिस्तान- अमरीका और चीन' की तिकड़ी का। जिनका उद्देश्य था भारत पर आक्रमण की योजना तैयार करना, भारत के नक्शे प्राप्त करना।
इस तिकड़ी की खबर जयंत राजेश तक भी पहुंचा दी। और राजेश भी पाकिस्तान आ पहुंचा। जहाँ मिस्टर हावर उपस्थित थे।
और जब एक जग प्रसिद्ध ठग और जासूस इस तिकड़ी के पीछे पड़े तो सारे रहस्य सामने आ गये।
अब कैसे, किस प्रकार जेम्स के जाल से जमीला को आजाद करवाया और कैसे 'पाक- अमेरिका- चीन' तिकड़ी के जासूसों को मात दी, यह आप 'रहस्य की एक रात' में पढ सकते हैं।
जनप्रिय ओमप्रकाश शर्मा जी के विशेष शैली में लिखा गया यह उपन्यास मात्र एक कहानी ही नहीं बल्कि मानवीय संवेदना का पैरोकार है। भारत -पाक विभाजन के दर्द को भी व्यक्त करता है। उपन्यास का पाकिस्तानी पात्र इरफान का दर्द पाठक को भी महसूस होता है।
उपन्यास में जेम्स हावर और चीनी चेन शी को बंदरों के जहाज में कैद करने की घटना भी हास्यजनक है।
उपन्यास में एक जगह वर्णित है- जगत की दूसरी पाकिस्तान यात्रा अलसेशियन मजनूं के कारण हुई।
जगत की प्रथम पाकिस्तान यात्रा कौनसी थी? किसी पाठक मित्र को पता हो अवश्य बतायें।
जगत एक ठग है, लेकिन हत्यारा नहीं है। जगत का एक कथन इस बात की पुष्टि भी करता है।
- मैंने आज तक अपने जीवन में कोई हत्या नहीं की।
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उपन्यास में कुछ रोचक कथन हैं, जो बहुत प्रभावशाली हैं। राजनीति, मानवीय स्वभाव को जिस तरह से ओमप्रकाश शर्मा जी ने लिखा है वह जासूसी उपन्यासों में बहुत कम देखने को मिलता है।
- हिन्दुस्तान और पाकिस्तान में अमरीकन दुःख मनाने नहीं आता, शतरंज खेलने आता है।है।
- जब मानव मस्तिष्क में घृणा का अंकुर फूटता है तो मानव पशु हो जाता है। जब मानव- मस्तिष्क में मानवीय स्नेह का फूल खिलता है तो मानव देवता हो जाता है।
- संसार में इन्सान विभिन्न रूपों में बसता हैं । वह इन्सान बनकर भी जीता है, शैतान बनकर भी जिन्दगी पूरी कर लेता है और इन्सान से देवता भी बनता है।
ओमप्रकाश शर्मा जी द्वारा रचित 'रहस्य की एक रात' एक रोमांच उपन्यास है, जिसमें जासूसी कारनामे तो हैं लेकिन साथ- साथ में मानवीय संवेदना प्रमुख रही है। वह चाहे जगत की मजनू मसर्रत खाँ के प्रति हो या फिर राजेश की चीनी लड़की तिन के प्रति हो।
ओमप्रकाश शर्मा जी के पाठकों के लिए एक अच्छा उपन्यास है।
उपन्यास- रहस्य की एक रात
लेखक- जनप्रिय लेखक ओमप्रकाश शर्मा
प्रकाशक- मारुति प्रकाशन, मेरठ
ओमप्रकाश शर्मा के अन्य उपन्यासों की समीक्षा
उपन्यास रोचक लग रहा है। मिलता है तो पढ़ने की कोशिश रहेगी। जहाँ तक जगत के पाकिस्तान जाने की बात है तो एक उपन्यास जगत की पाकिस्तान यात्रा भी है। यह नीलम जासूस कार्यालय द्वारा प्रकाशित हुआ था। अब यह उपन्यास इस उपन्यास से पहले का है या नहीं ये नहीं आइडिया है।
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