कहानी एक झूठी औरत की
चाल पर चाल- जेम्स हेडली चेइज़
अनुवाद- विकास नैनवाल
छः माह से खाली बैठे प्राइवेट डिटेक्टिव डेविड फेनर को जब उस खूबसूरत युवती के आने की खबर मिली तो उसे लगा था कि शायद अब उसे कोई केस मिलेगा। वह कहाँ जानता था कि वह औरत अपने साथ मुसीबतों और रहस्यों का ऐसा झंझावात लेकर आएगी कि उसका अपनी जान बचाना दूभर हो जाएगा। अब हर चाल पे उसे ऐसी चाल चलनी पड़ेगी जो उसे मौत से दूर और सच्चाई के करीब लेकर आएगा। लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा था… वह हर चाल पर मौत के नजदीक और सच्चाई से दूर जाता जा रहा था… सुप्रसिद्ध क्राइम लेखक जेम्स हेडली चेइज़ के उपन्यास डॉल्स बैड न्यूज़ का विकास नैनवाल द्वारा किया उत्कृष्ट हिन्दी अनुवाद।
विकास नैनीताल जितने अच्छे एक पाठक हैं, उतने ही अच्छे एक अनुवादक भी हैं। विकास नैनवाल जी के ब्लॉग पर लिखे इनके आर्टिकल/ समीक्षा आदि पढने को मिल जाती हैं और अक्सर में पढता भी रहता हूँ। अनुवादक के रूप में मैंने इनकी यह प्रथम रचना पढी है जो काफी रोचक है।प्राइवेट डिटेक्टिव डेविड फेनर अपनी असिस्टेंट पाॅला के साथ अपने ऑफिस में थे अभी एक घबरायी हुयी ने वहाँ प्रवेश किया।
वह औसत से थोड़ी लंबी थी और छरहरे बदन की मालकिन थी। उसकी टाँगे बहुत लंबी, हाथ और पैर पतले और उसका शरीर किसी डाली-सा तना हुआ था। उसके बादल से काले बाल उसकी हैट के नीचे से दिख रहे थे। उसने एक बेहद खूबसूरत टू-पीस ड्रेस पहनी हुई थी और इसमें वह परी चेहरा बेहद जवान और डरी हुई लग रही थी।
मेरियन डेली नामक उस युवती ने फेनर से सहायता की मांग की। उसने स्वयं को असहाय और चोटग्रस्त अपना शरीर दिखाते हुये निवेदन किया- “मुझे ख़ुशी है कि मैं आपके पास आई। देखिये, मैं बहुत मुसीबत में हूँ। मेरी बहन भी बहुत मुसीबत में है। भगवान जाने! बारह चीनियों से उसे क्या काम हो सकता है ?”
हाँफते हुए बोली, “मैं चाहती हूँ, आप मेरी बहन को ढूँढें। मुझे उसकी बहुत फिक्र है। आप बताइए कि उसे ढूँढ़ने में कितना खर्च आएगा ? मेरा मतलब है कि आपकी फीस क्या होगी ?”
अंत में मेरियन डेली ने छ हजार डाॅलर फेरन के हवाले किये और स्वयं गायब हो गयी। बहुत कोशिश कर बाद भी वह फेनर को नजर नहीं आयी।अब फेनर का दायित्व था की वह उस रकम के बदले में डेली की बहन को खोजे।
और फिर आरम्भ होती है एक खोज। जिसका परिणाम बहुत हृदय विदारक था और वहीं फेनर ने भी यह निश्चित कर लिया की वह इस परिणाम से आगे जाकर डेली को इंसाफ दियालेगा और उसकी बहन को खोजेगा।
इसलिए फेनर न्यूयॉर्क छोड़ कर जा पहुंचता एक ऐसे शहर में जा दो बदमाश थे। एक था कार्लोस पिओ और दूसरा था नूओलन। नूओलन के विषय में कहा जाता था- “नूओलन! वो तो चूका हुआ कारतूस है।”
यहाँ दो और पात्र भी है वह है ग्लोरी और उसका प्रेमी थेलर। दोनों ही कथा के महत्वपूर्ण पात्र हैं और इनका संबंध कहीं न कहीं, किसी न किसी रूप से कार्लोस और नूओलन से भी हैहै । फेनर के लिए ग्लोरी एक अजीब व्यक्तित्व है। उसकी हर रोज नयी कहानियाँ, नये प्रेमी फेनर के लिए अचरज है। वह कब किस बात पर हँस दे और किस बात पर रो दे यह समझना थोड़
मुश्किल है। वह ऐसी है तो क्यों है?
नया शहर और दो बदमाश (नूओलन, कार्लोस) और उनके सामने है एक अजनबी फेनर जो स्वयं एक अपराधी के रूप में दोनों से मिलता है लेकिन उसका वास्तविक उद्देश्य सत्य की खोज है। फेनर की एक कोशिश करता है चूके हुये कारतूस को चलाने की। वहीं कार्लोस और उसके साथी फेनर को अपने साथ अभियान पर ले जाते हैं। दो अपराधियों के बीच अकेला फेनर और फिर खेला जाता है अपराधीवर्ग के बीच एक खतरनाक खूनी खेल।
उपन्यास के एक और पात्र का जिक्र करना चाहुंगा, वह पात्र है बग्सी। बग्सी प्रभावित करता है लेकिन अंत उसका निराश करता है।
'चाल पर चाल' एक सस्पेंश -एक्शन उपन्यास है। उपन्यास का आरम्भ जहां सस्पेंश से परिपूर्ण है वहीं मध्य भाग पश्चात उपन्यास में भरपूर एक्शन है। एक्शन के साथ-साथ सस्पेंश भी निरंतर चलता है। जो पाठक को प्रभावित करता है।
उपन्यास के अंत की बात करें तो यह चौंकाने वाला है। उपन्यास का शीर्षक है 'चाल पर चाल', जो उपन्यास के अंत में प्रदर्शित भी होता है और विस्मयकारी अंत में यह मुझे बहुत प्रभावशाली लगा की यह कहानी क्यों थी।
अगर आपने नितिश सिन्हा का उपन्यास 'राक्षस' पढा है तो आपको पता होगा की पूरा उपन्यास जिस बात को लेकर रचा गया था वह अंत में पूर्णतः चौंकाने वाली थी। वह स्थिति प्रस्तुत उपन्यास में भी है।
उपन्यास का अनुवाद ब्लॉगर, लेखक और वर्तमान में अनुवादक विकास नैनवाल जी ने किया है। अनुवाद बहुत अच्छा है, भाषा सरल-सहज और सुबोध है।
उपन्यास- चाल पर चाल
उपन्यास के एक और पात्र का जिक्र करना चाहुंगा, वह पात्र है बग्सी। बग्सी प्रभावित करता है लेकिन अंत उसका निराश करता है।
'चाल पर चाल' एक सस्पेंश -एक्शन उपन्यास है। उपन्यास का आरम्भ जहां सस्पेंश से परिपूर्ण है वहीं मध्य भाग पश्चात उपन्यास में भरपूर एक्शन है। एक्शन के साथ-साथ सस्पेंश भी निरंतर चलता है। जो पाठक को प्रभावित करता है।
उपन्यास के अंत की बात करें तो यह चौंकाने वाला है। उपन्यास का शीर्षक है 'चाल पर चाल', जो उपन्यास के अंत में प्रदर्शित भी होता है और विस्मयकारी अंत में यह मुझे बहुत प्रभावशाली लगा की यह कहानी क्यों थी।
अगर आपने नितिश सिन्हा का उपन्यास 'राक्षस' पढा है तो आपको पता होगा की पूरा उपन्यास जिस बात को लेकर रचा गया था वह अंत में पूर्णतः चौंकाने वाली थी। वह स्थिति प्रस्तुत उपन्यास में भी है।
उपन्यास का अनुवाद ब्लॉगर, लेखक और वर्तमान में अनुवादक विकास नैनवाल जी ने किया है। अनुवाद बहुत अच्छा है, भाषा सरल-सहज और सुबोध है।
पुस्तक पर आपकी टिप्पणी की प्रतीक्षा थी। जानकर अच्छा लगा कि आपको उपन्यास और अनुवाद पसंद आया। ऊपर नूओलन के विषय में जो लिखा है वो चुका हुआ कारतूस है...चुका मतलब खर्च हो चुका...चला हुआ जो अब किसी काम का नहीं रहता...
ReplyDelete