रेवोल्यूशन 2020
लव, करप्शन, एम्बिशन
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चेतन भगत के उपन्यास 'रेवोल्यूशन 2020' की कहानी वाराणसी शहर के तीन विद्यार्थीयों की कहानी।
उपन्यास के पिछले पृष्ठ पर लिखे कथन देख लिजिए-
'एक समय की बात है। भारत के एक छोटे से कस्बे में दो इंटेलिजेंट लङके रहते थे।
एक अपनी इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर अमीर बनना चाहता था, दूसरा रेवोल्यूशन(क्रांति) करना चाहता है।
लेकिन प्राॅब्लम यह थी कि वे दोनों एक ही लङकी को प्यार करते थे।
यह बचपन के तीन दोस्तों गोपाल, राघव व आरती की कहानी है, जो वाराणसी में सफलता, प्यार और खुशी तलाशने की जद्दोजहद करते हैं। बहरहाल, भष्टों को आगे बढाने वाले अन्यायपूर्ण समाज में ये सब हासिल कर पाना आसान नहीं है।
गोपाल व आरती दोनों अच्छे दोस्त हैं। जहां गोपाल आरती गोपाल को मात्र अपना दोस्त मानती है, वहीं गोपाल आरती को अपना प्यार- "वाराणसी के सभी साधुओं और पुजारियों की कल्पना कीजिए और उनकी तमाम पूजा-भक्ति को एक साथ रख दीजिए। मैं उससे उतना ही प्यार करता हूँ।"
लेकिन इस प्यार का तिकोण है इनका सहपाठी दोस्त राघव।
जब AIEEE के एग्जाम में इंटेलिजेंट राघव उत्तीर्ण हो जाता है व स्वयं को लूजर(मुझे तो इस शब्द पर पता नहीं क्यों आपत्ति है-समीक्षक) मानने वाला गोपाल अनुत्तीर्ण।
तब अपने बीमार पिताजी के सपने को साकार करने के लिए IIT के गढ कोटा(राजस्थान) तैयारी करने आता है।
कोटा वाला अध्याय इस उपन्यास का महत्वपूर्ण अध्याय है। यह अध्याय एक ओर जहां कोटा में परपतवार की तरह पैदा हुये कोचिंग सेंटर की सत्यता बयान करती है, कैसे रुपय लूटने का धंधा चलता है। कोचिंग के नाम पर अंधी लूट का सार्थक वर्णन है। वहीं इस अध्याय में आरती गोपाल को छोङ कर राघव से प्यार करने लग जाती है।
गोपाल इस सदमें को सहन नहीं कर पाता और टूट जाता है।
जिसका इस दुनिया में अपने पिताजी व आरती के आलावा कोई नहीं।
उस में से आरती का बदल जाना गोपाल का जीवन ही बदल देता है।
प्यार आप का जीवन बना सकता है तो बर्बाद भी कर सकता है। यह अध्याय पाठक की आँखों का पानी सूखने नहीं देता।
गोपाल से आरती का अलग होना फिर गोपाल का पुनः असफल होना और इस सदमें में गोपाल के पिताजी की मृत्यु हो जाना।
अब गोपाल अकेला है, असफल, न दोस्त न प्यार। अगर कुछ है तो वो लेनदार है खङे हैं जिनसे पैसा लेकर गोपाल के पिताजी ने गोपाल की शिक्षा पर खर्च किये थे॥
एक बार पुनः समय बदलता है आरती पुनः गोपाल के नजदीक आती है।
"तुम्हारी कोई गर्लफ्रण्ड होनी चाहिये। प्यार अद्भुत होता है......।"- आरती ने कहा।
"प्यार करना केवल तभी अदभुत होता है, जब वह शख्स भी आपको प्यार करे, जिसे आप प्यार करते हैं।"
कितना दर्द है गोपाल के इन शब्दों में।
उपन्यास में ऐसे कई कथन मिलेंगे जो पाठक के मन को छू जायेंगे व उपन्यास के पात्रों का चरित्र-चित्रण करने में सक्षम है।
विधायक शुक्ला जी का एक कथन देखिए,-"सत्ता कोई सेब नहीं होता, जो सीधे आपकी गोद में आकर गिरे। सत्ता को उन लोगों से छीनना पङता है, जो उस पर पहले से ही कुण्डली जमाकर बैठे हैं।"
क्रांति के संबंध में पात्रों के कथन भी गजब हैं।
"क्रांति का मकसद क्या होगा?"
क्रांति करने वाले राघव का एक कथन देखिए-
"एक ऐसा समाज बनाना, जिसमें सत्ता से ज्यादा सच, न्याय, और समानता का सम्मान हो। ऐसे समाज ही सबसे ज्यादा तरक्की करते हैं।"
आरती के प्यार में उलझे दो युवक एक परिस्थितियों से सबक लेकर अमीर बनना चाहता है शायद उसे अपना प्यार मिल जाये, दूसरा परिस्थितियां बदलना चाहता है। इन दोनों के बीच है आरती।
पूरे उपन्यास में एकमात्र एक अंतरंग दृश्य को छोङकर सब रोचक, भावुक व पठनीय है।
उपन्यास की भाषा शैली सरल, सहज व प्रवाहमय है।
कुछ कथन आपको हमेशा याद रहेंगे व कथोपकथन उपन्यास के पात्रों का सजीव वर्ण करने वाले हैं।
एक प्यार, शिक्षा व आर्थिक रूप से असफल युवक की प्रेमकथा पढने योग्य है।।
रेवोल्यूशन -क्रांति
लव- प्यार
क्रप्शन- भ्रष्टाचार
एम्बिशन- इच्छा
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उपन्यास - रेवोल्यूशन 2020
लेखक - चेतन भगत
प्रकाशक- रूपा पब्लिकेशन, दिल्ली
अनुवादक- सुशोभित शक्तावत।
मूल्य-225/-रुपये
पृष्ठ -338
लव, करप्शन, एम्बिशन
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चेतन भगत के उपन्यास 'रेवोल्यूशन 2020' की कहानी वाराणसी शहर के तीन विद्यार्थीयों की कहानी।
उपन्यास के पिछले पृष्ठ पर लिखे कथन देख लिजिए-
'एक समय की बात है। भारत के एक छोटे से कस्बे में दो इंटेलिजेंट लङके रहते थे।
एक अपनी इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर अमीर बनना चाहता था, दूसरा रेवोल्यूशन(क्रांति) करना चाहता है।
लेकिन प्राॅब्लम यह थी कि वे दोनों एक ही लङकी को प्यार करते थे।
यह बचपन के तीन दोस्तों गोपाल, राघव व आरती की कहानी है, जो वाराणसी में सफलता, प्यार और खुशी तलाशने की जद्दोजहद करते हैं। बहरहाल, भष्टों को आगे बढाने वाले अन्यायपूर्ण समाज में ये सब हासिल कर पाना आसान नहीं है।
गोपाल व आरती दोनों अच्छे दोस्त हैं। जहां गोपाल आरती गोपाल को मात्र अपना दोस्त मानती है, वहीं गोपाल आरती को अपना प्यार- "वाराणसी के सभी साधुओं और पुजारियों की कल्पना कीजिए और उनकी तमाम पूजा-भक्ति को एक साथ रख दीजिए। मैं उससे उतना ही प्यार करता हूँ।"
लेकिन इस प्यार का तिकोण है इनका सहपाठी दोस्त राघव।
जब AIEEE के एग्जाम में इंटेलिजेंट राघव उत्तीर्ण हो जाता है व स्वयं को लूजर(मुझे तो इस शब्द पर पता नहीं क्यों आपत्ति है-समीक्षक) मानने वाला गोपाल अनुत्तीर्ण।
तब अपने बीमार पिताजी के सपने को साकार करने के लिए IIT के गढ कोटा(राजस्थान) तैयारी करने आता है।
कोटा वाला अध्याय इस उपन्यास का महत्वपूर्ण अध्याय है। यह अध्याय एक ओर जहां कोटा में परपतवार की तरह पैदा हुये कोचिंग सेंटर की सत्यता बयान करती है, कैसे रुपय लूटने का धंधा चलता है। कोचिंग के नाम पर अंधी लूट का सार्थक वर्णन है। वहीं इस अध्याय में आरती गोपाल को छोङ कर राघव से प्यार करने लग जाती है।
गोपाल इस सदमें को सहन नहीं कर पाता और टूट जाता है।
जिसका इस दुनिया में अपने पिताजी व आरती के आलावा कोई नहीं।
उस में से आरती का बदल जाना गोपाल का जीवन ही बदल देता है।
प्यार आप का जीवन बना सकता है तो बर्बाद भी कर सकता है। यह अध्याय पाठक की आँखों का पानी सूखने नहीं देता।
गोपाल से आरती का अलग होना फिर गोपाल का पुनः असफल होना और इस सदमें में गोपाल के पिताजी की मृत्यु हो जाना।
अब गोपाल अकेला है, असफल, न दोस्त न प्यार। अगर कुछ है तो वो लेनदार है खङे हैं जिनसे पैसा लेकर गोपाल के पिताजी ने गोपाल की शिक्षा पर खर्च किये थे॥
एक बार पुनः समय बदलता है आरती पुनः गोपाल के नजदीक आती है।
"तुम्हारी कोई गर्लफ्रण्ड होनी चाहिये। प्यार अद्भुत होता है......।"- आरती ने कहा।
"प्यार करना केवल तभी अदभुत होता है, जब वह शख्स भी आपको प्यार करे, जिसे आप प्यार करते हैं।"
कितना दर्द है गोपाल के इन शब्दों में।
उपन्यास में ऐसे कई कथन मिलेंगे जो पाठक के मन को छू जायेंगे व उपन्यास के पात्रों का चरित्र-चित्रण करने में सक्षम है।
विधायक शुक्ला जी का एक कथन देखिए,-"सत्ता कोई सेब नहीं होता, जो सीधे आपकी गोद में आकर गिरे। सत्ता को उन लोगों से छीनना पङता है, जो उस पर पहले से ही कुण्डली जमाकर बैठे हैं।"
क्रांति के संबंध में पात्रों के कथन भी गजब हैं।
"क्रांति का मकसद क्या होगा?"
क्रांति करने वाले राघव का एक कथन देखिए-
"एक ऐसा समाज बनाना, जिसमें सत्ता से ज्यादा सच, न्याय, और समानता का सम्मान हो। ऐसे समाज ही सबसे ज्यादा तरक्की करते हैं।"
आरती के प्यार में उलझे दो युवक एक परिस्थितियों से सबक लेकर अमीर बनना चाहता है शायद उसे अपना प्यार मिल जाये, दूसरा परिस्थितियां बदलना चाहता है। इन दोनों के बीच है आरती।
पूरे उपन्यास में एकमात्र एक अंतरंग दृश्य को छोङकर सब रोचक, भावुक व पठनीय है।
उपन्यास की भाषा शैली सरल, सहज व प्रवाहमय है।
कुछ कथन आपको हमेशा याद रहेंगे व कथोपकथन उपन्यास के पात्रों का सजीव वर्ण करने वाले हैं।
एक प्यार, शिक्षा व आर्थिक रूप से असफल युवक की प्रेमकथा पढने योग्य है।।
रेवोल्यूशन -क्रांति
लव- प्यार
क्रप्शन- भ्रष्टाचार
एम्बिशन- इच्छा
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उपन्यास - रेवोल्यूशन 2020
लेखक - चेतन भगत
प्रकाशक- रूपा पब्लिकेशन, दिल्ली
अनुवादक- सुशोभित शक्तावत।
मूल्य-225/-रुपये
पृष्ठ -338
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