Wednesday 15 April 2020

292. भूतिया हवेली- मनमोहन भाटिया

भूतों की कहानियाँ
भूतिया हवेली- मनमोहन भाटिया, हाॅरर कहानी संग्रह
प्रस्तुत संग्रह में कुल छह कहानियों है जो अलग-अलग परिवेश पर आधारित हैं।
    कहानियाँ आपको एक अलग दुनियां में ले जायेगी जहाँ भूतों का एक अलग संसार है। जहाँ खतरनाक बिल्लियां हैं, राजस्थान का तपता रेगिस्तान है और उसमें घटित भयजनक किस्से हैं, तो कहीं पहाड़ के भूत भी हैं। अच्छे भूत हैं तो बुरे भूत भी हैं, काली-भूरी भूतियां बिल्लियां भी है। कुल मिलाकर कह सकते हैं की इस हाॅरर संग्रह में आपको विभिन्न रंग देखने को मिलेंगे।
इस संग्रह में कुल छह कहानियाँ है।
     भूत इस संग्रह की प्रथम कहानी है जो एक रहस्यम तरीके से मृत लड़की पर आधारित है।
वहीं द्वितीय कहानी एक 'अच्छे भूत' की है पर यह कहानी न होकर मात्र एक घटना प्रतीत होती है। हां अगर पात्रों के दृष्टिकोण से देखा जाये तो सिहरन पैदा करने वाली स्थिति का वर्णन सही है।       ऐसी ही एक मात्र घटना या कहें तो मात्र दो पात्रों की बातचीत पर आधारित कहानी है- भूतिया महल
इस में एक पात्र भूतिया बातों का या भूत देखने का वर्णन करता है।- मैंने आपको यहां आने से पहले बताया नही। बताया इसलिए कि शायद सुनकर आप यहां नही आते। यह महल भूतिया महल है। इस महल को हॉन्टेड पैलेस कहते हैं।”
इस कहानी का एक और अंश देख लीजिएगा- “बेल्जियम के प्रसिद्ध आर्किटेक्ट ‘राफेल’ को राजस्थान की एक पुरानी हवेली को पांच तारा होटल में परिवर्तित करने के प्रोजेक्ट में शामिल किया जाता है। यह भूतिया महल बहुत पुराना है और इसको एक नए तरीके से संवार कर पर्यटक स्थल बनाना है जिसमे उनका साथ देते हैं भारत के आर्किटेक्ट विनोद राय। उस रात जब उनकी टीम उस हवेली में पहुँचती है तो विनोद राय का दिमाग ये जानकार सुन्न हो गया की राफेल भूतों से बात कर रहा है।”
   

"मुझे अजीब सा लग रहा है। आदमी कोई रहता नहीं कोठी में, बिल्ली रह रही है और वो भी डरावनी।”
यह दृश्य है 'भूरी बिल्ली' कहानी का। यह कहानी एक सुनसान कोठी की है। और वह कोठि है न्यू समर हिल में।

न्यू समर हिल - हिमालय की तलहटी पर बसा एक छोटा सा हिल स्टेशन जहां पूरे वर्ष मौसम खुश नुमा रहता है। न तो अधिक ठण्ड पड़ती है और न अधिक गर्मी। इस कारण पूरे साल सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है। अधिक ऊंचाई पर नहीं है। चारों और से छोटी-छोटी पहाड़ियों से घिरा न्यू समर हिल में अक्सर बादल आंख मिचोली करते रहते हैं। बीच-बीच में धूप आ जाती है, फिर बादल और शाम के समय धुंध। इस अनुपम छटा के दर्शन के लिए सैलानियो की भीड़ उमड़ी रहती है। होटल और रिसॉर्ट्स खूब चलते हैं।
     

हवेली

     यह कहानी राजस्थान के परिवेश पर आधारित है। मुझे राजस्थान के परिवेश पर आधारित कहानियाँ बहुत अच्छी लगती हैं।- जून का महीना और समय दोपहर के लगभग ढाई बजे राजस्थान के राज्यमार्ग पर विवेक अपने मित्र सुदर्शन के साथ कार में सफर कर रहे थे।
दोनों के साथ वहाँ कुछ हैरतअंगेज घटनाएं घटित होती हैं।
    

   इस कहानी संग्रह में चाहे कहानियाँ हाॅरर हैं पर उनमें कहीं थ्रिलर नहीं है, इसलिए ये कहानियाँ बस एक घटनाएं सी लगती हैं। अगर हाॅरर कहानियों में साथ-साथ सस्पेंश हो तो पढने का आनंद बढ जाता है। 
    वहीं कुछ कहानियों में घटनाएं अस्पष्ट हैं तो कहीं कुछ प्रश्नों के उत्तर गायब हैं। 

प्रथम कहानी 'भूत' में भूत को कहानी के पात्र 'भाटिया' को साथ ले जाने की क्या आवश्यकता थी जब सब कार्य भूत को ही करने थे।

रोहित तुम समझते थे कि आज दस साल बाद तुम्हें यहां कौन पहचानेगा, जब पुलिस ने भी केस फाईल बंद कर दी है।"
पहली बात तो पुलिस ऐसे केस बंद नहीं करती दूसरा कातिल को पुनः उस शहर में आने की क्या आवश्यकता थी।

वहीं 'भूरी बिल्ली' ने अपना बदला ले लिया पर यह बदला किस बात का था कहीं कुछ स्पष्ट नहीं होता।
"साब जी, यह जरूर .........ही बिल्ली थी, जिन्होंने अपने कातिल से बदला लिया। बहुत खतरनाक बदला होता है साब जी।”

प्रस्तुत कहानी संग्रह बड़ा नहीं है। और अधिकांश कहानियाँ भी मध्यम स्तर की हैं। कुछ कहानियाँ मात्र घटनाएं भर हैं और वो घटनाएं क्यों घटित हुयी, ऐसा कहीं कुछ स्पष्ट नहीं होता।
कहानी संग्रह एक बार पढा जा सकता है।
संग्रह की कहानियाँ ।
1. भूत
2. अच्छा भूत
3. काली बिल्ली
4. भूतिया महल
5. भूरी बिल्ली
6. हवेली

कहानी संग्रह- भूतिया हवेली
लेखक- मनमोहन भाटिया
प्रकाशक- flydreams publication
पृष्ठ- 69 (ebook)
मूल्य-
अमेजन‌ लिंक- भूतिया हवेली



Bhutiya Haweli (Anthology)
© Man Mohan Bhatia-2018 (Author)
First Edition (Sep-2018)
Genre- Horror (Hindi)
Price (in India) – INR 100.
Cover- Rahul Max
Publisher: FlyDreams Publications
Email-TeamFlyDreams@gmail.com 

1 comment:

  1. Aapki Book Bhut Auchi hai ji Thank you so much Veere

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