एक लड़की की रोमांचक जिंदगी।
मैडम नताशा का प्रेमी- अमित खान, उपन्यास
मेरी किस्मत शुरु से ही खराब रही।
हालांकि इस दुनियां में लड़की होना ही अपने आप में बहुत बड़ा अभिशाप है।
जबकि मैं लडकी थी और बदकिस्मत भी थी।
यानि दोनों अवगुण मेरे अंदर थे।
जरा सोचिए...ऐसी हालत में मेरे ऊपर क्या गुजरी होगी।
सबसे पहले मैं आपको अपना नाम बताती हूँ।
नताशा शर्मा।
यही मेरा नाम है।
अपने नाम की तरह ही मैं खुबसूरत हूँ। (पृष्ठ-09,10)
उक्त कथानक है अमित खान ही के उपन्यास 'मैडम नताशा का प्रेमी' का। यह एक 'हाॅट थ्रिलर उपन्यास है। पहले मुझे लगा की उपन्यास में कुछ 'हाॅट' दृश्य होंगे और थ्रिलर के नाम पर एक्शन होगा। लेकिन जब उपन्यास पठना आरम्भ किया तो उक्त धारणाएं खत्म हो गयी। यह वास्तव में एक जबरदस्त थ्रिलर उपन्यास है जिसका आधार मात्र 'हाॅट' कहा जा सकता है। उपन्यास में कहीं जबरन अश्लील का पुट नहीं दिया गया और हां, रोमांच गजब है।
अब बात करें उपन्यास की तो यह उपन्यास मैडम नताशा के जीवन पर आधारित है। नताशा खूबसूरत तो है लेकिन उसके जीवन में प्रेम नहीं है। एक साधु बाबा ने यह भविष्यवाणी की थी। -"इसकी किस्मत में प्रेम नहीं है। यह सदा पुरुष के प्रेम को तरसेगी। पुरूष का प्रेम...वह चाहे पिता के रूप में हो या प्रेमी के रूप में..इसे कभी पुरूष का प्रेम नहीं मिलेगा। (पृष्ठ-12)
बस इसी को चैलेंज के रूप में लिया नताशा ने। उसे एक नहीं अनेक प्रेमी मिले लेकिन हर प्रेमी के साथ धोखा भी। प्रेम और धोखे ने नताशा का जीवन ही बदल दिया। वह न चाहते हुए भी एक ऐसे भंवर में फंस गयी जहाँ उसे बदहाल जिंदगी के अतिरिक्त भी बहुत कुछ मिला लेकिन स्थायी कुछ भी न था।
बड़ी अजीब थी नताशा की किस्मत उसने जिस किसी पुरुष से प्रेम किया उसी ने उसे धोखा दिया। उसने अपने कई प्रेमियों को मौत के घाट उतार डाला। हत्या की एक हैरत अंगेज स्कीम। ( उपन्यास के आवरण पृष्ठ से)
उपन्यास के विषय में ज्यादा कुछ लिखने का अर्थ होगा उपन्यास का आनंद खत्म करना। उपन्यास का असली आनंद इसे पढनें में ही है।
फिर भी उपन्यास पर कुछ चर्चा करें तो यह रोमांच से आरम्भ होती है एक्शन से गुजरती हुयी एक सस्पेंश के साथ अपने समापन को प्राप्त होती है।
उपन्यास कट हर पात्र एक नया रोमांच लेकर ही आता है। लेकिन जाता वह एक सस्पेंश के साथ है।
अमित खान जी ने उपन्यास में कुछ ऐसे कथनों का उपयोग किया है जो एक तरह से 'सुक्ति' का काम करते हैं। ये मात्र लेखक के विचार न होकर सत्य कथन है।
- प्रेमी...जो अगर अन्तर्मन से प्यार करे, तो उसकी बाहों जैसा स्वर्ग दुनियां में और कहीं नहीं।
- मर्द की फितरत बड़ी रंगीन होती है। वह जैसे-जैसे उम्र की ढलान की तरफ बढता है...वैसे-वैसे उसके पर फड़फड़ाने लगते हैं।
उपन्यास एक 'हाॅट थ्रिलर' के अलावा भी महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान आकृष्ट करता है। जैसे- कुछ लम्पट किस्म के उम्रदराज भी बच्चियों पर कुदृष्टि रखते हैं। उनसे सावधान रहना जरूरी है।
प्रस्तुत उपन्यास मात्र 'हाॅट' कथानक न होकर एक जबरदस्त थ्रिलर गाथा है। कहानी इतनी दिलचस्प है की एक ही बैठक में पठनीय है।
अगर आप थ्रिलर उपन्यास पसंद करते हैं तो यह उपन्यास आपको अवश्य अच्छा लगेगा।
-
उपन्यास- मैडम नताशा का प्रेमी
लेखक- अमित खान
प्रकाशक- शिवा पॉकेट बुक्स
पृष्ठ- 236
अमित खान का पचासवां उपन्यास।
हाॅट थ्रिलर शृृंखला।
मैडम नताशा का प्रेमी- अमित खान, उपन्यास
मेरी किस्मत शुरु से ही खराब रही।
हालांकि इस दुनियां में लड़की होना ही अपने आप में बहुत बड़ा अभिशाप है।
जबकि मैं लडकी थी और बदकिस्मत भी थी।
यानि दोनों अवगुण मेरे अंदर थे।
जरा सोचिए...ऐसी हालत में मेरे ऊपर क्या गुजरी होगी।
सबसे पहले मैं आपको अपना नाम बताती हूँ।
नताशा शर्मा।
यही मेरा नाम है।
अपने नाम की तरह ही मैं खुबसूरत हूँ। (पृष्ठ-09,10)
उक्त कथानक है अमित खान ही के उपन्यास 'मैडम नताशा का प्रेमी' का। यह एक 'हाॅट थ्रिलर उपन्यास है। पहले मुझे लगा की उपन्यास में कुछ 'हाॅट' दृश्य होंगे और थ्रिलर के नाम पर एक्शन होगा। लेकिन जब उपन्यास पठना आरम्भ किया तो उक्त धारणाएं खत्म हो गयी। यह वास्तव में एक जबरदस्त थ्रिलर उपन्यास है जिसका आधार मात्र 'हाॅट' कहा जा सकता है। उपन्यास में कहीं जबरन अश्लील का पुट नहीं दिया गया और हां, रोमांच गजब है।
अब बात करें उपन्यास की तो यह उपन्यास मैडम नताशा के जीवन पर आधारित है। नताशा खूबसूरत तो है लेकिन उसके जीवन में प्रेम नहीं है। एक साधु बाबा ने यह भविष्यवाणी की थी। -"इसकी किस्मत में प्रेम नहीं है। यह सदा पुरुष के प्रेम को तरसेगी। पुरूष का प्रेम...वह चाहे पिता के रूप में हो या प्रेमी के रूप में..इसे कभी पुरूष का प्रेम नहीं मिलेगा। (पृष्ठ-12)
बस इसी को चैलेंज के रूप में लिया नताशा ने। उसे एक नहीं अनेक प्रेमी मिले लेकिन हर प्रेमी के साथ धोखा भी। प्रेम और धोखे ने नताशा का जीवन ही बदल दिया। वह न चाहते हुए भी एक ऐसे भंवर में फंस गयी जहाँ उसे बदहाल जिंदगी के अतिरिक्त भी बहुत कुछ मिला लेकिन स्थायी कुछ भी न था।
बड़ी अजीब थी नताशा की किस्मत उसने जिस किसी पुरुष से प्रेम किया उसी ने उसे धोखा दिया। उसने अपने कई प्रेमियों को मौत के घाट उतार डाला। हत्या की एक हैरत अंगेज स्कीम। ( उपन्यास के आवरण पृष्ठ से)
उपन्यास के विषय में ज्यादा कुछ लिखने का अर्थ होगा उपन्यास का आनंद खत्म करना। उपन्यास का असली आनंद इसे पढनें में ही है।
फिर भी उपन्यास पर कुछ चर्चा करें तो यह रोमांच से आरम्भ होती है एक्शन से गुजरती हुयी एक सस्पेंश के साथ अपने समापन को प्राप्त होती है।
उपन्यास कट हर पात्र एक नया रोमांच लेकर ही आता है। लेकिन जाता वह एक सस्पेंश के साथ है।
अमित खान जी ने उपन्यास में कुछ ऐसे कथनों का उपयोग किया है जो एक तरह से 'सुक्ति' का काम करते हैं। ये मात्र लेखक के विचार न होकर सत्य कथन है।
- प्रेमी...जो अगर अन्तर्मन से प्यार करे, तो उसकी बाहों जैसा स्वर्ग दुनियां में और कहीं नहीं।
- मर्द की फितरत बड़ी रंगीन होती है। वह जैसे-जैसे उम्र की ढलान की तरफ बढता है...वैसे-वैसे उसके पर फड़फड़ाने लगते हैं।
उपन्यास एक 'हाॅट थ्रिलर' के अलावा भी महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान आकृष्ट करता है। जैसे- कुछ लम्पट किस्म के उम्रदराज भी बच्चियों पर कुदृष्टि रखते हैं। उनसे सावधान रहना जरूरी है।
प्रस्तुत उपन्यास मात्र 'हाॅट' कथानक न होकर एक जबरदस्त थ्रिलर गाथा है। कहानी इतनी दिलचस्प है की एक ही बैठक में पठनीय है।
अगर आप थ्रिलर उपन्यास पसंद करते हैं तो यह उपन्यास आपको अवश्य अच्छा लगेगा।
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उपन्यास- मैडम नताशा का प्रेमी
लेखक- अमित खान
प्रकाशक- शिवा पॉकेट बुक्स
पृष्ठ- 236
अमित खान का पचासवां उपन्यास।
हाॅट थ्रिलर शृृंखला।
रोचक लग रहा है। मैंने अमित खान के दो तीन उपन्यास पढ़े हैं और कुछ लेकर रखें हैं। ये भी मिलता है तो लेने की कोशिश करूंगा।
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