कुछ कहानियाँ, कुछ कविताएँ
वो प्यार, मोहब्बत की कहानी- निपुण गुप्ता
यह किताब महज एक किताब नहीं है, एक सफर है जिसे हर एक व्यक्ति अपने जीवनकाल में एक बार जरूर तय करता है । कभी पहली नजर में, तो कभी सालों की गहरी दोस्ती के बाद, कभी किसी सुबह साथ हँसते हुए तो कभी किसी अकेली रात में उसको याद कर रोते हुए । कभी ना कभी, कहीं ना कहीं, हर इंसान एक बार मोहब्बत जरुर करता है ।
यह सफर आपको जिन्दगी के अलग-अलग पहलुओं से लेकर गुजरेगा जिसमें कहीं आपको ईष्र्या मिलेगी तो कहीं जुदाई का दर्द, कहीं आपको सफलता की ओर बढ़ते कदम मिलेंगे तो कहीं राह से भटके विचार । इन सब परिस्थितियों में जो एक चीज आपको हर जगह दिखेगी वो है दो लोगों का प्यार ।उफ्फ! यह मोहब्बत... (किताब से)
Lockdown में नयी किताबें पढने के लिए किंडल बहुत उपयोगी साहिब हो रहा है। नये और पुराने लेखकों के साथ-साथ आप विभिन्न विधाओं का रसास्वादन कर सकते हैं। इसी रसास्वादन में कई बार बहुत अच्छी रचनाएँ मिल जाती हैं और कई बार ऐसी रचनाएँ भी पढने को मिल जाती है जो बिलकुल ही नीरस होती है। कुछ नये अनुभव शामिल हो रहे हैं पढने मेंं।
फेसबुक पर एक कहानी संग्रह की पोस्ट देखी तो मैं तुरंत लिंक के माध्यम से कहानी संग्रह पर पहुँच गया।
निपुण गुप्ता मेरे लिए नये लेखक थे, अब नये को पढने का अनुभव ग्रहण करना था
कहानी संग्रह 'वो प्यार, मोहब्बत की कहानी' में कुल पांच कहानियाँ है। पांचों कहानियाँ सिर्फ प्यार की बात करती हैं और विशेष बात ये भी है कि ये पांचों कहानियाँ स्मृतियाँ हैं। किसी के बिछुड़ने की स्मृति, किसी के यादों में खोया है कोई, किसी को किसी का इंतजार है।
अगर इस संग्रह को स्मृतियों का संग्रह कहा जाये तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
कुछ चर्चा कहानियों की।
1. उसकी याद-
जैसा की शीर्षक से ही स्पष्ट होता है यह कहानी किसी की याद में खोये एक व्यक्ति की कथा है। कथा भी क्या है चाय पीते हुए कथानायक को कुछ स्मृतियाँ घेर लेती है। वह कहता है- रोक लो, कोई तो रोक लो इस पल को, उसके ना सही तो उसकी यादों के साथ ही मैं खुश हूँ ।
2. प्यार या आदत-
आदत... एक बहुत छोटा सा शब्द जिसके वजन के नीचे आपकी पूरी जिंदगी दब कर चूर-चूर हो जाए, तब भी आप इससे बेवफ़ाई करने का नहीं सोचेंगे।
यह कहानी प्यार में खोये एक शख्स की है जिसकी जिंदगी में प्यार अब आदत की शामिल हो गया है।
3. वो अर्सा था या एक जमाना
यह सुनहरी यादों में खोये एक इंसान की कहानी है। प्यारे का मिलना और फिर उससे विलग होने का कथानक है।
4. उफ ! यह दूरियाँ
इंसान के अंदर का भावना केंद्र, नई वस्तु को चाहे वो जीवित हो या निर्जीव, अधिक मुलवान क्यूँ करार देता है, मैं समझने में आसमर्थ रहा हूँ।
काश.....ऐसा होता। इसी काश को आधार बना कर लिखी गयी है कहानी 'उफ! ये दूरियाँ'। प्यार, काश और दूरियाँ इन बिंदुओं पर आधारित है यह कहानी।
5. मोहब्बत
प्यार की तरह मोहब्बत, जंजीरों की मोहताज नहीं । इसमें समझदारी है, बचपना नहीं; धैर्ये है, उत्सुकता नहीं; ठहराव है, व्याकुलता नहीं; एक से है, अनेक से नहीं ।
प्यार और मोहब्बत में अंतर करती एक प्यारी सी कहानी है 'मोहब्बत'
भाषा शैली के स्तर पर लेखक महोदय प्रशंसा के योग्य हैं। भाषा शैली कहानियों के अनुरूप हैं। कहानियों में कहीं संवाद की आवश्यकता नहीं है क्योंकि सब नायक द्वारा सोचा जा रहा है। ऐसी परिस्थितियों में भाषा पर अच्छी पकड़ ही कहानी को मजबूती प्रदान करती है।
कुछ उदाहरण देखें-
- हर इज़हार में तेरा इकरार चाहता हूँ, दूरियों के साथ ही
सही बस तेरा प्यार चाहता हूँ।
- बहुत ही अनोखा सा रिश्ता है हमारा, जैसे दोस्ती ने अपनी
बाँहों में जकड़ कर ऊपर से प्यार का कंबल डाल लिया हो।
- हर इज़हार में तेरा इकरार चाहता हूँ,
दूरियों के साथ ही सही बस तेरा प्यार चाहता हूँ ।
इस कहानी संग्रह में कुल पांच कहानियाँ है और शेष कविताएँ हैं। जहाँ कहानियाँ वास्तव में अच्छी हैं वहीं कविताएँ मात्र तुकबंदी जान पड़ती हैं। कहानी खत्म होने के बाद एक दो कविताएँ दी गयी हैं। अगर कविताएँ अलग से दी होती तो ज्यादा अच्छा रहता। कहीं कहीं तो यह भी पता नहीं चलता कब कहानी खत्म हुयी और कब कविता आरम्भ हुयी।
लेखक का प्रयास अच्छा है पर अभी संग्रह में संशोधन की अतिआवश्यकता है। ऐसा लगता है जैसे संपादक महोदय ने कोई विशेष मेहनत नहीं की।
कहानियों के स्तर पर संग्रह पढा जा सकता है।
कहानी संग्रह- वो प्यार, मोहब्बत की कहानी
लेखक- निपुण गुप्ता
प्रकाशक- सन्मति पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स
website : www.sanmatiindia.com
email: sanmati555@gmail.com
पृष्ठ- 57
लिंक- वो प्यार मोहब्बत की कहानी, निपुण गुप्ता
वो प्यार, मोहब्बत की कहानी- निपुण गुप्ता
यह किताब महज एक किताब नहीं है, एक सफर है जिसे हर एक व्यक्ति अपने जीवनकाल में एक बार जरूर तय करता है । कभी पहली नजर में, तो कभी सालों की गहरी दोस्ती के बाद, कभी किसी सुबह साथ हँसते हुए तो कभी किसी अकेली रात में उसको याद कर रोते हुए । कभी ना कभी, कहीं ना कहीं, हर इंसान एक बार मोहब्बत जरुर करता है ।
यह सफर आपको जिन्दगी के अलग-अलग पहलुओं से लेकर गुजरेगा जिसमें कहीं आपको ईष्र्या मिलेगी तो कहीं जुदाई का दर्द, कहीं आपको सफलता की ओर बढ़ते कदम मिलेंगे तो कहीं राह से भटके विचार । इन सब परिस्थितियों में जो एक चीज आपको हर जगह दिखेगी वो है दो लोगों का प्यार ।उफ्फ! यह मोहब्बत... (किताब से)
Lockdown में नयी किताबें पढने के लिए किंडल बहुत उपयोगी साहिब हो रहा है। नये और पुराने लेखकों के साथ-साथ आप विभिन्न विधाओं का रसास्वादन कर सकते हैं। इसी रसास्वादन में कई बार बहुत अच्छी रचनाएँ मिल जाती हैं और कई बार ऐसी रचनाएँ भी पढने को मिल जाती है जो बिलकुल ही नीरस होती है। कुछ नये अनुभव शामिल हो रहे हैं पढने मेंं।
फेसबुक पर एक कहानी संग्रह की पोस्ट देखी तो मैं तुरंत लिंक के माध्यम से कहानी संग्रह पर पहुँच गया।
निपुण गुप्ता मेरे लिए नये लेखक थे, अब नये को पढने का अनुभव ग्रहण करना था
कहानी संग्रह 'वो प्यार, मोहब्बत की कहानी' में कुल पांच कहानियाँ है। पांचों कहानियाँ सिर्फ प्यार की बात करती हैं और विशेष बात ये भी है कि ये पांचों कहानियाँ स्मृतियाँ हैं। किसी के बिछुड़ने की स्मृति, किसी के यादों में खोया है कोई, किसी को किसी का इंतजार है।
अगर इस संग्रह को स्मृतियों का संग्रह कहा जाये तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
कुछ चर्चा कहानियों की।
1. उसकी याद-
जैसा की शीर्षक से ही स्पष्ट होता है यह कहानी किसी की याद में खोये एक व्यक्ति की कथा है। कथा भी क्या है चाय पीते हुए कथानायक को कुछ स्मृतियाँ घेर लेती है। वह कहता है- रोक लो, कोई तो रोक लो इस पल को, उसके ना सही तो उसकी यादों के साथ ही मैं खुश हूँ ।
2. प्यार या आदत-
आदत... एक बहुत छोटा सा शब्द जिसके वजन के नीचे आपकी पूरी जिंदगी दब कर चूर-चूर हो जाए, तब भी आप इससे बेवफ़ाई करने का नहीं सोचेंगे।
यह कहानी प्यार में खोये एक शख्स की है जिसकी जिंदगी में प्यार अब आदत की शामिल हो गया है।
3. वो अर्सा था या एक जमाना
यह सुनहरी यादों में खोये एक इंसान की कहानी है। प्यारे का मिलना और फिर उससे विलग होने का कथानक है।
4. उफ ! यह दूरियाँ
इंसान के अंदर का भावना केंद्र, नई वस्तु को चाहे वो जीवित हो या निर्जीव, अधिक मुलवान क्यूँ करार देता है, मैं समझने में आसमर्थ रहा हूँ।
काश.....ऐसा होता। इसी काश को आधार बना कर लिखी गयी है कहानी 'उफ! ये दूरियाँ'। प्यार, काश और दूरियाँ इन बिंदुओं पर आधारित है यह कहानी।
5. मोहब्बत
प्यार की तरह मोहब्बत, जंजीरों की मोहताज नहीं । इसमें समझदारी है, बचपना नहीं; धैर्ये है, उत्सुकता नहीं; ठहराव है, व्याकुलता नहीं; एक से है, अनेक से नहीं ।
प्यार और मोहब्बत में अंतर करती एक प्यारी सी कहानी है 'मोहब्बत'
भाषा शैली के स्तर पर लेखक महोदय प्रशंसा के योग्य हैं। भाषा शैली कहानियों के अनुरूप हैं। कहानियों में कहीं संवाद की आवश्यकता नहीं है क्योंकि सब नायक द्वारा सोचा जा रहा है। ऐसी परिस्थितियों में भाषा पर अच्छी पकड़ ही कहानी को मजबूती प्रदान करती है।
कुछ उदाहरण देखें-
- हर इज़हार में तेरा इकरार चाहता हूँ, दूरियों के साथ ही
सही बस तेरा प्यार चाहता हूँ।
- बहुत ही अनोखा सा रिश्ता है हमारा, जैसे दोस्ती ने अपनी
बाँहों में जकड़ कर ऊपर से प्यार का कंबल डाल लिया हो।
- हर इज़हार में तेरा इकरार चाहता हूँ,
दूरियों के साथ ही सही बस तेरा प्यार चाहता हूँ ।
इस कहानी संग्रह में कुल पांच कहानियाँ है और शेष कविताएँ हैं। जहाँ कहानियाँ वास्तव में अच्छी हैं वहीं कविताएँ मात्र तुकबंदी जान पड़ती हैं। कहानी खत्म होने के बाद एक दो कविताएँ दी गयी हैं। अगर कविताएँ अलग से दी होती तो ज्यादा अच्छा रहता। कहीं कहीं तो यह भी पता नहीं चलता कब कहानी खत्म हुयी और कब कविता आरम्भ हुयी।
लेखक का प्रयास अच्छा है पर अभी संग्रह में संशोधन की अतिआवश्यकता है। ऐसा लगता है जैसे संपादक महोदय ने कोई विशेष मेहनत नहीं की।
कहानियों के स्तर पर संग्रह पढा जा सकता है।
कहानी संग्रह- वो प्यार, मोहब्बत की कहानी
लेखक- निपुण गुप्ता
प्रकाशक- सन्मति पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स
website : www.sanmatiindia.com
email: sanmati555@gmail.com
पृष्ठ- 57
लिंक- वो प्यार मोहब्बत की कहानी, निपुण गुप्ता
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