Friday 27 May 2022

Saturday 21 May 2022

520.अंधेरे का आदमी - विक्की आनंद

कथा प्रतिशोध की
अंधेरे का आदमी - विक्की आनंद

वह शहर के कथित इज्जतदार व्यक्ति थे। जो समाज के महत्वपूर्ण पदों पर विराजित थे। लेकिन वासना के उन दरिंदों ने मासूम लोगों पर जो कहर बरसाया उसका परिणाम एक न एक दिन सामने आना ही था। और एक दिन 'अंधेरे के आदमी' ने उनके पापों की सजा फलस्वरूप उनकी उनकी जिंदगी से रोशनी छीन ली।
   डायमण्ड पॉकेट बुक्स ने बाजार में कई Ghost writer उतारे थे जिनमें से एक थे विक्की आनंद। विक्की आनंद जो डैडमैन सीरीज के कारण कुछ चर्चा में रहे थे। इन्हीं विक्की आनंद का उपन्यास 'अंधेरे का आदमी' पढने को मिला जो एक रोमांच से परिपूर्ण उपन्यास है।
    कहानी के मुख्य पात्र हैं फिल्म अभिनेता विनोद पाण्डे, कुंवर जमशेद राणा जिसके पिता कभी एक बड़ी रियासते के राजा थे, कई मिलों का मालिक सेठ शहनवाज खान, भूतपूर्व राजा शमशेर सिंह, राजनेता रंजीत वर्मा जो समाज के सामने तो सफेदपोश लोग हैं लेकिन ये सफेदपोश लोग वास्‍तव में वासना के मरीज हैं। समाज में अपने प्रभुत्व और धन के बल पर असंख्य औरतों की इज्जत से खिलवाड़ किया है।

Friday 13 May 2022

519. मैंटल मसीहा- अंसार अख्तर

अंसार अख्तर का प्रथम उपन्यास
मैंटल मसीहा- अंसार अख्तर

"... मैं यहाँ बैठकर रेडीयो लहरों व इलैक्ट्रा के मिश्रण से तबाही मचा सकता हूँ। दुनिया के जिस देश, जिस शहर और जिस व्यक्ति को चाहूँ नष्ट कर सकता हूँ। मेरे हाथों में पूर्ण शक्ति है। मैं संसार का भावी डिक्टेटर हूँ। अगर सारी सरकारों ने मेरा आदेश न माना तो मैं पूरे विश्व को नष्ट कर दूंगा।" 
  मैंटल मसीहा 'अंसार अख्तर' साहब का अपने नाम से प्रकाशित होने वाला प्रथम उपन्यास है। वैसे तो अंसार अख्तर साहब लोकप्रिय उपन्यास साहित्य में लम्बे समय से सक्रिय हैं, उन्होंने विभिन्न नामों से Ghost writing की है। उपन्यास के अतिरिक्त काॅमिक्स क्षेत्र में 'राम- रहीम' और 'हवलदार बहादुर' जैसे पात्रों का सृजन करने और  'हिंद पॉकेट बुक्स' जैसी प्रसिद्ध संस्थान में 'अमित', 'अमिताभ' जैसे नाम से लेखन कार्य करने के पश्चात अंसार अख्तर साहब को स्वयं के नाम से प्रकाशित होने का अवसर 2019 में 'प्रिंस पब्लिकेशन' के माध्यम से मिला।
      अंसार साहब का प्रस्तुत उपन्यास 'मैंटल मसीहा' एक तेज रफ्तार उपन्यास है जो सुपर हीरो टाइप की कहानी  प्रस्तुत करता है। उपन्यास पढते वक्त पाठक को काॅमिक्स और उपन्यास का मिश्रण महसूस होगा। 

Tuesday 10 May 2022

518. तीसरी आँख - कमलदीप

 लेखक कमलदीप का प्रथम उपन्यास
तीसरी आँख - कमलदीप #मर्डर मिस्ट्री

पत्थर की जुबान रखने वाले शातिर अपराधी भी अमन के आगे तोते की तरह बोलने लगता था। मुर्दे के हलक में हाथ डालकर सच्चाई उगलवाने की काबिलियत थी उसमे , वही अमन वर्मा रामा पैलेस में एक के बाद एक हो रहे क़त्ल के चक्रव्यूह में उलझ कर रह गया था। तीन -तीन क़त्ल की वारदांतो ने उस तेज तरार जासूस की खोपड़ी घुमा कर रख दी थी उसकी तीसरी आँख क्या इन क़त्ल का राज़ उजागर कर सकी...?  
    'तीसरी आँख' कमलदीप जी के स्वयं के नाम से प्रकाशित होने वाला प्रथम उपन्यास है। उपन्यास का प्रकाशन 'अजय पॉकेट बुक्स- दिल्ली' ने किया है। कमलदीप जी लम्बे समय से उपन्यास साहित्य में सक्रिय हैं, पर Ghost Writing के शिकार होने के कारण कभी स्वयं के नाम से प्रकाशित होने का अवसर नहीं मिला। 'अजय पॉकेट बुक्स' के कथनानुसार गौरी पॉकेट बुक्स से प्रकाशित होने वाले Ghost writer 'केशव पण्डित' का प्रथम उपन्यास 'सुहाग की हत्या' कमलदीप जी द्वारा लिखा गया है।

Friday 6 May 2022

517. साजन मेरे शातिर- आनंद चौधरी

एक तेज दिमाग अपराधी का जाल
साजन‌ मेरे शातिर- आनंद कुमार चौधरी

 
      प्रस्तुत उपन्यास की कहानी एक तेज तर्रार एक अपराधी की है जो अपराध तो करता है लेकिन कानून का फंदा किसी और के गले में डालने की योजना के साथ।
शातिर अपराधी द्वारा खेला गया वो खूनी खेल जिसने कानून के रक्षकों को चकराकर रख दिया।
National Garden- Mount Abu

       Hindi Pulp Fiction का वह समय जब उपन्यास साहित्य के मैदान में नये लेखक आ रहे थे और दूसरी तरफ मनोरंजन के साधन तीव्र गति से बदल रहे थे, इन बदलते मनोरंजन के साधनों के साथ ही उपन्यास का दौर भी सिमट रहा था। ऐसे समय में सन् 2008 में आनंद चौधरी जी का उपन्यास 'साजन मेरे शातिर' प्रकाशित हुआ। प्रकाशन के दीर्घ समय पश्चात उपन्यास पढने को मिला।
  और अब आनंद चौधरी एक लम्बे अंतराल पश्चात 'होस्टल हेरीटेज हत्याकाण्ड' (2022) उपन्यास के साथ पुनः लेखन में सक्रिय हुये हैं।
      'साजन मेरे शातिर'    उपन्यास की कहानी एक एक्सीडेंट से होता है, देखने में वह एक सामान्य एक्सीडेंट था जिसमें प्रसिद्ध व्यवसायी हरिमोहन भगत के भाई निरंजन भगत की मृत्यु हो जाती है। देखने में यह एक रोड़ एक्सीडेंट था, लेकिन मौके पर पहुंचे इंस्पेक्टर रमन भौंसलेकर का कहना था- पुलिस वाले को किसी भी घटना या असाधारण बात को हर ऐंगल से ठोक बजाकर सोच लेना चाहिये क्योंकि कभी-कभी ऐसा भी होता है कि ऊपर से छोटी-मोटी लगने वाली घटना भी अंदर से अपने आप में एक बड़ी घटना होती है। (पृष्ठ-12)

आयुष्मान - आनंद चौधरी

अमर होने की चाह.... आयुष्मान- आनंद चौधरी ये अजीबोगरीब दास्तान मोर्चरी के पोस्टमार्टम रूम में पोस्टमार्टम टेबल पर रखी गई एक लाश से शुरू होती...