Friday 25 June 2021

441. आवाज- चन्द्रप्रकाश पाण्डेय

आवाज दो हम को, हम खो गये....
आवाज- चन्द्रप्रकाश पाण्डेय,
हाॅरर उपन्यास, पारलौकिक

"कभी-कभी सच हमारी कल्पना से परे होता है, हैरतअंगेज होता है। ये सच भी वैसा ही है। यकीन न करने लायक सच।” (उपन्यास अंश)
      यही सच 'आवाज' के रूप में पाठकों के सामने लाये हैं युवा लेखक चन्द्रप्रकाश पाण्डेय।
     यह कहानी है सेंट ऑगस्टीन गर्ल्स हॉस्टल, शिमला में रहने वाली छात्रा कैथरिन की।      और जब भी यह आवाज उसे आती तब उसके दिमाग में कोई फुसफुसा कर उसे भविष्य के लिए सावधान करता है।
  कैथरीन के साथ अक्सर ऐसा होता है। कैथरीन को नहीं पता कि वह आवाज किसकी है, बस उसे तो यह पता है यह रहस्यमय आवाज उसे भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं से बचाती है। 

Sunday 20 June 2021

440. चीन का नाग- जुगुलकिशोर सिरवैया

कहानी जो कहानी नहीं...
चीनी नाग-  जुगुलकिशोर सिरवैया

'अरे बाप रे मार डाला।'- वह अधेड़ उम्र का व्यक्ति कार से उतर कर सेंट्रल बैंक आॅफ इण्डिया के सामने खड़ा हुआ था। कि अपनी कनपटी थाम कर चिल्लाता हुआ वह सीमेंट के फर्श पर गिर पड़ा। उसके हाथ में चमड़े का एक बैग था जो छिटक कर दूर जा पड़ा था।
   उक्त दृश्य है श्री जुगुल किशोर सिरवैया द्वारा रचित उपन्यास 'चीन का नाग' का। 
स्वामी विवेकानंद पुस्तकालय-बगीचा-335051

    कभी इलाहाबाद से जासूसी डायरी नामक पत्रिका प्रकाशित होती थी जिसमें लघु कलेवर के जासूसी उपन्यास प्रकाशित होते थे। हालांकि इस पत्रिका पर कहीं कोई वर्ष आदि का उल्लेख तो नहीं है। पर पत्रिका रजिस्टर्ड नम्बर 1676/64 है। इस से इतना तो पता चलता है कि यह उपन्यास सतर के दशक का है।
      कहानी है मुम्बई शहर की जहाँ एक सेठ की दिन दहाड़े हत्या कर दी जाती है और उसका रुपयों से भरा बैग गायब कर दिया जाता है। 

439. ज्वैलथीफ का हत्यारा- राजकिशोर श्रीवास्तव

एक अपराधी अनजाना
ज्वैलथीफ का हत्यारा- राजकिशोर श्रीवास्तव
  
यह कहानी है शहर बम्बई की। बम्बई, बाॅम्बे और अब मुम्बई समय के साथ-साथ यह शहर अपने नाम बदलता रहा है।
    इस शहर में एक में एक अपराधी है जो जनता के गहने लूटता है। बम्बई पुलिस बहुत कोशिश के  बाद भी उस अपराधी तक नहीं पहुँच पाती। 
ज्वैलथीफ का हत्यारा- राजकिशोर
ज्वैलथीफ का हत्यारा- राजकिशोर श्रीवास्तव
      लेकिन एक दिन उसी अपराधी ज्वैलथीफ की लाश मिलती है। पुलिस के लिए यह हत्या एक पहेली बन कर रह जाती है। पुलिस भी मानती है- ...भयंकर ज्वेलथीफ का हत्यारा असाधारण अपराधी होगा यह तो निश्चित बात है।(पृष्ठ-24)
       इन्हीं घटनाओं के दौरान दिल्ली का प्रसिद्ध जासूस हरीश का अपने साथी राकेश और जाॅली के साथ का आगमन कहानी में होता है। और यह केस उसे दे दिया जाता है।-
"एशिया का माना हुआ जासूस है...। उलझन और पेचीदा केस उन्हीं को सौंपा जाता है, उनके सूझबूझ के सामने बड़े से बड़ा और चालाक अपराधी ज्यादा दिन नहीं टिक पाता और कानून की गिरफ्त में आ जाता है।...।" (पृष्ठ-25)
यहाँ से शुरुआत होती है जासूस और 'अनजाना' नामक अपराधी के मध्य संघर्ष की कथा।

Tuesday 8 June 2021

438. बैंक वैन राॅबरी- सुरेन्द्र मोहन‌ पाठक

विमल के विस्फोट संसार की छटी झलक
बैंक वैन राॅबरी- सुरेन्द्र मोहन पाठक

यात्रा के दौरान मेरे पास एक-दो उपन्यास होते हैं जो मेरी यात्रा को सुखद बनाते हैं।
      ग्रीष्मकालीन अवकाश के पश्चात पुनः विद्यालय आरम्भ हो गये। Lockdown की वजह से विद्यालय जल्दी बंद हो गये थे और इस बार विद्यालय जल्दी खुल भी गये। इस बार घर से विद्यालय जाते वक्त प्रस्तुत उपन्यास मेरा साथी था। 
बैंक वैन राॅबरी- सुरेन्द्र मोहन पाठक

आपके प्रिय पात्र सरदार सुरेन्द्र सिंह सोहल उर्फ विमल कुमार खन्ना उर्फ गिरीश माथुर उर्फ बनवारी लाल तांगेवाला उर्फ रमेश कुमार उर्फ कैलाश मल्होत्रा उर्फ बसंत कुमार मोटर मैकेनिक उर्फ नितिन मेहता उर्फ कालीचरण उर्फ आत्मा राम उर्फ पेस्टन जी नौशेरवानजी घड़ीवाला उर्फ अरविंद कौल उर्फ राजा गजेन्द्र सिंह का हौलनाक कारनामा। 

Wednesday 2 June 2021

437. महंत द गाॅडफादर- अमिताभ कुमार

धर्म- राजनीति और अपराध का केन्द्र
महंत- The Godfather- अमिताभ कुमार

  भारत एक धार्मिक देश है। भारत के मूल में धर्म और आध्यात्मिक है लेकिन बदलते परिवेश में धर्म अपने विकृत रुप को प्राप्त हो रहा है। और जब धर्म राजनीति का आश्रय प्राप्त कर अपराध की तरफ बढता है तो उसका चेहरा और भी विकृत हो उठता है। धर्म जब राजनीति और अपराध का केन्द्र बन जाता है और उसी अमिताभ कुमार ने अपनी रचना 'महंत- द गाॅडफादर' में अभिव्यक्त किया है। 

09.11.2020
   इस रचना पर लेखक महोदय का कथन भी देख लीजिएगा- आज सूचना और प्रौद्योगिकी के आधुनिक समय में भी अनपढ और अशिक्षित क्या, पढे-लिखे और तथाकथित सभ्य लोग भी धर्म के नाम पर अपना सब कुछ लूटा रहे हैं। लोगों की धार्मिक भावनाओं का लाभ लेने के लिए आज धर्म के ठेकेदारों में होड़ मची हुई है। धर्म के नाम पर यह धर्म के ठकेदार धर्म का व्यवसाय करके अकूत सम्पत्ति एकत्रित कर, विलासपूर्ण जीवन जी रहे हैं।....सन् साठ और सत्तर के दशक में ये तथाकथित धर्मगुरु परोक्ष रूप से राजनीति और अपराध को नियंत्रण करते थे। अब प्रत्यक्ष रूप से राजनीति में आकर शासन कर रहे हैं और सक्रिय रूप से विभिन्न अपराधों में लिप्त हैं।
   प्रस्तुत कथानक धर्म के इन्हीं विभिन्न रूपों का एक छोटा प्रयास है। (लेखकीय)

Tuesday 1 June 2021

436. सिंगही और मर्डरलैण्ड- वेदप्रकाश शर्मा

जब टकराई विश्व की दो महाशक्तियां
सिंगही और मर्डरलैण्ड- वेदप्रकाश शर्मा
मनुष्य की लालसा कभी शांत होने का नाम नहीं लेती। वह एक सफलता के पश्चात दूसरी सफलता की तलाश में निकल लेती है। लेकिन जब यह लालसा हवश में बदल जाये और हवश भी विश्व पर आधिपत्य की तो...?
  ऐसा ही कुछ उपन्यास 'सिंगही और मर्डरलैण्ड' में है। जहां विश्व की दो महाशक्तियां आप में टकराती हैं और उनके मध्य होता है महा संग्राम। 
अब कुछ चर्चा उपन्यास कथानक पर-
- मोन्टोफो- रूस का योग्य वैज्ञानिक ।(पृष्ठ-60)
- मिस्टर एबनर भारत के प्रमुख वैज्ञानिक हैं। उन्होंने हाल ही मैं एक आश्चर्य में डाल देने वाला आविष्कार किया है। आविष्कार भी इतना महत्वपूर्ण है कि वह जिसके हाथ लग जाएगा वह देश संसार का सर्वशक्तिशाली देश बन जायेगा। (पृष्ठ-11)
- न्यूयॉर्क ही नहीं बल्कि अमेरिका के प्रसिद्ध व होनहार वैज्ञानिक का नाम था- जान माल्टेन।(पृष्ठ-29)
- बांग्लादेश का वैज्ञानिक सरजात।
  लेकिन फिर एक एक के विश्व के वैज्ञानिक गायब होते चले गये। लेकिन गायब होने के साथ ही उनके साथ एक अजीब घटना घटित होती और वह समस्त विश्व के लिए आश्चर्यजनक घटना बनती।
जैसे अमेरिका के प्रसिद्ध वैज्ञानिक के साथ हुआ-
वह किसी बिल्ली की भांति घुटनों के बल फर्श पर बैठा था और ठीक बिल्ली की भांति ही बार-बार जीभ निकालकर फर्श पर पड़ी उस चाय को चाट रहा था....।
जान माल्टेन पूरी तरह बिल्ली तो बन ही चुका था। (पृष्ठ-33)
यह कैसे संभव था की कोई वैज्ञानिक बिल्ली बन जाये और यह एक नहीं विश्व के लगभग देशों में यही घटित हो रहा था।

आयुष्मान - आनंद चौधरी

अमर होने की चाह.... आयुष्मान- आनंद चौधरी ये अजीबोगरीब दास्तान मोर्चरी के पोस्टमार्टम रूम में पोस्टमार्टम टेबल पर रखी गई एक लाश से शुरू होती...