Friday 13 May 2022

519. मैंटल मसीहा- अंसार अख्तर

अंसार अख्तर का प्रथम उपन्यास
मैंटल मसीहा- अंसार अख्तर

"... मैं यहाँ बैठकर रेडीयो लहरों व इलैक्ट्रा के मिश्रण से तबाही मचा सकता हूँ। दुनिया के जिस देश, जिस शहर और जिस व्यक्ति को चाहूँ नष्ट कर सकता हूँ। मेरे हाथों में पूर्ण शक्ति है। मैं संसार का भावी डिक्टेटर हूँ। अगर सारी सरकारों ने मेरा आदेश न माना तो मैं पूरे विश्व को नष्ट कर दूंगा।" 
  मैंटल मसीहा 'अंसार अख्तर' साहब का अपने नाम से प्रकाशित होने वाला प्रथम उपन्यास है। वैसे तो अंसार अख्तर साहब लोकप्रिय उपन्यास साहित्य में लम्बे समय से सक्रिय हैं, उन्होंने विभिन्न नामों से Ghost writing की है। उपन्यास के अतिरिक्त काॅमिक्स क्षेत्र में 'राम- रहीम' और 'हवलदार बहादुर' जैसे पात्रों का सृजन करने और  'हिंद पॉकेट बुक्स' जैसी प्रसिद्ध संस्थान में 'अमित', 'अमिताभ' जैसे नाम से लेखन कार्य करने के पश्चात अंसार अख्तर साहब को स्वयं के नाम से प्रकाशित होने का अवसर 2019 में 'प्रिंस पब्लिकेशन' के माध्यम से मिला।
      अंसार साहब का प्रस्तुत उपन्यास 'मैंटल मसीहा' एक तेज रफ्तार उपन्यास है जो सुपर हीरो टाइप की कहानी  प्रस्तुत करता है। उपन्यास पढते वक्त पाठक को काॅमिक्स और उपन्यास का मिश्रण महसूस होगा।       'मैंटल मसीहा' उपन्यास का कथानक एक नवयुवक से संबंध रखता है, जो विकृत चेहरे का युवक है, मैंटल उसका नाम नहीं था। वह पागल भी नहीं था, मगर उसको मैंटल कह कर ही मुखातिब किया जाता था। बचपन में ही उसका यह नाम पड़ गया था और जवान होते होते उसने इस नाम को पूरी तरह स्वीकार लिया था। वैसे उसका असल नाम सूरज खन्ना था। (उपन्यास अंश)
  
          कथा नायक सूरज खन्ना उर्फ मैंटल, वह एक नीडर और बलशाली व्यक्ति है। कुछ परिस्थितियों और कुछ भावुकता के चलते वह ऐसे दुष्ट व्यक्ति के चंगुल में फंस जाता है जो इस पृथ्वी से 'अधूरे' लोगों को खत्म कर 'सम्पूर्ण' लोगों का राज्य स्थापित करना चाहते हैं।  'सम्पूर्ण' लोगों का राज्य स्थापित करने के लिए आवश्यक है कथित अपूर्ण लिये लोगों को नष्ट किया जाये। - हम लोग एक महत्वपूर्ण संसार चाहते हैं। जिसमें हर चीज पूर्ण हो। इंसान, जानवर, फूल, फल अर्थात् हरेक चीज संपूर्ण हो। अधूरा कुछ भी न हो। (पृष्ठ-99)
और वह शैतान पृथ्वी के कथित अपूर्ण लोगों को नष्ट करने की योजना भी बना लेता है। उस शैतान के हाथ में एक अनोखा आधुनिक हथियार था 'इलैक्ट्रा प्लेग।'
    'इलैक्ट्रा प्लेग' एक नया वायरस था, जो प्लेग की तरह सक्रिय था।
एक उदाहरण देखें-
बिल्ली रुककर उसकी ओर देखने लगी। क्लोज अप में बिल्ली की आँखें और उस व्यक्ति का बिल्ली की ओर बढता हाथ दिखाया गया। हाथ बिल्ली के निकट पहुंच गया और उससे टच हो गया।  एक तेज चमक हुयी। लोग लाश के इर्द-गिर्द एकत्र हो गये।
अब वह बिल्ली किसी पार्क में घुस रही थी।  चिल्ड्रन पार्क में खेल रहे बच्चों ने उस सुंदर बिल्ली को देख कर शोर मचाया। एक बच्चे ने बिल्ली को गोद में उठाना चाहा, एक शोला चमका, बिजली गिरने जैसी कड़क सुनाई दी। बच्चा नीचे गिर गया। उसकी माँ लपक कर उसके निकट पहुंची। बच्चे कॊ छूते  उसके मुँह से चीख निकली, एक चमक हुयी, बिजली कड़की और वह भी ढेर हो गयी। फिर ये सिलसिला चल निकला। जो भी उसकी लाश को छूता 'इलेक्ट्रिक प्लैग' का शिकार बन जाता। लाशों का ढेर लग यहा वहाँ।
(उपन्यास के अंतिम कवर पृष्ठ से)
     जहाँ एक तरफ पृथ्वी के विनाश की कहानी लिखी जा रही है वहीं पृथ्वी के रक्षक भी सक्रिय हैं। जाफरी (पाकिस्तान), सिंघल (भारत), डाॅक्टर मोगाना (अफ्रीका) ये वो लोग हैं जो विनाशक शक्तियों से पृथ्वीवासियों को बचाने क प्रयास करते नजर आते हैं।
    'अपूर्ण लोगों' और कथित 'सम्पूर्ण लोगों' के मध्य उपस्थित है सूरज खन्ना उर्फ मैंटल, अपनी कुछ अतिरिक्त शक्तियों के साथ। अब दोनों पक्षों के लिए सूरज खन्ना का महत्व बढ जाता है, दोनों ही उसकी भावुकता का फायदा उठाकर अपने पक्ष में करना चाहते हैं। स्वयं सूरज खन्ना भी यह नहीं समझ पाता की सही और गलत क्या है। अंततः उसे अपनी विशेषताओं के चलते एक पक्ष का समर्थन करना ही पड़ता।
     अंसार अख्तर साहब द्वारा सृजित 'मैंटल मसीहा' काॅमिक्स उपन्यास कहा जा सकता है, जिसमें एक नायक है जो अतिरिक्त शक्ति से युक्त है, वहीं मानसिक बुद्धिबल से धरती को 'कथित सम्पूर्ण लोगों' की धरती बनाने की ओर अग्रसर एक शैतान मस्तिष्क सक्रिय है। ताकत अक्सर से मनुष्य की बुद्धि का हरण कर लेती है। किसी विद्वान का कथन है 'बल और बुद्धि दो अलग- अलग चीजें हैं।' मनुष्य के पास जब ताकत आ जाती है तो वह बुद्धि का उपयोग विनाश हेतु कर‌ने लग जाता है।
     उपन्यास में कुछ ट्विस्ट हैं जो काफी रोचक हैं। उपन्यास संशोधन की विशेष मांग करता है।
अंसार अख्तर जी द्वारा लिखित 'मैंटल मसीहा' एक तेज रफ्तार थ्रिलर उपन्यास है। उपन्यास का कथानक पृथ्वी का विनाश करने वाले और रक्षक लोगों के संघर्ष की रोचक कहानी प्रस्तुत करता है।
  
उपन्यास- मैंटल मसीहा
लेखक -   अंसार अख्तर
प्रकाशक - प्रिंस  पब्लिकेशन, दिल्ली
प्रथम संस्करण- जनवरी, 2019
मूल्य -   170₹
उपन्यास प्राप्ति- मैंटल मसीहा 

3 comments:

  1. प्रिंस कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित अंसार अख्तर जी के लिए कुछ कॉमिक्स मैंने पढ़े हैं। यह उपन्यास भी रोचक लग रहा है। पढ़ने की कोशिश रहेगी।

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  2. Comics me HB ki badhiya likhi h sir ne comics

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