Friday 3 July 2020

345. सांपों‌ के शिकार- इब्ने सफी

 इमरान सीरीज का रोचक उपन्यास
सांपों‌ के शिकारी- इब्ने सफी
        हार्पर काॅलिंस ने इब्ने सफी के प्रसिद्ध पात्र 'इमरान' सीरिज के उपन्यास जे दो सैट प्रकाशित किये थे। जिसमें कुल सात उपन्यासों का संकलन था। यह प्रकाशन संस्थान का बहुत सराहनीय प्रयास था। उम्मीद है की अन्य प्रकाशन संस्थान इस कार्य को बढावा देंगे।
         दिल्ली के प्रसिद्ध 'रविवार पुस्तक बाजार' से ये सैट बहुत सस्ते में उपलब्ध हो गये थे। इस संकलन के उपन्यास समय-समय पढता रहा हूँ, दोनों में से एक-एक उपन्यास रह गया था जो 'मई-जून-2020'के ग्रीष्मकालीन अवकाश में पढे। दोनों उपन्यास रोचक हैं। वैसे भी इमरान सीरीज के हास्यप्रद उपन्यास काफी प्रसिद्ध रहे हैं।

          'सांपों के शिकारी' इमरान सीरीज का रहस्य-रोमांच से परिपूर्ण उपन्यास है। यह उपन्यास समाज में बैठे सफेदपोश लोग के काले धंधों से से समाज का विनाश कर रहे हैं। ये वो साँप आस्तिन के साँप हैं जो अपनों को ही खत्म कर देते हैं।
'कोबरा मैंशन' नामक साँपों की फर्म है जिसके पास हर तरह के साँप पाये जाते हैं। उपन्यास इसी फर्म और साँपों के इर्दगिर्द कुडली मार कर बैठा है। 

 
    तैमूर एण्ड बार्टले की फर्म साँप की खालों का व्यापार करती थी। कारोबार बहुत बड़ा था। दफ्तर में दर्जनों क्लर्क थे, हर डिपार्टमेंट के मैंनेजर अलग-अलग थे और उनकी संख्या बारह से किसी तरह कम नहीं थी...तीन दर्जन शिकारी थे...जिनके जिम्मे साँपों को लाने का काम था...लेकिन ये सपेरे नहीं थे...और न यह मानते थे कि बीन सुनकर साँप झूमने लगते हैं। ये पढे लिखे लोग थे और साँपों के शिकार के सिलसिले में उनका काम करने का तरीका साइण्टिफिक होता था। (उपन्यास अंश)

उपन्यास में एक और कहानी चलती है वह है शहर के अमीर इरशाद और उसकी पोती राजिया की। इरशाद की उम्र अस्सी से कम नहीं थी। दुबला-पतला पिलपिले जिस्म का आदमी था...चेहरे पर कई गहरी झुर्रियाँ थी। (उ.अ.) इरशाद की पोती राजिया के बैग में एक दिन एक सांप पाया जाता है और यहीं से वृद्ध इरशाद का किरदार बदल जाता है‌।
       जासूस अली इमरान को इस फर्म और साँपों के व्यापारियों के कुछ संदेह होता है और वहीं इस फर्म के कुछ शिकारी अपने मालिक तैमूर को धमकी तक देने लग जाते हैं। हालांकि तैमूर भी कम न था- तैमूर एक लम्बे- चौड़े कद का आदमी था। उम्र पचास के‌ लगभग रही होगी। चेहरा अब भी पुरकशिश था। (उ.अंश)
- अली इमरान को 'कोबरा मैंशन' पर क्या शक था?
- राजिया के बैग में साँप कहां से आया?
- एक शिकारी अपने मालिक को क्यों धमकी देने लगा?
- क्या इमरान इस रहस्य को जान पाया?

रहस्य -एक्स- फाइव थ्री नाइन

       उपन्यास का कथानक एक विशेष 'Code' के पीछे चलता है और वह कोड़ है-एक्स- फाइव थ्री नाइन। साँपों के शिकारी नसीर और तारिक इस Code के बल पर उलझते हैं।- "हां, मेरे दोस्त"- तारिक ने बड़े इत्मीनान से जवाब दिया-" साँपों को फन उठाने की मोहलत ही न देनी चाहिए। यही हमारा पहला सबक है।"
        और इमरान भी इसी कोड़ की वास्तविकता का पता लगना चाहता है लेकिन यह इतना आसान न था। क्योंकि साँपों से उलझने का मतलब मौत है।
कहानी रोचक है, उपन्यास छोटा है इसलिए पढने में ज्यादा समय नहीं लगता। Code का रहस्य और उस पर उलझते जासूस और अपराधी और उस पर चलती चालें कहानी को रोचक बनाती हैं।
अगर आप इब्ने सफी के उपन्यास पढते हो तो यह उसी श्रेणी के उपन्यास है जिसके लिए इब्ने सफी प्रसिद्ध हैं। उपन्यास में इमरान की हास्य प्रवृत्ति भी देखने को मिलती है। वहीं फैयाज- इंटेलिजेंस ब्यूरो का कैप्टन का किरदार नाम का ही है।

उपन्यास के कुछ विशेष पात्र एक नजर में-
तैमूर - कोबरा मैंशन का एक हिस्सेदार
बार्टले- कोबरा मैंशन का एक हिस्सेदार
इरशाद- शहर का एक अमीर व्यक्ति
राजिया- इरशाद की पोती
नसीर- एक शिकारी
तारिक- एक शिकारी और नसीर का मित्र
अली इमरान- मुख्य जासूस

'साँपों के शिकारी' उपन्यास समाज में दोहरे चरित्र के सफेदपोश लोग के चेहरे को बेनकाब करता एक थ्रिलर उपन्यास है।
उपन्यास की कहानी रोचक और सस्पेंस वाली है।
उपन्यास- साँपों‌ के शिकारी
लेखक-   इब्ने सफी
प्रकाशक- हार्पर काॅलिंस


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