Friday 3 July 2020

344. खौफ का सौदागर- इब्ने सफी

एक कहानी खौफ की
खौफ का सौदागर- इब्ने सफी

इब्ने सफी उपन्यास साहित्य में अपने जासूसी उपन्यासों के लिए लोकप्रिय साहित्य में हमेशा स्मरण रहेंगे। इनके छोटे कलेवर के परंतु रोचक उपन्यास पाठकों का भरपूर मनोरंजन करने में सक्षम होते थे।
        हालांकि ये उपन्यास मुख्यतः जासूस विशेष पर ही केन्द्रित होते थे, और खलनायक का प्रभाव ज्यादा होता था पर उपन्यास में प्रत्यक्ष भूमिका कम होती थी।  

       'खौफ का सौदागर' भी एक रहस्यम व्यक्ति की कहानी है जिसका एक क्षेत्र विशेष में 'खौफ' होता है और खौफ भी यहाँ तक की पुलिस को वहाँ एक बोर्ड तक लगवाना पड़ता है, कि यहाँ खतरा है।
रात के वक्त के वक्त वहाँ सन्नाटा छा जाता है और गलती से भी अगर कोई वहाँ चला गया तो वह रहस्यमयी शख्स कत्ल करने से भी नहीं चूकता।
"बाहर फैले हुए अंधेरे में एक खतरनाक आदमी की हुकूमत है और वह आदमी कभी-कभी यूं ही खेल-खेल में किसी न किसी को जरूर कत्ल कर देता है।"
- वह रहस्यमयी व्यक्ति कौन है?
- उसका खौफ क्यों है?
- वह कत्ल क्यों करता है? 

     ‌इस खौफ को खत्म करने और खौफ का रहस्य उजागर करने के लिए अली इमरान को मैदान में आना पड़ता है।
    उपन्यास में इमरान की भूमिका एक हास्य जासूस की तरह है। वह लोगों को जितना मूर्ख नजर आता है उससे कहीं तेज उसका दिमाग काम‌ करता है।
       इस उपन्यास की एक और विशेषता है वह है रूशी। बदमाशों की साथी रूशी रहमदिल औरत है। यही रूशी आगे चलकर इमरान की सेक्रेटरी बनती है।
रूशी एक ऐंग्लो- इण्डियन औरत थी...कभी लड़की भी रही होगी, लेकिन अब यह बहुत पुरानी बात हो गयी थी। ...
अब वह एक पच्चीस साल की‌ मजबूत औरत थी।
(पृष्ठ..)
  इमरान का एक और साथी हुदहुद भी उपस्थित है। 

    'खौफ का सौदागर' लघु कलेवर का परंतु एक रोचक उपन्यास है। जैसे की इब्ने सफी के उपन्यास होते हैं, यह भी उसी पैटर्न पर आधारित है।
      एक क्षेत्र विशेष में एक व्यक्ति विशेष का खौफ है और उसी खौफ को खत्म करने अली इमरान उपस्थित है।
रोचक और पठनीय उपन्यास है।

उपन्यास- खौफ का सौदागर
लेखक-    इब्ने सफी
प्रकाशक- हार्पर काॅलिंस

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