Wednesday 29 July 2020

359. शिविरा- पत्रिका

शिक्षा विभाग राजस्थान की मासिक पत्रिका
  शिवरा- जुलाई-2020

'शिविरा पत्रिका' हमारे विद्यालय में आने वाली एक नियमित मासिक पत्रिका है। इसमें शैक्षिक समाचारों के अतिरिक्त आलेख, पुस्तक समीक्षा के साथ-साथ कुछ स्थायी सतम्भ भी प्रकाशित होते हैं।
शिविरा का जुलाई 2020 अंक पढने को मिला। जिसके प्रधान सम्पादक हैं सौरभ स्वामी जी, जो बीकानेर शिक्षा निदेशालय के निदेशक भी हैं‌।  

राजस्थान शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह टोडासरा जी ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण कार्य किये हैं और बहुत से तत्काल लिये गये निर्णय शिक्षा जगत में हमेशा याद किये जायेंगे। इस अंक में गोविन्द सिंह टोडासरा जी का साक्षात्कार पढनीय है।।
     शिक्षा मंत्री जी याद किया  स्वतंत्र भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालचारी राजाजी का कथन मुझे बहुत अपील करता है। उन्होंने कहा कि बालक वे चमकते हुए सितारे हैं जो भगवान के हाथ से छूटकर धरती पर गिर पड़े।
        कुछ हैरानीजनक भी है- इस साक्षात्कार में बताया गया है की गत सत्र 2019-20 में 1,31,19,38,156.
हैरानी की बात एक अरब से ज्यादा पाठ्यपुस्तकों पर खर्च करने के पश्चात आगामी सत्र 2020-21 में सारा पाठयक्रम (कक्षा10,12 के अतिरिक्त) बदल दिया गया।
राजीव अरोड़ा जी का आलेख 'गुरु पूर्णिमा' एक महत्वपूर्ण आलेख है जो गुरु की महिमा का बखान करता है।
अगर गुरु की महिमा हो और कबीर का जिक्र न आये यह तो असंभव है। आगामी आलेख डाॅ. कृष्णा आचार्य जी का 'कबीर' शीर्षक से ही है।
'गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पाय।
बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो बताय।।'

      डाॅ. रमेश 'मयंक' जी का आलेख 'प्रभावी शिक्षण' प्रत्येक अध्यापक के लिए उपयोगी आलेख है। उन्होंने क ई बिन्दुओं के माध्यम से शिक्षण को प्रभावी बनाने के उपाय बताये हैं।

       वैश्विक महामारी कोरोना पर एक आलेख है-'कोरोना-19 के बाद का शैक्षिक परिदृश्य' यह जयनारायण द्विवेदी जी का आलेख कोरोना के बाद. शैक्षिक स्थिति का आंकलन करता है‌।
        शिक्षा विमर्श में चैनाराम सीरवी का आलेख 'गिजुभाई बधेका का दर्शन' बहुत रोचक आलेख है जो हमें बताना है की बच्चों को शारीरिक दण्ड नहीं देना चाहिये बल्कि उनकी बौद्धिकता के अनुसार शिक्षण कार्य की व्यवस्था होनी चाहिए।
         पर्यावरण संरक्षण पर दो आलेख हैं एक कुलदीप सिंह का 'पारिवारिक उत्सवों का हिस्सा बनें वृक्षारोपण' और दूसरा आलेख है स्नेहलता शर्मा का 'पर्यावरण एवं जल संरक्षण'।
       स्तम्भ बाल शिविरा में बच्चों की रचनाओं को शामिल करना वास्तव में प्रशंसनीय और बच्चों के उत्साह को बढाने में उपयोगी है।
इसके अतिरिक्त अन्य आलेख, स्तंभ, सूचनाएं और रचनाएँ पठनीय है।
पत्रिका- शिविरा
अंक- जुलाई-2020
पृष्ठ- 50
संपर्क- वरिष्ठ संपादक, शिविरा पत्रिका
माध्यमिक शिक्षा राजस्थान, बीकानेर-334011

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