Monday 19 October 2020

391. ख्वाबो की मंजिल- अशोक जोरासिया

 ख्वाबों‌ की कहानियाँ- अशोक जोरासिया, कहानी संग्रह

लेखक का प्रथम गुण है उसकी संवेदनशीलता।  वह समाज में जो देखता और अनुभव करता  है वह उसे शब्दों के द्वारा समाज के समक्ष प्रस्तुत करता है। कहानी संग्रह 'ख्वाबों की मंजिल' के माध्यम से लेखक अशोक जोरासिया जी ने समाज में देखे और समझे अनुभवों को यहाँ प्रस्तुत किया है।
    कहानियाँ चाहे छोटी हैं पर संवेदना के स्तर पर विस्तृत हैं।
इस संग्रह में कुल सत्रह कहानियाँ हैं जो विभिन्न परिवेश को व्यक्त करती हैं। 

    प्रथम कहानी 'धरती के भगवान' डॉक्टर जीवन कॊ समर्पित कहानी है जो यह दर्शाती है की कैसे एक डॉक्टर अपने जीवन के उत्सव के क्षण त्याग कर बीमार की सेवा में ही खुशियाँ ढूंढता है।

अंधविश्वास पर लिखी गयी कहानी 'तथाकथित नीबू-मिर्च' एक तरह जहाँ अंधविश्वास पर चोट करती है वहीं अन्न के महत्व को भी प्रतिपादित करती है। 'बाल विवाह' भी प्रेम और सामाजिक समस्या का संयुक्त चित्रण करती है।
   पारिवारिक जीवन में आने वाली समस्याओं पर इस संग्रह में कुछ कहानियाँ है। एकाकीपन, आपसी कलह, काम को बोझ आदि  परिवार को बिखर देते हैं। ऐसी ही कुछ समस्याओं को लेखन ने अपनी कहानियों में जगह दी है। 'अधूरे ख्वाब' एक दम्पति के सपने और पारिवारिक जिम्मेदारी की कहानी है तो 'दोहरी जिंदगी' में एक कार्यकारी महिला का चित्रण है।
   
      अशोक जी झुंझुनू के निवासी हैं। ग्रामीण किसान परिवार से संबंध रखते हैं। झुंझुनू को सैनिकों का जिला भी कहा जाता है। गांव- किसान और सैनिक इनकी कहानियों में देखे जा सकते हैं। यह स्वाभाविक है जिस परिवेश में अशोक जी पले-पढे हैं वह इनकी कहानियाँ में देखने को मिलता है।
इस संग्रह की कहानी 'जय जवान- जय किसान' में इन्होंने एक किसान और जवान के जीवन को चित्रित किया है।  'उड़ान' कहानी में भी गांव की पहाडियों का प्रातकालिन सुंदर वर्णन है।
  बात जब गांव की चली है तो हम रतन कौर नहीं भूल सकते। मानवता से परिपूर्ण यह पात्र (कहानी-गांव का किसान) सबसे भले के लिए प्रयासरत दिखता है।

   वर्तमान भौतिकवादी जीवन में मनुष्य स्वार्थी हो गया है लेकिन रतन कौर में जो मानवता है वह मर्मस्पर्शी है। ऐसे पात्र आप और भी कई कहानियों में मिलेंगे। यह लेखक की संवेदनशीलता ही है।

     लेखक जीवन में कुछ अच्छे और बुरे अनुभव भी आते हैं जिन्हें अनुभवों का सार 'लेखक की वेदना' में महसूस किया जा सकता है।

   इस संग्रह की कहानियाँ सामान्य परिवेश की कहानियों है। समाज के दुख-दर्द, अंधविश्वास, प्रेरणा आदि को आधार बना कर रची गयी ये कहानियों एक संदेश है और आगे बढने का मंत्र भी।

कहानी संग्रह- ख्वाबों की मंजिल
लेखक-      अशोक जोरासिया
ISBN- 978-81-7932-106-5
प्रकाशक-   साहित्यागार
पृष्ठ-         80
मूल्य-      200
- समीक्षा- गुरप्रीत सिंह, श्री गंगानगर, राजस्थान

3 comments:

  1. धन्यवाद सर , आपने अपना कीमती समय निकाल कर पुस्तक की समीक्षा की आभार , अभिन्नन्दन

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  2. धन्यवाद सर , आपने अपना कीमती समय निकाल कर पुस्तक की समीक्षा की आभार , अभिन्नन्दन

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  3. धन्यवाद सर , आपने अपना कीमती समय निकाल कर पुस्तक की समीक्षा की आभार , अभिन्नन्दन

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