Wednesday 22 December 2021

489. ऑर्किड विला - संजना आनंद

हाॅरर- मर्डर मिस्ट्री उपन्यास
ऑर्किड विला संजना आनंद
  Flydreams Publication कुछ अलग हटकर साहित्य प्रस्तुत करने में विश्वास रखता है। इसी क्रम में इस प्रकाशन से कुछ अच्छे उपन्यास आये हैं। और इसी विश्वास के चलते मैंने इस प्रकाशन की रचनाएँ पढी हैं। जिसमें से कुछ अच्छी लगी तो कुछ औसत।
    इसी क्रम में संजना आनंद जी का प्रथम उपन्यास 'आर्किड विला' पढा। अब यह उपन्यास मुझे कैसा लगा, यह आप इस समीक्षा के अंत तक समझ जायेंगे।
कहते हैं पुरानी, वीरान इमारतों में, कईं ऐसे राज़ दफन होते हैं, जो अतीत की कब्र से बाहर आने के लिए बेचैन रहते हैं। शायद ऑर्किड विला भी अपने अंदर ऐसे कुछ रहस्यों को समेटे हुए था। अगर ऐसा न होता, तो फिर क्यों अनिकेत को हर रात, ऑर्किड विला के बगीचे में एक खूबसूरत लड़की का साया-सा नज़र आता? मगर इससे पहले की अनिकेत उसके करीब पहुँच पाता, क्यों वह धुन्ध की चादर में कहीं खो जाती थी? आखिर क्या है ऑर्किड विला का सच? (किंडल से)
  यह कहानी है अनिकेत और ईशा की। कुछ विशेष घटनाओं के चलते अनिकेत बम्बई छोड़ कर अपने दोस्त अक्षय के पास एक गाँव केवटपुर चला आता है। 
“छोटा-सा शहर है अपना केवटपुर।” थोड़ी देर बाद अक्षय ने चुप्पी तोड़ी, “शहर की भीड़-भाड़ और प्रदूषण से कोसो दूर, शांत और बेहद सुन्दर। आबादी भी बहुत ज़्यादा नहीं है। यहाँ के लोग बड़े ही खुश-मिज़ाज और मिलनसार हैं। यहाँ बड़े शहरों जैसे बड़े-बड़े आलीशान शॉपिंग मॉल, नाइट-क्लब और डिस्को नहीं हैं। यहाँ अकेलापन महसूस तो नहीं करोगे न तुम?”
    अनिकेत यहाँ अक्षय के एक बंगले ऑर्किड विला में ठहरता है। अक्षय का परिवार प्रोपर्टी डीलर का काम करता है। यह बंगला इसी उद्देश्य से खरीदा गया था जो लंबे समय से बंद है। और अब अनिकेत इसी बंगले में ठहरता है। 
यहाँ अनिकेत को कुछ अलग अहसास होता है। उसे चलता है इस बंगले में उसके अतिरिक्त कोई और भी है। लेकिन कौन? 
   अनिकेत अपने लैपटॉप पर काम करने तो बैठ गया पर उसका मन नहीं लग रहा था। उसे बार-बार एक ही चिंता सता रही थी। ऑर्किड विला के अतीत से जुड़ी बातें जानने की चिंता। पर वह करें भी तो क्या? किससे पूछे?
   उद्देश्य का द्वितीय महत्वपूर्ण पात्र है ईशा। बंबई के हॉस्टल में रह रही ईशा को कुछ अजीब से सपने आते हैं और इन्हीं सपनों को वास्तविक जानने के किए वह भी केवटपुर पहुँच जाती है।
   दोनों ही ऑर्किड विला में ठहरते हैं और दोनों को ही यह अहसास होता है की इस विला में उनके अतिरिक्त कोई और भी है। पर कौन?
- "जो डरावने सपने मुझे रोज़ आते हैं, उनका सम्बन्ध ज़रूर ऑर्किड विला से है। मैं इसी बात का पता करने के लिए इतनी दूर से अपना सारा काम-काज छोड़कर आयी हूँ। और अगर मैं ये राज़ जाने बिना वापस चली गयी, तो वह सपने मेरा पीछा कभी नहीं छोड़ेंगे।”
दोनों के पास इस प्रश्न का कोई उत्तर नहीं होता।
ईशा और अनिकेत दोनों का अतीत दुखपूर्ण है।
   मध्य भाग के पश्चात उपन्यास एक मर्डर मिस्ट्री में बदल जाता है। और तब उपन्यास में प्रवेश होता है इंस्पेक्टर कपाड़िया का। “हेलो सर, मैं इंस्पेक्टर विहान कपाड़िया हूँ।” जिसे तलाश थी आज से तेईस साल पूर्व हुये एक कत्ल के कातिल की।
- कातिल बड़ा ही शातिर मालूम होता है। अगर उसे ज़रा-सी भी भनक लग गयी तो वह हमें चकमा देकर भाग जायेगा। और अगर ऐसा हुआ तो उसे पकड़ना हमारे लिए नामुमकिन हो जायेगा।
  और फिर अनिकेत, ईशा और इंस्पेक्टर विहान‌ कपाड़िया मिल कर ऑर्किड विला के रहस्य को सुलझाते हैं।
      जैसा की ऊपर वर्णित है इस उपन्यास का आरम्भ चाहे एक हाॅरर उपन्यास की तरह होता है लेकिन इसका अंत एक मर्डर मिस्ट्री के साथ होता है। उपन्यास के कथानक में कोई नयापन नहीं है। आरम्भ में कुछ अनिकेत के साथ ऑर्किड विला में कुछ रहस्य अवश्य घटित होता है और ईशा के साथ भी सपने और ऑर्किड विला में कुछ रहस्य घटनाएं घटित होती हैं, लेकिन यह सब इनके साथ क्यों घटित होता है यह कहीं कुछ स्पष्ट नहीं है। 
  ईशा के साथ तो चलो फिर कुछ कारण रहे हैं, पर अनिकेत के साथ घटनाएं घटित होने का कॊई तर्कसंगत कारण ही नहीं है। वैसे देखा जाये तो अनिकेत उपन्यास का मुख्य पात्र अवश्य है लेकिन तार्किक दृष्टि से उसका घटनाओं से कोई भी, किसी भी तरह का संबंध ही नहीं है। 
      उपन्यास में 23 वर्ष पूर्व का घटनाक्रम दर्शया गया है। और 23 वर्ष पूर्व के सबूत ऐसे दर्शाये गये हैं जैसे 23 दिन पूर्व की बात हो। 
- क्या 23 वर्ष पूर्व जमीन में दबायी गयी लोहे की छड़ पर खून‌ के दाग रह सकते हैं?
- क्या 23 वर्ष पूर्व जमीन में दबायी गयी लोहे की छड़ पर अंगुलियों के निशान रह सकते हैं?
ऐसी और भी बहुत सी छोटी-छोटी बाते उपन्यास को कमजोर बनाती हैं।
जैसे विजय के साथ पेरिस गये उसके दोस्त वास्तविकता को नहीं पहचान पाये।
- किसी का मात्र पीठ फेर कर खड़े हो जाने से पहचान नहीं होती। वह भी कत्ल जैसी घटना के समय। स्वयं का दोस्त हो। 

  उपन्यास में जो मुझे सबसे अच्छा लगा वह है उपन्यास का आवरण चित्र। इसी आवरण चित्र के कारण मैं उपन्यास पढने को प्रेरित हुआ।
  
  संजना आनंद जी द्वारा रचित 'ऑर्किड विला' उपन्यास एक मध्यम स्तर का तर्कहीन उपन्यास है। जो हाॅरर और मर्डर मिस्ट्री का मिश्रण है पर यह दोनों तथ्यों पर खरा नहीं उतरता।
  
उपन्यास- ऑर्किड विला
लेखिका-    संजना आनंद
प्रकाशक-    flydreams Publication
तिथि-        जुलाई 2021- प्रथम संस्करण
अमेजन‌ लिंक- ऑर्किड विला



No comments:

Post a Comment

आयुष्मान - आनंद चौधरी

अमर होने की चाह.... आयुष्मान- आनंद चौधरी ये अजीबोगरीब दास्तान मोर्चरी के पोस्टमार्टम रूम में पोस्टमार्टम टेबल पर रखी गई एक लाश से शुरू होती...