Thursday 31 December 2020

410. स्पर्श - राजवंश

एक मासूम लड़की की दर्द कहानी
स्पर्श - राजवंश
दीपा ने मुड़कर देखा, पहाड़ी के पीछे से चाँद निकल आया था। अँधकार अब उतना न था। नागिन की तरह बलखाती पगडण्डी अब साफ नजर आती थी। उजाले के कारण मन की घबराहट कुछ कम हुयी और उसके पाँव तेजी से अपनी मंजिल की ओर बढने लगे। 
    लोकप्रिय उपन्यास साहित्य में राजवंश एक चर्चित नाम रहा है। राजवंश का मूल नाम आरिफ माहरवी था। वे राजवंश नाम से सामाजिक उपन्यास लेखन करते थे। 
प्रस्तुत उपन्यास 'स्पर्श' राजवंश जी की कृति है। यह कहानी है एक लड़की दीपा की, जो परिस्थितियों से संघर्ष करती हुयी जीवन व्यतीत करती है। एक लड़की के जीवन संघर्ष की यह मार्मिक दास्तान है। 
    कहानी का आरम्भ दीपा से होता है जो एक अनाथ लड़की है। उसके चाचा-चाची उसका विवाह एक उम्रदराज जमींदार से करना चाहते हैं। इसलिए दीपा अपना घर और गाँव छोड़कर भाग जाती है।
    एक संयोग के चलते दीपा की मुलाकात विजय से होती है और दोनों के हृदय में प्रेमांकुर होता है। लेकिन कुछ परिस्थितियों के चलते विजय अपने ही पिता की हत्या के अपराध में जेल चला जाता है। एक बार फिर दीपा अकेली रह गयी।
     शिवानी अपने अपाहिज भाई कमल के साथ रहती है। कमल के जीवन का अलग दुख है, एक तो पत्नी विच्छेद और दूसरा वह अपाहिज हो गया।
      शिवानी और दीपा दोनों सहेलियां है। दीपा का नया आश्रय शिवानी का घर बनता है। और कमल उसके तरफ आकृष्ट होता है।
  - विजय को निर्दोष साबित करना औए उसकी सहायता के लिए धन की व्यवस्था करना दीपा का नैतिकत कर्तव्य था।
- कमल और शिवानी दोनों दीपा की शादी अपने घर में ही करना चाहते थे।
    इन दोनों परिस्थितियों के मध्य अकेली दीपा कैसे इन से संघर्ष करती है। कैसे वह किनारे तक पहुंचती है।
  यह सब राजवंश जी का उपन्यास 'स्पर्श' पढ कर जाना जा सकता है।
     उपन्यास में मुख्यतः दीपा का किरदार ही है जो विभिन्न परिस्थितियों के मध्य जूझता नजर आता है। वह एक अनाथ लड़की है जो एक स्थायी सहारा ढूंढती है पर उसका भाग्य उसका साथ नहीं देता। वह अपनी परेशानियां कहीं व्यक्त नहीं कर पाती और अंदर ही अंदर घुटती रहती है।
   यहाँ तक की उसके चरित्र पर भी दाग लगते हैं पर वह खामोश रहती है। यही खामोशी उसके लिए दुखदायी भी साबित होती है।
   उपन्यास में विजय के परिवार का घटनाक्रम भी शामिल है‌। कैसे निर्दोष विजय को अपराधी साबित किया जाता है।
उपन्यास की कहानी बिलकुल सामान्य है। कहीं कोई अतिरिक्त ट्विस्ट नहीं, कोई घूमाव नहीं कोई मसाला नहीं। एक सामान्य गति, सामान्य कहानी और सामान्य अंत है।
    उपन्यास के मध्याह्न में ही उपन्यास का क्लाइमैक्स स्पष्ट होने लगता है।
उपन्यास- स्पर्श
लेखक- राजवंश
प्रकाशक- डायमण्ड पॉकेट बुक्स

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