Saturday 15 June 2019

208. असाधारण नायक ओमपुरी- नंदिता सी. पुरी

 असाधारण नायक की जीवन कथा।
ओमपुरी की जीवनी

फिल्म अभिनेता ओम पुरी की जीवनी 'असाधारण नायक ओमपुरी' उनकी द्वितीय पत्नी नंदिता सी. पुरी द्वारा लिखित है। जिसमें ओमपुरी के जीवन के एक-एक भाग को बहुत रोचक और दिलचस्प तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
ओम पुरी के बचपन के कठिन संघर्षों से लेकर उनके सफल जीवन का स्पष्ट और बेबाक चित्रण इस जीवन में उपलब्ध है।
हरियाणा के अंबाला शहर से संबंध रखने वाले ओमपुरी जी का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। जहां गरीबी का साम्राज्य स्थापित था। ओमपुरी का जीवन चाय ढाबे पर, कोयला बीनने और मजदूरी करते बीता है।
ओमपुरी के जीवनी में एक बात स्पष्ट होती है वह है उनका संघर्ष और हार न मानना। वे किसी भी परिस्थिति में घबराये नहीं।
ओम की एक ट्रेजडी यह भी रही की न तो वे नायक की तरह लगते थे और न ही खलनायक की तरह और उस पर भी उनका चेहरा भी दागदार था। जो छोटी उम्र में ही चेचक के कारण हो गया।
1976 में ओम मुंबई आ गये।
         इसमें बहुत से रोचक प्रसंग हैं जो पाठक के चेहरे पर सहज ही एक मुस्कान सजा देते हैं। जैसे ओम के बाबू जी का मुंबई प्रवास और जैकी श्राॅफ के साथ घटित घटना आदि।
ओमपुरी की एक विशेष उपलब्ध यह भी रही है की उन्होने राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। वे थियेटर से निकले ऐसे प्रतिभावान कलाकार थे जिन्होंने जिस किरदार को निभाया उसे जीवंत कर दिया। वह चाहे हास्य भूमिका हो चाहे गंभीर।
जीवनी का एक रोचक प्रसंग
         ओमपुरी के जीवन की ट्रेजडी यह रही की वे एक ऐसे परिवार या माहौल से थे जहां शिक्षा का अभाव था। यह अभाव उनके जीवन में हमेशा रहा। फिल्म क्षेत्र में चाहे वे सफल रहे लेकिन अपने जीवन में बहुत बार वो ऐसे शब्द/ साक्षात्कार आदि में बोल देते थे जो उनके अपरिपक्वता का उदाहरण हैं। एक-एक रुपया का हिसाब और पत्नी को रुपये न देना, पत्नी तो सब्जी ला सकती है जैसे प्रसंग इस बात को बल देते हैं।
पारिवारिक जीवन भी ओमपुरी जी का ज्यादा सफल नहीं रहा। एक तो उनकी शादी काफी देरी से हुयी लगभग चालीस की उम्र में और वह भी सफल न रही। द्वितीय पत्नी और इस जीवनी की लेखिका नंदिता सी पुरी के साथ भी सन् 2013 में तलाक हो गया।


            जीवनी में बहुत कुछ व्यक्त हुआ है लेकिन बहुत कुछ बाकी भी है। यह जीवनी सन् 2010 तक के जीवन का ही वर्णन करती है। हालांकि 6 जनवरी 2017 को ओमपुरी जी का निधन हो गया। इन शेष वर्षों को भी इनमें शामिल किया जा सकता है।
इस जीवनी में ओमपुरी के साथी कलाकारों ले बारे में कोई ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। नसीरुद्दीन शाह का वर्णन जरूर मिलता है इसके अलावा और किसी भी कलाकार के बारे में कोई वर्णन नहीं है, अगर कहीं वर्णन भी है तो वह एक पंक्ति से ज्यादा न होगा।
उसके अच्छे विद्यार्थियों में अनिल कपूर, गुलशन ग्रोवर, मजहर खान, सुरिंदर पाल और मदन जैन रहे हैं।(पृष्ठ-70)
यह बहुत अजीब सा लगता है की उनकी जीवनी में फिल्मों का वर्णन है पर फिल्मी दुनियां के साथियों का नहीं।

        यह जीवनी मूलतः अंग्रेजी में लिखी गयी है और इसका अनुवाद आनंद गोविन्द भट्ट ने किया है। अनुवाद का स्तर कई जगह खटकता है।
            अगर आप ओमपुरी जी के जीवन के संघर्षों को देखना है और यह भी समझना चाहते है की एक साधारण सा लड़का जिसकी शक्ल भी सुंदर नहीं वह कैसे अपनी मेहनत के बल पर एक असाधारण और सफल अभिनेता बना तो यह जीवनी अवश्य पढें।
यह जीवनी ओमपुरी जी के जीवन के विभिन्न रंगों का चित्रण करती है।

जीवनी-  असाधारण नायक ओमपुरी
लेखिका- नंदिता सी. पुरी
अनुवाद- आनंद गोविन्द भट्ट
प्रकाशक- हिन्द पॉकेट बुक्स
संस्करण- 2010 (प्रथम संस्करण)
पृष्ठ-        208
मूल्य-     99₹

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