Saturday 4 April 2020

287. खून बरसेगा- परशुराम शर्मा

मिश्र के पिरामिडों में दफन रहस्य
खून बरसेगा- परशुराम शर्मा, हाॅरर

          हम पहुँच गये हैं परशुराम शर्मा जी द्वारा लिखित हाॅरर उपन्यास के तृतीय भाग पर। यह एक हाॅरर शृंखला है जो 'मरघट' और 'पिशाच' नामक पडाव पार करके मिश्र के पिरामिडो में 'खून बरसेगा' शीर्षक से पहुंची है।
        अगर आप इस कथा का आनंद लेना चाहते हैं तो आपको यह तीन भागों में विभक्त शृंखला पढनी होगी, तभी आप इसका पूरा आनंद के पायेंगे।
        यह कहानी है डार्किकिंग नामक पिशाच की, जो मिश्र के पिरामिडो में दफन मम्मीयों के माध्यम से शक्ति प्राप्त कर सम्पूर्ण संसार पर शासन करना चाहता है।
रिकी, रामीज का आठवां जन्म था, इसलिए पिशाच योनि में आने के बाद उसने अपनी सुरक्षा के लिए रामीज के शरीर में आना उचित समझा।

         टाॅम विक्टर एक वह शख्स है जो डार्किकिंग को चुनौती देता है। लेकिन डार्ककिंग( रिकी या रामीज) से निपटना इतना आसान नहीं था। डार्ककिंग स्वयं कहता है- मैं कभी इस धरती से नहीं मिट सकता बेवकूफ क्योंकि मैं फिर ओन पिशाच हूँ। फिर ओन रुहों के देवता मेरे साथ हैं। मैं इस धरती पर आठवीं बार जन्मा था। ...."

क्या टाॅम विक्टर इस जंग में रामीज नामक पिशाच (डार्ककिंग) से जीत पाया। जहाँ रामीज के पास काली शक्तियां थी वहीं टाॅम विक्टर के पास उसका वफादार साथी जोजफ था- "मास्टर, हर बड़े आदमी की जंग के साथ उसके किसी न किसी सहयोगी का नाम लिखा जाता है। .....आप की लड़ाई धर्म की होगी और मेरी लड़ाई है, आपकी हिफाजत। आपके रास्ते में क ई आदमी रूकावट डाल सकते हैं, ऐसे आड़े वक्त के लिए मेरे हाथ हैं।"
           मिश्र के पिरामिडों में दफन अथाह दौलत के लिए पिशाच और मनुष्य में चली एक खूनी जंग। -धन का लोभ इंसान की सबसे बड़ी कमजोरी है। इसके वह लिए वह वहशी बन जाता है, हत्यारा बन जाता है।
         रिकी/ डार्ककिंग/ रामीज/ पिशाच उस अथाह दौलत को प्राप्त करना चाहत था टाॅम विक्टर ( रिकी) जब उसके राह में आया तो टकराव होना ही था।
        जहाँ एक पिशाच था तो वहीं दूसरी तरफ एक पवित्र इंसान था।
जहाँ एक दौलत के लिए खून बहा सकता था वही दूसरा दौलत को परमार्थ में लगाना चाहता था।
      आखिर दोनों की टकर का परिणाम क्या रहा?


        सूरज पॉकेट बुक्स ने परशुराम शर्मा जी का हाॅरर उपन्यास 'खून बरसेगा' प्रकाशित किया है। यह उनके हाॅरर शृंखला के तीन भागों (मरघट, पिशाच, खून बरसेगा) का सामूहिक संस्करण है।

कहानी के मुख्य पात्र राकेश( रिकी/ डार्ककिंग/ पिशाच है) है।
प्रथम भाग में कहानी राकेश (रिकी है) है जो उसी के शहर पर आधारित है।
         द्वितीय भाग में राकेश एक पिशाच डार्ककिंग बन जाता है और कहानी दौलताबाद शहर पर चलती है।
तृतीय भाग में यही पिशाच रामीज बन जाता है और कहानी मिश्र में चली जाती है।
       जहां पहले भाग में अधिकाश कहानी राकेश के परिवार पर केन्द्रित है, वही द्वितीय भाग में चन्द्रगढी के शासकों का इतिहास वर्णित है, वही तृतीय भाग में भी ऐसा अनावश्यक विवरण दर्ज किया गया है।
          उपन्यास कहानी के स्तर पर चाहे कमजोर है लेकिन हाॅरर दृश्य लेखक ने बहुत अच्छे लिखे हैं।
उपन्यास पढना या न पढना यह उपन्यास की श्रेणी पर निर्भर करता है। क्योंकि हाॅरर कुछ पाठकों को पसंद है और कुछ को नहीं।

उपन्यास- खून बरसेगा
लेखक- परशुराम शर्मा
प्रकाशक- सूरज पॉकेट बुक्स
अमेजन लिंक- खून बरसेगा- परशुराम शर्मा

1 comment:

  1. मुझे हमेशा से लगता है कि हॉरर उपन्यासों से लोगों की अपेक्षा ही गलत रही हैं। हॉरर उपन्यास मुख्यतः थ्रिलर होते हैं जिसमें परालौकिक तत्वों द्वारा रोमांच लाया जाता है। अक्सर लोग उससे डरने की अपेक्षा रखते हैं जो कि तभी सम्भव है जबकि आप पात्र की जगह पर खुद की कल्पना करें और ये सिर्फ बचपन में ही हो सकता है। खैर, उपन्यास पढ़ने की इच्छा है। परशुराम जी अच्छा लिखते हैं लेकिन अनावश्यक खिंचाव जरूर कहानी को कमजोर देता है। देखते हैं कि मेरा कैसा अनुभव रहता है।

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