Saturday 18 August 2018

133. द टाइम मशीन- एच. जी. वेल्स

समय से परे की एक यात्रा।
द टाइम मशीन- एच. जी. वेल्स, फतांसी उपन्यास, मध्यम।
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     अगर इस दुनियां के अलावा किसी और दुनियां की कल्पना करते हो और उस दुनियां में जाने के इच्छुक हो तो यह भी अब संभव है। अगर आप अपना अतीत या भविष्य देखना चाहते हो तो यह भी संभव है। आप को कुछ नहीं करना बस एक मशीन, टाइम मशीन में‌ बैठ कर एक बटन दबायें और पहुंच जाये अपनी‌ मनपसंद दुनियां में।
     एच. जी. वेल्स का उपन्यास 'दी टाइम मशीन' एक ऐसे ही काल्पनिक लोक की यात्रा की सैर करवाता है।
इस उपन्यास में लेखक की कल्पना की उपज टाइम मशीन, उस पर सवार होकर समय का सोपान तय करता समय यात्री.... उस की रोमांचक यात्रा में अजीबोगरीब स्थितियों में मिलते और उस की कटु मधु स्मृतियों‌ का हिस्सा बनते तिलस्मी पात्र ...सब अभिभूत कर देने वाले हैं।
(अंतिम आवरण पृष्ठ से)
      यह उपन्यास मूलतः एक व्यक्ति जिसे उपन्यास में समय यात्री नाम दिया गया है की समय यात्रा का वर्णन करता है। टाइम ट्रेवलर यानी समय यात्री हमें एक गूढ विषय समझा रहा था। (पृष्ठ-03) और यह समय यात्री एक दिन चुपके से एक अनजान यात्रा पर निकल गया और फिर लौट कर उसने अपनी उस अदभुत दुनियां की कथा सुनाई....यह सच है, हर शब्द सच है। मैं चार बजे अपनी प्रयोगशाला में था और तब ये मैंने आठ दिन जिए हैं, जो आज तक किसी भी इंसान ने नहीं जिए हैं। (पृष्ठ-16)
        और यह आठ दिन उस समय यात्री ने एक अद्भुत दुनियां में व्यतीत किये उस अद्भुत दुनियां में जहाँ वर्ग संघर्ष था, जहाँ ताकतवर और कमजोर के बीच मतभेद थे। यह उस दुनिया की यात्रा थी जहाँ छोटे -छोटे लोग रहते थे।
       समय यात्री वहाँ एक वर्ग संघर्ष में‌ फंस जाता है। एक तरफ कमजोर वर्ग है और एक ताकतवर। उनमें‌ समय यात्री की भूमिका देखने योग्य है, की वह स्वयं को वहां कैसे स्थापित करता है और वह भी उन परिस्थितियों में जब उसकी टाइम मशीन को वहाँ गायब कर दिया जाता है।
    
             जैसा की उपन्यास का नाम है 'दी टाइम मशीन' तो स्वाभाविक है की इस उपन्यास में टाइम मशीन द्वारा एक काल्पनिक दुनियां की यात्रा का रोमांच मिलेगा लेइन वह रोमांच एक फतांसी कहानी जितना रोचक न होकर मार्क्सवादी की तरफ इशारा करता है।
        उपन्यास एक फतांसी कहानी जितना मनोरंजक न होकर वर्ग संघर्ष का वर्णन करता है जिससे वह अपनी सामान्य रोचकता खोकर यथार्थ के ज्यादा नजदीक पहुंच जाता है।
         उपन्यास में दो वर्ग हैं एक इकोई और एक मोरलाॅक्स। इस कथालोक में से प्रभुत्व वर्ग- इकोई तथा मोरलाॅक्स का चित्रण है। मोरलाॅक्स ताकतवर है जबकि इकोई आकर्षक, किंतु कमजोर और दब्बू। मोरलाॅक्स, इकोई पर तरह तरह का अत्याचार करते हैं। उन्हें मारते हैं, उन का शिकार करते हैं, वस्तुत: यह इस समाज में शोषक और शोषित, ताकतवर और कमजोर के बीच व्याप्त मतभेद का एक सटीक चित्रण है, जो एक डरावने सच के रूप में सामने आता है। (अतिम आवरण पृष्ठ से)
     
निष्कर्ष-
  टाइम मशीन उपन्यास एक काल्पनिक लोक की यात्रा के साथ- साथ मार्क्सवादी वर्ग संघर्ष का चित्रण भी करता है। उपन्यास का मध्य भाग तो पूर्णतः मार्क्सवादी विचारधारा से प्रेरित है।
   इस उपन्यास से जैसे एक फतांसी उपन्यास से उम्मीद की जाती है वैसी रोचकता तो नहीं है पर कुछ अलग अवश्य है और एक बार पढा जा सकता है।
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उपन्यास- दी टाइम मशीन
ISBN-
लेखक- एच. जी. वेल्स
प्रकाशक- विश्व बुक्स
www.vishavbook.com
पृष्ठ- 87
मूल्य- 85₹

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