Wednesday 14 December 2016

5. कैरियर की राह पर चलना जरा संभल कर - रिजवान एजाजी

कैरियर की राह पर चलना जरा संभल कर- रिजवान एजाजी

20.8.2014 को EXAM देने श्री गंगानगर गया था।तब हर बार की तरह इस बार भी पुस्तक खरीदने बाजार चला गया।
काफी समय पूर्व मेरे एक मित्र ने मुझे एक पुस्तक दी थी,जो कि मैं भी आगे उपहार में दे चुका था।अब उस पुस्तक का नाम,लेखक का नाम कुछ भी याद नहीं था,लेकिन मुझे तलाश थी तो उसी पुस्तक की। वो पुस्तक तो नहीं मिली पर एक अन्य पुस्तक 'कैरियर की राह पर चलना जरा संभल कर' मिली।
   इस पुस्तक के लेखक हैं- रिजवान एजाजी।
हमने कैरियर संबंधी अनेक देशी-विदेशी लेखकों की पुस्तकें पढी होगी पर ये पुस्तक उन सब से अलग है।
  स्वयं लेखक महोदय लिखते है कि "अगर आप करोङपति की संतान नहीं हैं तो ये किताब पढे और अगर आप करोङपति की संतान हैं तो ये किताब जरूर पढें"
आप यहाँ कैरियर का अर्थ संक्षिप्त न लें। कृषि,व्यापार,विद्यार्थी,सूचना तंत्र IT,सरकारी-गैर सरकारी यां फिर आप किसी भी कार्य में लगे हो ये पुस्तक आपको सरल भाषा में सीखाती है कि अपने कार्य को कैसे आगे ले जाया जाये।
    यह पुस्तक अंग्रेजी लेखकों की तरहं मात्र प्रबंधन के सूत्र नहीं सिखाती ये हमे अपने कार्य के अतिरिक्त परिवार,समाज,संस्कृति और सभ्यता भी सीखाती है।
इस पुस्तक में सब संक्षिप्त रूप में दिया गया है, इस कमी को स्वयं लेखक भी स्वीकारता है।
पर इतना भी संक्षिप्त नहीं के हम समझ ना सकें।
ये पुस्तक प्रत्येक वर्ग हेतु उपयोगी है। जो हमें अपनी सरल,व्यावहारिक शब्दावली में जीवन के उपयोगी सूत्र बताती है। अर्थ कमाना,कमाने के तरीके, बचत के तरीके और सबसे बङी बात उसके उपयोग के तरीके।
ये पुस्तक हमें हमारे कमाये धन का मानवीय उपयोग करना भी सीखाती है,और धन और परिवार में समन्वय रखना भी सीखाती  है। 
अगर आप अंग्रेजी लेखकों की उच्च कोटी की पुस्तकों के शौकीन हैं तो लेखक की ये पुस्तक और जिंदगी जीने का अंदाज जरूर पढें।
    इस पुस्तक के अंत में रिजवान एजाजी द्वारा लिखित अन्य पुस्तकों का वर्णन भी है। और मुझे जिस पुस्तक की तलाश थी वह रिजवान एजाजी द्वारा ही लिखित पुस्तक थी, जिसका इस पुस्तक के अंत में वर्णन है। वह पुस्तक थी - जिंदगी जीने का अंदाज।

पुस्तक- कैरियर की राह पर चलना जरा संभल कर
लेखक-रिजवान एजाजी.
मूल्य-चालीस रूपये.
प्रकाशक-hillview publication pvt. ltd.



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