Five point someone - CHETAN BHAGAT
................................. .
'फाइव पाॅइंट समवन' चेतन भगत का उपन्यास है। चेतन भगत अंग्रेजी के लेखक हैं और उनके उपन्यास युवावर्ग में काफी लोकप्रिय हैं। क्योंकि उनके उपन्यासों की कहानियां युवावर्ग पर ही केन्द्रित होती हैं।
प्रस्तुत उपन्यास 'five point someone' भी छात्रवर्ग की कहानी है, जिस पर राजुमार हिरानी की आमिर खान कृत फिल्म 'three idiots' बन चुकी है, हालाकि फिल्म व उपन्यास की मूल कहानी वही है पर बाकी घटनाओं में बहुत विभिन्नता है। फिल्म में जितनी रोचकता है उपन्यास में उतनी नहीं।
कहानी है IIT करने वाले तीन मित्रो रेहान, आलोक व हरि की। पूरी कहानी का सूत्रधार स्वयं आलोक है।
इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नालॉजी के तीन फाईव पाॅइंटर विद्यार्थी जो इंस्टीट्यूट के कठोर वातावरण से किस प्रकार जूझते हैं व साबित करते है की रट्टा मारकर अच्छे अंक लाना वास्तविक सफलता नहीं है॥
काॅलेज में पहुंचे तीनों मित्र IIT काॅलेज को एक मौज-मस्ती का काॅलेज मानकर आते है लेकिन IIT इंस्टीटयूट के कठोर वातावरण में स्वयं को स्थापित नहीं कर पाते।................................. .
'फाइव पाॅइंट समवन' चेतन भगत का उपन्यास है। चेतन भगत अंग्रेजी के लेखक हैं और उनके उपन्यास युवावर्ग में काफी लोकप्रिय हैं। क्योंकि उनके उपन्यासों की कहानियां युवावर्ग पर ही केन्द्रित होती हैं।
प्रस्तुत उपन्यास 'five point someone' भी छात्रवर्ग की कहानी है, जिस पर राजुमार हिरानी की आमिर खान कृत फिल्म 'three idiots' बन चुकी है, हालाकि फिल्म व उपन्यास की मूल कहानी वही है पर बाकी घटनाओं में बहुत विभिन्नता है। फिल्म में जितनी रोचकता है उपन्यास में उतनी नहीं।
कहानी है IIT करने वाले तीन मित्रो रेहान, आलोक व हरि की। पूरी कहानी का सूत्रधार स्वयं आलोक है।
इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नालॉजी के तीन फाईव पाॅइंटर विद्यार्थी जो इंस्टीट्यूट के कठोर वातावरण से किस प्रकार जूझते हैं व साबित करते है की रट्टा मारकर अच्छे अंक लाना वास्तविक सफलता नहीं है॥
काॅलेज जीवन ही विद्यार्थी के मौज-मस्ती का समय होता है और उस पर IIT जैसा सख्त इंस्टीट्यूट आपके जीवन को निर्दयता से कुचल देता है। जहां एक ओर आलोक के बीमार पिता, विवाह योग्य बहन की जिम्मेदारी आलोक की माँ संभालती है की शायद उसका पुत्र नौकरी लग जाये तो उनका जीवन निर्वाह आसान हो जाये, वहीं रेहान एक अमीर माँ-बाप की संतान है जिसे खर्च करने के लिए रुपये तो मिलते हैं पर माँ-बाप का समय नहीं मिल पाता और जिनके बीच है कहानी का सूत्रधार आलोक।
जहां आलोक अच्छे अंक प्राप्त कर जैसे-तैसे नौकरी प्राप्त करना चाहता है वहीं रेहान काॅलेज के निष्ठुर व्यवस्था को बदलना चाहते है बीच में अटका हरि कुछ नहीं कर पाता।
यह बात भी सही है की हमारे इंस्टीट्यूट बच्चों को मात्र नौकरी पाने तक की शिक्षा देते है न की जीवन जीने की।
बस इसी विषय से आलोक अपने मित्रों का साथ छोङ देता है।
एक तरफ आलोक इंस्टीट्यूट के कठोर नियंत्रण इसलिए स्वीकार करता है कि उसे बस नौकरी चाहिए, दूसरी तरफ रेयान इंस्टीट्यूट के नियमों का इसलिए उल्लंघन करता है की ये कठोर नियम छात्र के जीवन के महत्वपूर्ण वर्षों से आनन्द छीन लेते हैं।
क्या है five point someone -
इंस्टीट्यूट में अधिकतम स्कोर वाले विद्यार्थी को अच्छा समझा जाता है, चाहे वह रट्टा मारकर ही क्यों न ज्यादा अंक लाये। उपन्यास के तीनों पात्र आलोक, रेहान व हरी दस में से पाँच अंक ही प्राप्त कर पाते हैं और फाईव पाॅइंटर को अच्छी नजर से नहीं देखा जाता।
आॅपरेशन पेंडुलम - उपन्यास का पन्द्रहवा व महत्वपूर्ण पूर्ण अध्याय है, जिसे उपन्यास का मध्य भाग भी कहा जा सकता है। इस अध्याय के बाद उपन्यास में गति आती है॥
हरि व नेहा- विभागाध्यक्ष की पुत्री नेहा व हरि की प्रेमकथा भी उपन्यास का सबसे रोचक अंश है। नेहा के घर पर हरि चाबी चुराना और नेहा की कार चलाते हुए विभागाध्यक्ष द्वारा हरि को पकङना।
विभागाध्यक्ष का कथन देखिए जो इस पूरे प्रकरण को स्पष्ट कर देगा- "तुम मेरी मौखिक परीक्षा में पीकर आये थे और अब मैं तुम्हें अपनी बेटी के साथ मसखरी करते पाता हूँ, वह भी मेरी गाङी में मेरी शर्ट पहनकर।"
हरि व नेहा प्रकरण काफी रोचक है।
डिस्को व आलोक का आत्महत्या का प्रयास- इंस्टीट्यूट द्वारा गलत आचरण के कारण तीनों को एक समेस्टर के लिए निलंबित किया जाता है और इससे व्यथित होकर इंस्टीट्यूट की छत से आलोक छलांग लगा देता है।
इंस्टीट्यूट में सजा को डिस्को कहा जाता है।
फाईव पाॅइंटर की जीत- उपन्यास के अंत में तीनों विद्यार्थी यह साबित करने सफल होते है की रट्टा मारकर अच्छे अंक लाना महत्वपूर्ण पूर्ण नहीं। वे अपना एक प्रोजेक्ट बना कर इस बात को साबित करते हैं।
चेतन भगत का उपन्यास 'फाईव पाॅइंट समवन' काफी रोचक उपन्यास है, जिसमें आपको संवेदना, हास्य, रुदन, सफलता-असफलता, प्रेम व शिक्षा के कठोर नियंत्रण की कहानी मिलेगी॥
उपन्यास के कुछ संवाद आपको देर तक याद रहेंगे जो उपन्यास की कहानी को आगे बढाने में भी योगदान देते हैं।
"और तब मैने यह अहसास किया कि जी.पी.ए. से एक अच्छे छात्र बनते हैं, लेकिन एक अच्छे इंसान नहीं।"
"जीवन बहुत छोटा होता है, इसलिए उसका आनंद लो कैंपस की जिंदगी का सबसे बेहतरीन हिस्सा होते हैं वे दोस्त, जो तुम बनाते हो"
पूरी कहानी को भिन्न-भिन्न शीर्षक से 27 अध्याय में बाँटा गया है जो की काफी लंबा प्रतीत होता है।
शीर्षक 'मेरे जीवन का सबसे लंबा दिन'(अध्याय 16-21तक) को छः खण्ड में बाँटा गया है, हालाकि यह एक दिन की नहीं दो दिन की कहानी है व काफी रोचक भी है।
हालाकि अध्याय 14 तक तो यही लगता है की उपन्यास को ज्यादा विस्तार दिया गया है, लेकिन बाद के अध्याय काफी रोचक है व उपन्यास की तीव्रता भी बनाये रखते हैं।
मेरे द्वारा पढा गया 'five point someone' का यह हिंदी अनुवाद है, लेकिन अनुवादक इसके साथ उचित न्याय नहीं कर पाया। उपन्यास अच्छा है, कहानी अच्छी है, पर हिंदी अनुवादक मात्र अंग्रेजी शब्दों का अनुवाद करता रहा जिसके कारण उपन्यास की संवाद शैली पाठक को प्रभावित नहीं कर पाती॥
....................
उपन्यास - फाईव पाॅइंंट समवन (five point someone)
लेखक - चेतन भगत
प्रकाशक- प्रभात प्रकाशन
संस्करण - 2015
मूल्य - 150/-
भाषा- हिंदी(उपन्यास की मूल भाषा अंग्रेजी है)
लेखक संपर्क - www.chetanbhagat.com
info@chetanbhagat.com
No comments:
Post a Comment