Thursday 10 September 2020

375. सात सितारे मौत के- वेदप्रकाश कांबोज


अंतरराष्ट्रीय अपराधी अलफांसे और माफिया डाॅन की टक्कर
सात सितारे मौत के- वेदप्रकाश कांबोज
अलफांसे सीरीज

एक मित्र की मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय अपराधी ने डाॅन का काम करना स्वीकार कर लिया, लेकिन जब उस डाॅन ने अंतरराष्ट्रीय अपराधी को धोखा दिया तो....
     अगस्त 2020  में मैंने वेदप्रकाश कांबोज जी के पांच उपन्यास पढे और सितंबर माह में यह वेदप्रकाश कांबोज का तीसरा उपन्यास है, जो मैं पढ रहा हूँ। उम्मीद है इस माह यह सिलसिला यथावत चलता रहेगा  
   अब चर्चा करते हैं उपन्यास कथानक की। कहानी है अंतरराष्ट्रीय अपराधी अलफांसे और डाॅन सेवल की। अपने एक‌ मित्र ...की मदद के लिए अलफांसे सेवल के लिए एक लूट का अंजाम देता है लेकिन...सेवल और उसके आदमियों ने जो यह ऐन वक्त पर विश्वासघात किया उसे याद करके तो क्रोध के मारे उसका रोम रोम जलने लगा था।
    तब अलफांसे ने सेवल को तबाह कर देने की ठान ली थी। लेकिन सेवल भी कम न था... "...क्या विलक्षण दिमाग पाया है। अपने शिकारी को ऐसी परिस्थिति में फंसा देता था जहाँ निश्चित मौत के अतिरिक्त उन्हें कुछ न‌ मिले।"
लेकिन अलफांसे भी सीधी धमकी देता है-
"...अपने मालिक से कहना कि उसके सात सितारे मौत के उसके सिर के पर मंडराने लगे हैं। बचने के लिए इस धरती पर अगर कोई जगह नजर आती है तो वहाँ छुप कर अपनी जान बचाने की कोशिश करे।" 

   अब टक्कर होती है सेवल और अलफांसे की। एक तरफ अंतरराष्ट्रीय अपराधी है और दूसरी तरफ माफिया डाॅन।
   यह टक्कर क्या रंग लायी और किस प्रकार घात-प्रतिघात का यह खेल खेला गया। यह पढना काफी रोचक हो सकता है।
लेखक ने एक जगह लिखा है जो इस घटनाक्रम की रोचक को बढाता है- शिकार और शिकारी दोनों एक दूसरे की तलाश कर रहे हैं और मजे की बात यह है कि शिकार भी अपने आप को शिकारी समझ रहा है।
    प्रस्तुत उपन्यास अलफांसे सीरीज का है। अलफांसे नामक पात्र मूलतः इब्ने सफी जी का है जिसे वेदप्रकाश कांबोज ने अपने हिसाब से विस्तार दिया है और अलफांसे पर केन्द्रित और मुख्य पात्र भी अलफांसे है। इस प्रकार का उपन्यास में प्रथम बार पढ रहा हूँ, जिसमें अलफांसे ही मुख्य पात्र हो।
     उपन्यास में अलफांसे के अतिरिक्त जो और किरदार प्रभावित करता है वह है चिक यंग उर्फ चीनी चोर। अलफांसे की एक साथी डायना भी मौजूद है।
    एक मददगार भी उपस्थित है जो अलफांसे को आगे बढने में‌ मदद करता है।
      चू-तेह - सत्तर पिचहत्तर साल का वह बूढा काफी रसिक किस्म का आदमी था। ऐसा रसिक कि जवान भी शर्मा जाये।

उपन्यास की कुछ रोचक पंक्तियाँ यहाँ प्रस्तुत है जो मुझे पसंद आयी ।
-जो आदमी संकट के समय अपनी बुद्धि को भावनाओं के ज्वार में वह आदमी संकट से  नहीं उभर सकता।
- जुए में जीत इस बात पर निर्भर करती है कि कौन सा खिलाड़ी अंधी चाल को कितने विश्वास और दृढता के साथ चल सकता है।
       उपन्यास में जो कमी महसूस हुयी वह है अलफांसे की कोई विशेष या अतिरिक्त विशेषता यहाँ दृष्टिगत नहीं होती। अलफांसे का किरदार एक अंतरराष्ट्रीय अपराधी का है तो उसके कारनामे उसी के अनुरूप होने चाहिए।  वहीं सेवल को बहुत खतरनाक बताया गया है लेकिन वह भी कोई विशेष कारनामा न कर पाया। उम्मीद थी दो खतरनाक अपराधियों के घात-प्रतिघात का रोचक वर्णन होगा, पर ऐसा कहीं कुछ पढने को मिला नहीं
फिर भी यहाँ एक संवाद प्रस्तुत है जो अलफांसे की किरदार को स्पष्ट करने में सहायक हो सकता है। माफिया डाॅन जब अलफांसे से बातचीत की रिक्वेस्ट करता है और अलफांसे उसे मुँहतोड़ जवाब देता है।
"अलफांसे क्या हम आपस में बैठकर बातचीत नहीं कर सकते?"
"शेर कुत्ते के साथ बैठकर क्या बात करेगा?"

उपन्यास का घटनाक्रम यूरोपीय देशों में दर्शाया गया है और वह भी अलग- अलग देशों में।
       साइप्रस भूमध्य सागर में स्थित एक द्वीपनुमा देश है। जिसका क्षेत्रफल कुल साढे तीन हजार मील के लगभग है। द्वीप की अधिकतम लंबाई एक सौ इकतालीस मील और चौडाई साठ मील है। इस छोटे से देश की दो प्रमुख नदिया है पेडियास और यालिस।
और अलफांसे...इन दिनों साइप्रस की राजधानी निकोसिया में घूम रहा था।

   उपन्यास का इसलिए पढा जा सकता है की यह अंतरराष्ट्रीय अपराधी अलफांसे पर केन्द्रित है इसके अतिरिक्त और कोई कारण नजर नहीं आता।
पूर्णतः अलफांसे पर केन्द्रित यह उपन्यास। मनोरंजक और एक बार पठनीय है।
उपन्यास- सात सितारे मौत के
लेखक-   वेदप्रकाश कांबोज
प्रकाशक- डायमंड पॉकेट बुक्स

अलफांसे सीरीज
---

अंतरराष्ट्रीय- दो देशों के मध्य
अंतर्राष्ट्रीय-   देश के अंदर

1 comment:

  1. चूँकि दोनों ही अपराधी हैं तो इनकी टक्कर पढ़ना रोचक होगा। लेख उपन्यास के प्रति रुचि जगाता है। अगर कहीं मिला तो पढ़ने का प्रयास रहेगा।

    ReplyDelete

आयुष्मान - आनंद चौधरी

अमर होने की चाह.... आयुष्मान- आनंद चौधरी ये अजीबोगरीब दास्तान मोर्चरी के पोस्टमार्टम रूम में पोस्टमार्टम टेबल पर रखी गई एक लाश से शुरू होती...