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आयुष्मान - आनंद चौधरी
अमर होने की चाह.... आयुष्मान- आनंद चौधरी ये अजीबोगरीब दास्तान मोर्चरी के पोस्टमार्टम रूम में पोस्टमार्टम टेबल पर रखी गई एक लाश से शुरू होती...
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रीमा भारती टकरायी दुश्मनों से दौलत नहीं दोस्त किसी की- रीमा भारती जासूसी उपन्यास साहित्य में एक नाम खूब चर्चित रहा है और वह नाम है रीमा भा...
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कर्नल रंजीत का प्रथम उपन्यास हत्या का रहस्य- कर्नल रंजीत, 1967 हिंदी लोकप्रिय उपन्यास साहित्य में छद्मनाम का पहला प्रयोग हिंद पॉकेट बुक...
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एक खतरनाक संस्था से टकराव विकास और मैकाबर- वेदप्रकाश शर्मा मैकाबर सीरीज का प्रथम भाग वेदप्रकाश शर्मा जी की 'विजय- विकास' सीरीज में ...
आपका लेख पत्रिका के प्रति उत्सुकता जगाता है। मैंने चंपक के नवंबर माह के दोनों अंक हाल फिलहाल में पढ़े। घर पर अखबार के साथ चंपक, सरिता और रीडर्स डाइजेस्ट लगवा रखी है तो पढ़ने के लिए काफी कुछ हो जाता है। वैसे पब्लिकेशन डिवीजन की बाल भारती भी अच्छी लगती है मुझे। अगर नहीं पढ़ी तो पढ़कर देखें। 2024 में आने वाले आपके लेखों की प्रतीक्षा रहेगी।
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