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Sunday, 26 January 2020

262. माई लास्ट अफेयर- सुधीर मौर्य

अंतिम प्यार से जिंदगी की शुरुआत...
माई लास्ट Affair- सुधीर मौर्य, 
प्रेम कथा

खाली वक्त निकालने से अच्छा है की कुछ पढ लिया जाये। बहुत सी किताबों में से कुछ अलग पढना चाहता था। तब नजर आयी सुधीर मौर्य की किताब 'मेरा लास्ट affair'।
वैसे मुझे प्रेमकथाएं पढना कम‌ पसंद है, लेकिन प्रयोग के स्तर पर इस उपन्यास को पढा।
प्रस्तुत उपन्यास पूर्णतः एक प्रेम कथा है जिसमें बीच-बीच में वासना का 'तड़का' लगाया गया है। हालांकि यह पाठक पर निर्भर है वह किस उपन्यास को किस दृष्टि से पढता है। मैं जिस कहानी को पढना हूँ तो मेरी इच्छा होती है कहानी ऐसी हो जिसे बड़ों से लेकर छोटे बच्चे तक पढ सकें, परिवार के सदस्य पढ सकें। इस दृष्टि से यह उपन्यास मुझे अच्छा नहीं लगा।
उपन्यास का मुख्य पात्र कुणाल है। यह कथा कुणाल और उसकी जिंदगी में आने वाली लड़कियों पर केन्द्रित है। कुणाल की जिंदगी में एक के बाद एक लड़कियां ऐसे गिरती हैं जैसे न्यूटन के सामने सेव गिरा था। जैसे रूही, सुम्बुल, नाज और अस्मिता आदि।
 
         कुणाल को हर एक लड़की के प्यार का नशा होता है लेकिन यह नशा किसी न किसी वजह से उतर भी जाता है। वह चाहे मजबूरी हो, बेवफाई हो या कुछ और कारण। - बेवफाई तो अजल से जमाने का दस्तूर रहा है। अगर जमाने में प्यार है तो बेवफाई भी रहेगी; प्यार और बेवफाई का तो चोली दामन का साथ है, दोनों सहेलियाँ हैं। और यह साथ चलता रहता है। कभी प्यार जीत जाता है तो कभी प्रेमी जिंदगी से भी हार जाता है।

         प्यार और प्यार नें जुदाई से तंग आकर कुणाल शहर ही बदल लेता है लेकिन उसकी किस्मत यहाँ भी उसकी झोली में, संयोग से एक प्यार आ टपकता है। यहीं से उपन्यास का आरम्भ होता है। बस में सफर के दौरान कुणाल को रूही मिलती है, रास्ते में प्यार हो जाता है और मंजिल पर पहुंचने से पहले-पहले यह प्यार 'प्यार की हद' भी पार कर जाता है। और कुणाल को प्यार का नशा भी हो जाता है।
         हाँ मैं नशा करने लगा था; रुही से मुहब्बत का नशा, उसकी आवारा जुल्फों की छाँव का नशा; उसकी चमकती मरमरी बाहें, जो न जाने कितनी बार मेरे गले का हार बन चुकी थीं, न जाने कितनी बार मेरी कमर के गिर्द लिपट चुकी थीं, उनका नशा। सच पूछो तो सिर्फ इस एहसास से ही कि रूही मेरी महबूबा है, मेरा विश्वास कई गुना बढ़ जाता था, और जब वो मेरे कदमों से कदम मिलाकर साथ देती तो मैं खुद को दुनिया का सबसे ज्यादा खुशनसीब व्यक्ति समझने लगता था।
        रूही के साथ आरम्भ हुआ यह उपन्यास धीरे-धीरे कुणाल के भूतकाल की घटनाओं से पाठक का परिचय करवाता है और उस परिचय में पाठक नाज, सुम्बुल, अस्मिता, संजोत आदि से मिलता है। ये सब पात्र एक पुन: चुपके से कुणाल के जीवन में प्रवेश कर जाते हैं।
         कुणाल के लिए किसी को भी भूला देना आसान नहीं है। - मेरी कच्ची उम्र की मुहब्बत, मेरी नाज, जिसके एक बार बिछड़ा तो फिर उससे दुबारा मिल ही न सका। अस्मिता और संजोत; सबके साथ एक दर्द भरी कहानी थी मेरी। एक ऐसा रिश्ता जिसके दर्द की टीस दिल के जख्मों को कभी सूखने नहीं देती, हर वक्त हर घड़ी उन्हें ताजा रखती है।
         एक तरफ नया प्यार है, एक तरफ बचपन का प्यार है तो कहीं दोस्ती वाला प्यार है और इन सब के बीच है कुणाल।
आखिर कुणाल किसे अपना लास्ट अफेयर बना पाया यह उपन्यास का मूल बिंदु है।
‘‘क्या?’’ उसने मेरे गले में बाँहें डाल दीं।
‘‘माई लास्ट अफेयर।’’ मैं उसे कमर से पकड़कर अपने करीब खींचते हुए बोला।
‘‘मतलब?’’ उसने अपने सीने पे मेरे हाथ के दबाव को महसूस करके चिहुँकते हुए पूछा।
‘‘मतलब.... ज़िन्दगी की शुरूआत!’’ कहकर मैंने लाइट ऑफ कर दी।

         आखिर कौन था कुणाल का लास्ट Affair?

मुझे यह उपन्यास अंत में जाकर उपन्यास बहुत अच्छा लगा। यह कहानी कुणाल की, उसकी प्रेमिकाओं की, उसके जीवन में आए प्रेम प्रसंगों की है। उपन्यास में अपने-अपने हल्के हल्के टविस्ट हैं जो उपन्यास रोचक बनाते हैं और और पाठक को उपन्यास पढ़ने के लिए प्रेरित भी करते हैं। पढ़ते वक्त यह जिज्ञासा रहती है कि आगे क्या होगा। अगर उपन्यास में प्रेम प्रसंगों के दौरान आए शारीरिक चित्रण को छोड़ दिया जाए तो कहानी दिलचस्प है उपन्यास में यह पढ़ना भी दिलचस्प है कि कुणाल का लास्ट अफेयर कौन सा होगा।
        अगर आप प्रेम कहानियाँ पसंद करते हैं तो उम्मीद है यह प्रेम कथा भी आपको पसंद आयेगी।
उपन्यास की एक विशेषता यह भी है की यह आधुनिक प्रेम का चित्रण करता उपन्यास है।

उपन्यास - माई लास्ट अफेयर
लेखक-    सुधीर मौर्य
आई एस बी एन : 978-93-87390-00-3
प्रकाशक- redgrab
द्वितीय,- 2017
संपर्क- वेबसाइट - www.redgrabbooks.com
ईमेल - contact@redgrabbooks.com

1 comment:

  1. किताब रोचक लग रही है। वैसे मैं भी प्रेम उपन्यासों को दूर से ही नमस्कार कर देता हूँ लेकिन कुछ दिनों पहले मैंने नमिता गोखले का उपन्यास अ हिमालयन लव स्टोरी मँगवाया है। उपन्यास की पृष्ठ भूमि पहाड़ की है तो मैं खुद को उपन्यास खरीदने से नहीं रोक पाया। इससे पहले उनका एक उपन्यास पारो पढ़ा था।

    उपरोक्त उपन्यास को अगर मौका लगा तो एक बार जरूर देखूँगा।

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