Thursday 28 December 2017

86. आखिरी दांव- जेम्स हेडली चेइस

एक खतरनाक अपराधी का आखिरी दांव...
आखिरी दांव- जेम्स हेडली चेइज, थ्रिलर उपन्यास, रोचक, पठनीय।
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        जेम्स हेडली चेइज जासूसी उपन्यास जगत के वह सितारे थे जिनकी चमक दूर दूर तक थी। यही कारण है की इनके उपन्यास जितने लोकप्रिय अंग्रेजी में थे, स्वयं के देश में थे, तात्कालिक समय में थे, उतने ही लोकप्रिय आज हैं, विभिन्न देशों‌ में भी और विभिन्न भाषाओं में हैं।
        प्रस्तुत उपन्यास आखिरी दांव मूलत: अंग्रेजी उपन्यास One Bright Summer Morning का हिंदी अनुवाद है और यह अनुवाद किया है प्रसिद्ध अनुवादक सब्बा खान जी ने।
    उपन्यास जितना रोचक है अनुवाद उतना ही शानदार है।
      वे चार थे। वे एक राह के राही बनकर सफर पर निकले थे। उन्हें अपनी तकदीर संवारनी थी। अपने-अपने  अंधेरों की सियाही को दौलत की रौशनी से चमकाना था और फिर दौलत हासिल करने की उस खतरनाक राह पर उन्होंने खेला एक बड़ा और आखिरी दांव।
यह कहानी है क्रेमर नामक एक ऐसे अपराधी की जिसने बहुत धन कमा कर अपराध जगत से किनारा कर लिया और आराम‌ की जिंदगी जीने लगा। ज़रायम की दुनिया से किनाराकशी करने के बाद क्रेमर सही मायनों में एक इज्जतदार सामाजिक व्यक्ति बन गया था। (पृष्ठ-27) लेकिन उसके दिमाग में अक्सर अपराध जगत से संबंधित कुछ न कुछ चलता रहता था। ज़रायम की दुनियां में वापस  कदम न रखने के अपने पक्के इरादे के बावजूद, क्रेमर अपने खाली समय में वक्तगुजारी के लिए अक्‍सर शानदार बैंक-डकैतियां किसी अपहरण की फुलप्रूफ स्कीम बनाते बैठा रहता था। (पृष्ठ-28)
                  
                    एक दिन किस्मत ने क्रेमर को ऐसी स्थिति में ला पटका की वह अर्श से फर्श पर आ गया। अपनी शाही जिंदगी को बनाये रखने के लिए अब उसके लिए जरूरी था की वह कुछ ऐसा करता जिससे उसके पास पुन: दौलत एकत्र हो जाये।
                    क्रेमर ने अपने एक पुराने अपराधी मित्र मो जेगेटी, चिटा क्रेन एव रिफ क्रेन नामक भाई-बहन के साथ मिलकर एक ऐसा प्लान अपराधी जाल बुना जिसके बल पर उन्होंने विश्वास था की वो चार करोड़ डालर्स की रकम एकत्र कर लेंगे।
      ‌लेकिन पुलिस अधिकारी डेनिसन‌ जो लंबे समय से क्रेमर का इंतजार कर रहा था।  क्रेमर को थामने के लिए मैंने इक्कीस सालों तक इंतजार किया है।वह बड़ी मछली है, जो उस वक्त जाल से फिसल गयी थी और अब अगर वह वापस जुर्म की दुनियां में कदम रख रही है तो यह मेरी खुशकिस्मती है। (पृष्ठ-45)
    
        क्रेमर ने एक अभेद्य जाल बनाया और उस जाल में फंसा वान वाइलाई। वान वाइलाई शहर का एक प्रतिष्ठित अमीर आदमी था। वान वाइलाई की बेटी का अपहरण कर उससे चार करोड़ डॉलर की फिरौती मांगी गयी। लेकिन वान वाइलाई इतनी आसानी से रुपये देने वाला नहीं था। "अगर यह हरामखोर समझते हैं‌ कि मेरे चार करोङ डॉलर लेकर हवा हो जायेंगे, तो ये ख्वाबों में जी रहे हैं।" (पृष्ठ-122,23)
- क्या क्रेमर का प्लान कामयाब रहा?
- क्या क्रेमर को चार करोड़ डॉलर मिल पाये?
- आखिर क्रेमर और साथियों का प्लान क्या था?
- डेनिसन अपने उददेशे में सफल हो पाया?
- वान वाइलाई ने क्या धनराशि दे दी?
- बहन- भाई की जोड़ी ने आखिर क्या गुल खिलाया?

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उपन्यास में चार अपराधी हैं लेकिन चारों का स्वभाव बिलकुल अलग-अलग है। जहाँ क्रेमर और मो जगेटी अपराध जगत में दोबारा कदम रखते हैं वहीं चिटा और रिफ बहुत ही हरामी किस्म के इंसान हैं।
        क्रेमर का अपराध जगत में पुनः प्रवेश उसकी एक मजबूरी है लेकिन वह आज भी स्वयं को उतना ही सशक्त मानता है जितना पहले था लेकिन‌ मो जगेटी स्वयं को परिस्थितियों पर छोड़ देता है।
      अगर देखा जाये तो मो जगेटी का किरदार एक अपराधी का होते हुए भी एक कोमल ह्रदय व्यक्ति का है। वह अपनी माँ के सानिध्य से दूर नहीं जा सकता, वह विक्टर डरमोट की पता पर अत्याचार नहीं देख सकता और डरमोट के छोटे बच्चे से भी स्नेह रखता है।
   वहीं चिटा और रिट दोनों भाई बहन निकृष्ट मानसिकता के व्यक्ति हैं। वे किसी को भी मारते हुए नहीं हिचकते। उपन्यास में मो जगेटी से अनायास ही एक भावुकता का बंधन बन जाता है।
        उपन्यास में‌ समय- समय पर काफी मोड़ आते हैं‌ जो सहज ही पाठक को आकृष्ट करते हैं।
- मिस वाइलाई का अपहरण कर्ता रिफ क्रेन से प्यार हो जाना उपन्यास में एक रोचक प्रसंग है।
उपन्यास का समापन पृष्ठ दर पृष्ठ रोचक और घुमावदार है। कहा‌नी अंत में जाते-जाते काफी बदलती रहती है जिससे उपन्यास में रोचकता सहज और स्वाभाविक बनी रहती है।
                                 उपन्यास मनोरंजन है लेकिन उपन्यास में चिटा और रिफ का आगमन एक फिल्मी तरीके से होता है वह किस्सा उपन्यास में‌ अनावश्यक लगता है। एक ठिगने आदमी से लड़ाई और फिर उस ठिगने आदमी की उपन्यास में‌ कहीं कोई भूमिका भी नहीं है। दोनों कभी न जान पाये की वह ठिगना कौन था। (पृष्ठ-58) यह बात पाठक भी नहीं जान पाता।

अनुवादक-
           प्रस्तुत उपन्यास का अनुवाद चर्चित अनुवादक सब्बा खान जी ने किया है। इनका उपन्यास उपन्यास को सहज और सरल बना देता है। यह इनकी व्यक्तिगत विशेषता है।
         उपन्यास मात्र शब्दानुवाद ही नहीं है यह भावानुवाद भी है। कहीं कोई क्लिष्ट शब्द प्रयुक्त नहीं हैं। उपन्यास पढते वक्त कहीं भी यह महसूस नहीं होता है की हम‌ एक अनुवाद पढ रहे हैं।
      भाषा शैली  की कोमलता, सजीवता और धार प्रवाह उपन्यास को पठनीय बनाने में विशेष योगदान रखते हैं।
अनुवादक सब्बा खान जी धन्यवाद की पात्र हैं।
निष्कर्ष-
            उपन्यास की कहानी एक जुर्म की दुनियां से किनारा कर चुके अपराधी की पुन: जुर्म की दुनियां में आगमन की‌ कहानी है। कहानी अपने प्रथम पृष्ठ से ही रहस्य समेटे हुये है और ऐसे ही आगे बढती है।
    उपन्यास की भाषा शैली सब्बा खान जी के अनुवाद से बहुत अच्छी बनी है।
       उपन्यास रोचक और पठनीय है।
         
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उपन्यास-   आखिरी दांव
मूल नाम-   One Bright Summer Morning
लेखक-      जेम्स हेडली चेइज
अनुवादक-  सब्बा खान
प्रकाशक-   सूरज पॉकेट बुक्स
पृष्ठ-    219
मूल्य-  150₹
        



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