मुख्य पृष्ठ पर जायें

Friday, 15 October 2021

464. सरहदी तूफान- प्रेम प्रकाश

सरहद पर उठा एक खतरनाक तूफान
सरहदी तूफान- प्रेम प्रकाश
    
      Hindi Pulp Fiction में प्रेम प्रकाश का नाम पाठकों के लिए अपरिचित नहीं है। हालांकि पाठकवर्ग इन्हें लेखक के तौर पर कम और अनुवादक के रूप में ज्यादा जानते हैं। हिंदी जासूसी साहित्य को एक नया आयाम देने वाले इब्ने सफी के उर्दू उपन्यासों को हिंदी में अनुदित करने का कार्य प्रेम प्रकाश ही किया करते थे।
     बहुत से लेखक अनुवादक से लेखक बने हैं और इसी क्रम में नाम आता है प्रेमप्रकाश का। प्रेम प्रकाश का जितना नाम अनुवादक के तौर पर चर्चित रहा उतना एक लेखक के तौर पर चर्चित न रहा। 
     नकहत प्रकाशन -इलाहाबाद से सन् 1976 में प्रकाशित उपन्यास 'सरहदी तूफान' पढा‌ जो एक रोचक जासूसी उपन्यास है।
    शहर का एक चर्चित क्लब- प्रिंस नाइट क्लब।
    जासूस राजन भी इसी क्लब में था, जहाँ उसे कुछ संदिग्ध आदमी दिखे थे और वह उनका पीछा करता हुआ घने जंगल में पहुँच गया।
वे तीन आदमी थे। लेकिन जब राजन वहाँ पहुंचा तो उसे वहाँ एक आदमी की लाश मिली। यह उसी आदमी की लाश थी जिसे वह विचित्र आदमी प्रिंस नाइट क्लब में बराबर घूरे जा रहा था और जिसे वह अपने साथ यहाँ तक लाया था। (पृष्ठ-10)      उस मृत व्यक्ति की तलाशी से राजन को यह पता चलता है की सरहद पर स्थित रसौती नामक क्षेत्र में कुछ संदिग्ध घटित हो रहा है।
"और वह रसौती आदिवासियों की एक बस्ती का नाम है। जो सरहदी इलाके में स्थित है।"-राजन ने नक्शे पर एक जगह अँगुली रख दी,-" और नक्शे के रंगों से यह प्रकट हो रहा है कि यह बस्ती चारों ओर से पहाड़ियों से घिरी हुयी है। इबारत बताती है कि यहाँ कुछ हो रहा है और जो हो रहा है, उसे दुनिया की नजरों से छिपाने का पूरा-पूरा प्रयास भी किया जा रहा है। (पृष्ठ-14)
       शेष कहानी रसौती के निकट शहर रावेली की है। राजन अपने विशिष्ट साथी हरीश और दो गौण साथी सोलिना और राम सिंह के साथ रावेली जा पहुंचता है। लेकिन रावेली में उस अज्ञात अपराधी को खोजना सरल कार्य ना था।
     लेकिन कुछ अज्ञात सहायकों की सहायता से राजन असली अपराधी का पता लगा ही लेता है।
     उपन्यास में 'मारगेल' एक खतरनाक अपराधी के रूप में उपस्थित है। वह क्या कार्य करता है यह किसी को भी ज्ञात नहीं, यहाँ तक की उसकी विशेष साथी और प्रेयसी जोनो भी उसके उद्देश्य को नहीं समझ पाती।
      जब उपन्यास के अंत में मारगेल के कार्य और उद्देश्य सामने आते हैं तो वह बहुत खतरनाक और हैरत कर देने वाले हैं। विशेषकर मारगेल का पीले बादलों का प्रयोग।
   
उपन्यास शीर्षक -
उपन्यास के शीर्षक को पढकर यह सहज ही अनुमान होता है कि देश की सरहद पर कुछ हो रहा है। हालांकि एक जगह हल्का सा वर्णन अवश्य है, लेकिन कोई विशेष बात स्पष्ट नहीं होती की यहाँ जो हो रहा है वह सरहद पर ही हो रहा है।
    वहीं उपन्यास के अंत में लेखक स्वयं शीर्षक के साथ विरोधाभास पैदा कर देता है।
उपन्यास के मुख्य पात्र
राजन- उपन्यास का मुख्य नायक है।
हरीश- राजन का सहायक है। जो थोड़ा उच्छृंखल प्रवृत्ति का है।
दिनेश और आशा- उपन्यास के दो ऐसे पात्र हैं, जो आरम्भ में मात्र साधारण यात्री नजर आते हैं और बाद में उनका किरदार बदलता रहता है। दोनों पात्रों की भूमिका विस्तार तो है पर उपन्यास में महत्व कम है।
  जोनो- उपन्यास में जोनो का किरदार प्रभावित करने वाला है। वह चाहे अपराधी 'मारगेल' की साथी है पर उसमें मानवीय भावनाएँ है, वह संवेदनशील है। जब मारगेल प्रयोग के तौर पर एक आदिवासी को मारता है तो उसका विरोध करती है।
  सोलन- उपन्यास का रहस्यम पात्र है, जिसकी वास्तविकता का पता अंत में चलता है।
रोसो- रोसो अपराधीवर्ग का साथी है, पर उसकी मृत्यु का कारण तर्कसंगत नहीं है।
मारगेल- एक खतरनाक अपराधी।
  'सरहदी तूफान' एक जासूस प्रधान उपन्यास है। जासूसवर्ग को पता चलता है की भारत के रसौती क्षेत्र में कुछ अपराधिक गतिविधियां हो रही हैं। जासूस वर्ग अपने तरीके से उनकी खोजबीन करता है और अपराधिक वर्ग का पता लगाता है।
    यह एक मध्यम श्रेणी का उपन्यास है। कहानी में कोई नयापन तो नहीं है पर नीरसता भी नहीं है। कथा की गति अच्छी है जिसके बहाव में पाठक उपन्यास पढ सकता है।
उपन्यास- सरहदी तूफान
लेखक -    प्रेम प्रकाश
प्रकाशक-  नकहत पब्लिकेशन, इलाहाबाद
सन् -         1976
पृष्ठ-          144
उपन्यास समीक्षा-
  गुरप्रीत सिंह, श्री गंगानगर, राजस्थान

No comments:

Post a Comment