Thursday, 9 January 2025

621. आपरेशन डम डम डिगा डिगा- संजीव जायसवाल 'संजय'

डाक्टर डिमांगो का कहर और प्रोफेसर का आविष्कार
आपरेशन डम डम डिगा गिडा- संजीव जायसवाल 'संजय'

विश्व विजय प्राइवेट लिमिटेड बुक्स दिल्ली द्वारा बाल साहित्य की रोचक किताबों का प्रकाशन सराहनीय प्रयास है।
प्रस्तुत लघु बाल उपन्यास प्रसिद्ध लेखक संजीव जायसवाल 'संजय' जी की एक्शन, रोमांच से परिपूर्ण विज्ञान गल्प है।
  यह कहानी है एक प्रोफेसर के आविष्कार और विश्व विजेता बनने के स्वप्न लेने वाले खतरनाक डाक्टर डिमांगो की।
        प्रोफेसर हेमंत राय की आंखों में आज एक विशेष चमक श्री. पिछले दो वर्षों से वे जिस महत्वपूर्ण आविष्कार के लिए दिनरात जुटे हुए थे वह पूर्ण हो गया था. आज विज्ञान भवन में वे महत्वपूर्ण केन्द्रीय मंत्रियों, तीनों सेनाओं के सर्वोच्च अधिकारियों और देश के प्रमुख वैज्ञानिकों के समक्ष अपने उस महत्वपूर्ण आविष्कार का प्रदर्शन करने जा रहे थे.
प्रोफेसर राय पहले भी कई महत्वपूर्ण आविष्कार कर चुके थे जिस के कारण वे दुश्मन राष्ट्रों की आंखों की किरकरी बने हुए थे. कुछ उन्नत देश यह नहीं चाहते थे कि प्रोफेसर राय के आविष्कारों के दम पर भारतवर्ष एक शक्ति सम्पन्न देश बन सके और उन के समकक्ष खड़ा हो सके.
         इस लिए प्रोफेसर राय के अपहरण के दो प्रयास हो चुके थे किन्तु सौभाग्य से वे दोनों बार बच गए थे. इस के बाद उन की सुरक्षा व्यवस्था बहुत कड़ी कर दी गई थी. वे जहां भी जाते, जहां भी रहते पुलिस के जवान उन्हें घेरे रहते.
       इन सब से प्रोफेसर राय को बहुत उलझन होती, वे अपने ऊपर एक बंधन सा महसूस करते और स्वतंत्र रूप से कोई कार्य नहीं कर पाते थे. काफी सोचने विचारने के पश्चात उन्होंने एक निर्णय लिया और वेश बदल कर शहर के इस मध्यवर्गीय इलाके में रहने लगे थे. (पुस्तक का प्रथम पृष्ठ)
      प्रोफ़ाइल राय प्रधानमंत्री, विज्ञान मंत्री, तीनों सेनानायकों और अन्य वरिष्ठ लोगों के मध्य अपने नये आविष्कार का प्रदर्शन करते हैं और उसी समय वहां एक खलनायक का प्रवेश होता है।
"तुम कौन हो ?" प्रोफेसर राय ने उसे घूरते हुये कहा ।
"मैं इस दुनिया का होने वाला नया बादशाह डाक्टर डिमांगो हूँ ।"
   डाक्टर डिमांगो प्रोफेसर राय और प्रधानमंत्री का अपहरण कर अपने गुप्त अड्डे पर ले जाता है। और पुलिस- सेना कुछ नहीं कर पाती ।
लेकिन देश के प्रधानमंत्री और वैज्ञानिक का अपहरण कोई सामान्य बात नहीं थी। तब प्रोफेसर राय का बेटा शंशाक और सेना कमाण्डो अमर दोनों 'आपरेशन डम डम डिगा डिगा' के तहत प्रोफेसर राय के आविष्कार के बल पर अपहृत लोगों को खोजने का और वापस लाने की जिम्मेदारी लिये आगे बढते हैं।
प्रोफेसर राय का आविष्कार क्या था ?
डाक्टर डिमांगो उस आविष्कार को क्यों चाहता था ?
क्या डाक्टर डिमांगो सफल हो पाया?
क्या शंशाक और अमर अपहृत व्यक्तियों का वापस ला पाये ?
क्या था आपरेशन डम डम डिगा डिगा?
यह सब जानने के लिए यह उपन्यास पढना होगा जो काफी रोचक और मनोरंजक है।
उपन्यास में भारत देश की अहिंसा नीति का वर्णन पठनीय है।  शक्ति सम्पन्न होने के पश्चात भी भारत ने कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया । हमने अपनी सुरक्षा के लिए प्रयास किये हैं। यहां प्रधानमंत्री महोदय का भी प्रोफेसर को यही कहना है-
   भारतवर्ष दुनिया के शक्ति संपन्न देशों के बीच गर्व से खड़ा हो सकेगा, हम शांति के पुजारी हैं, हम किसी भी प्रकार के युद्ध या शस्त्रों की दौड़ में शामिल नहीं होना चाहते लेकिन देश के आत्मसम्मान और अस्मिता की रक्षा के लिए शक्ति संपन्न होना जरूरी है ।
उपन्यास 80 पृष्ठ का है और इन पृष्ठों में लेखक महोदय ने काफी कुछ समेटने का प्रयास किया है। या कहें की एक पूर्ण उपन्यास का यह लघु संस्करण है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं है।
  इस पुस्तक में प्रकाशन वर्ष कहीं नहीं लिखा हुआ, इसलिए यह कब प्रकाशित हुयी, यह कौनसा संस्करण है यह कहना कठिन कार्य है। तो हम इस कठिन कार्य को कठिन ही रहने देते हैं।
  बच्चों के साथ -साथ बड़ों के लिए भी मनोरंजनपूर्ण है।  कहानी पढें और मनोरंजन की दुनिया में खो जायें।
धन्यवाद ।

उपन्यास- आपरेशन डम डम डिगा डिगा
लेखक-    संजीव जायसवाल 'संजय'
पृष्ठ-  ‌‌‌‌      80
प्रकाशक- विश्व विजय प्राइवेट लिमिटेड बुक्स, दिल्ली 

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