Thursday 11 April 2024

आयुष्मान - आनंद चौधरी

अमर होने की चाह....
आयुष्मान- आनंद चौधरी

ये अजीबोगरीब दास्तान मोर्चरी के पोस्टमार्टम रूम में पोस्टमार्टम टेबल पर रखी गई एक लाश से शुरू होती है, जो अचानक जिंदा होकर वहाँ से फरार हो जाती है। सी.बी.आई. जैसी जाँच एजेंसियों के लिए ये एक निहायत हीं अजीबोगरीब वाकया था कि भला एक लाश जिसकी मौत की पुष्टि डॉक्टर द्वारा ऑलरेडी हो चुकी थी, और जिसका महज कुछ घंटो बाद पोस्टमार्टम होने वाला था, वो लाश अचानक से जिंदा कैसे हो गई? वो लाश किसकी थी? जिंदा होकर कहाँ और क्यों फरार हो गई? क्या दुनिया के किसी कोने में चोरी-छिपे किसी ऐसे असाधारण काम को अंजाम दिया जा रहा था, जिसके बारे में वर्ल्ड की टॉप इंटेलिजेंस एजेंसियों को अब तक भनक भी नही लग सकी थी? बहुत सारे सवाल थे, जिसका जवाब पाने के लिए जाँच एजेंसियाँ जी-जान से लग चुकी थी। क्या जाँच एजेंसियाँ इन सारे सवालों के जवाब हासिल करके इस विचित्र केस के रहस्य पर से पर्दा उठाने में कामयाब हो सकी?
    ' साजन मेरे शातिर' उपन्यास से उपन्यास साहित्य में पदार्पण करने वाले आनंद चौधरी साहब लम्बे समय तक शांत रहने के पश्चात सक्रिय हुये और एक के बाद एक सराहनीय उपन्यास लिखने लगे। इसी क्रम में इ‌नका उपन्यास 'आयुष्मान' 2023 में प्रकाशित हुआ एक अलग स्तर का उपन्यास है।

आयुष्मान - आनंद चौधरी

अमर होने की चाह.... आयुष्मान- आनंद चौधरी ये अजीबोगरीब दास्तान मोर्चरी के पोस्टमार्टम रूम में पोस्टमार्टम टेबल पर रखी गई एक लाश से शुरू होती...