एक फिल्म अभिनेत्री की हत्या
जानी दुश्मन- कर्नल रंजीत
नमस्ते पाठक मित्रो,
कर्नल रंजीत के उपन्यास पठन क्रम में एक रोचक उपन्यास मुझे मिला जिसका नाम है 'जानी दुश्मन' । यह एक रोचक उपन्यास है जो सिलसिलेवार हत्याओं पर आधारित है।
कर्नल रंजीत के उपन्यास पठन क्रम में एक रोचक उपन्यास मुझे मिला जिसका नाम है 'जानी दुश्मन' । यह एक रोचक उपन्यास है जो सिलसिलेवार हत्याओं पर आधारित है।
जानी दुश्मनअभिनेत्री की हत्याप्रियम्बदा ने अपने बाल संवारते हुए एक नजर आदम-कद नाइने पर पड़ते अपने अक्स पर डाली तो उसे लगा, वह आइने में जिस अक्स को देख रहीं है, वह अक्स उसका अपना नहीं किसी और का है। हर समय उदास और गम में डूबी-डूबी-सी आंखों में एक नई चमक थी, एक नया उल्लास था और चेहरे पर ऐसी ताजगी जैसी सुबह-सुबह खिले गुलाब के फूल की पंखुड़ियों पर दिखाई देती है। तराचे हुए सन्तरे की फांक जैसे भरे-भरे होंठों पर एक अन-चाही मुस्कान थिरक रही थी ।
और फिर अनचाहे, अनजाने वह हेमन्त के नए गीत के मुखड़े को गुनगुनाने लगी-गीत के बोल गुनगुनाते-गुनगुनाते अनायास ही उसके पांव बेडरूम के फर्श पर थिरक उठे। पैरों में पड़ी पायल के घुंघरू तालबद्ध लय में बज उठे ।छलका दो मदिरा के प्याले, तन-मन की सुध-बुध खो जाए।होंठों से यदि तुम छू दो तो । यह विष भी अमृत बन जाए।
और फर्श पर थिरकते-गुनगुनाते उसने मेज पर रखा श्री-इन-वन ऑन कर दिया।