तीन रोचक कहानियाँ
विमल मित्र जी का एक छोटा सा कहानी संग्रह यमराज का नोटिस मेरे विद्यालय के पुस्तकालय में उपलब्ध था। खाली समय था, जिसका सदुपयोग पढने में किया।
इस कहानी संग्रह में विमल मित्र जी की तीन बांगला भाषा की कहानियों का हिंदी अनुवाद है। तीनों कहानियाँ रोचक, बहुत रोचक हैं। कहानियाँ का आकार मध्यम है इसलिए पढने में ज्यादा समय नहीं लगा।
इस संग्रह में शामिल कहानियाँ है।
1. यमराज का नोटिस (यमराजेर नोटिस)
2. चुहिया सुंदरी (ईदुरेर स्त्रीर कथा)
3. सबसे ताकतवर कौन (सब थेके शक्तिमान के?)
प्रथम कहानी यमराज का नोटिस एक अच्छी और भावुक कहानी कही जा सकती है। भावुकता के साथ साथ इसमें हास्य का पुट है। यह हास्य कहानी में भावुकता को हावी नहीं होने देता।
लेखन ने लेखन शैली में भी रोचकता कायम रखी है। बड़े बाजार से भवानी पुर। भवानी पुर से बालीगंज। बालीगंज से बेहला। इस बेहला के भूमिपति बाबू के मकान पर आते ही केष्ठो बाबू बिलकुल आटे की तरह अटक गये। (पृष्ठ-3)
यह कहानी भी केष्ठो और भूमिपति बाबू पर आधारित है। जब यमराज का नोटिस आता है तो मनुष्य की स्थिति क्या होती है। भूमिपति बाबू के लिए यह नोटिस भी उनका नौकर केष्ठो लेकर आया था।
क्या मालिक एक नौकर का आदेश मानेगा या नहीं?
नौकर यमराज का नोटिस कैसे लाया?
द्वितीय कहानी चुहिया सुंदरी बचपन में पढी हुयी कहानी है। आज इस कहानी के लेखक का भी पता चल गया की यह रचना विमल मित्र जी की है। शायद यह कहानी लगभग पाठकों ने पढी होगी।
यह कहानी एक ऐसे चूहे की है जो एक साधु के आशीर्वाद से चूहे से बिलाव और बिलाब कुत्ता.... क्रमश: शरीर बदलता रहा लेकिन वह कभी संतुष्ट न हो सका।
इस कहानी का अंत बहुत रोचक और अलग है। कहानी पूर्णतः हास्य पर आधारित है लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से संदेश भी देती है कि ज्यादा उच्चाकांक्षा अच्छी चीज नहीं है, उसमें खतरा है।(पृष्ठ-33)
इस संग्रह की अंतिम कहानी सबसे ताकतवर कौन है भी एक अच्छी व पठनीय कहानी है। जो बचपन में लगभग बाल पुस्तकों में पढने को मिलती थी। लेखक भी लिखता है यह कहानी बचपन में पिताजी से सुनी थी।
यह कहानी एक साधु और कुत्ते की है। कुत्ते की इच्छा होती है सबसे ताकतवर के साथ रहने की। इसलिए वह इधर-उधर भटकता रहता है और एक दिन साधु के पास पहुंच जाता है।
सबसे ताकतवर तो मनुष्य भी नहीं है।
साधु बाबा ने कहा,"तुमने भूल की है। मुझसे ताकतवर जीव भी संसार में है।"
"कौन है वह?"
उस ताकतवर की तलाश है यह कहानी ।
इस संग्रह की तीनों कहानियाँ रोचक और पठनीय है। बच्चों के लिए अच्छा संग्रह है। अगर इस संग्रह में कुछ और कहानियाँ होती तो बहुत अच्छा था। मात्र तीन कहानियों का संग्रह बहुत छोटा होता है। वह भी जब शब्दों का आकार बढाकर इसे 64 पृष्ठ में किया गया है।
फिर भी कहानियाँ पठनीय है।
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कहानी संग्रह- यमराज का नोटिस
लेखक- विमल मित्र
प्रकाशक- सुरुचि साहित्य, शाहदरा, दिल्ली
संस्करण- 1997
मूल्य-50₹
पृष्ठ-64
रोचक है। मिली तो पढ़ने की कोशिश करूंगा।
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