Saturday, 25 July 2020

355. यादावरी- डाॅ. जितेन्द्र सोनी

यादों का सफर
यादावरी- डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी (IAS)
साहित्य अकादेमी के युवा पुरस्कार से सम्मानित लेखक की कृति

मित्र श्यामसुंदर जी को यादावरी भेंट-08.11.2019

आम दिनों से अलग
कुछ बातें
जो अपनी यादावरी के लिए
दर्ज की
डायरी के पन्नों पर,
समर्पित
उन तारीखों के नाम
जो नये कैलेंडर के साथ
मिटी नहीं। 

यादावरी डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी जी की डायरी के कु़छ पृष्ठ है। वे पृष्ठ जो उनके जीवन की अनुभवी है, यह अनुभूति डायरी के माध्यम से व्यक्तिगत से सार्वजन की हो गयी है। 

  वैसे डायरी किसी भी लेखक ने व्यक्तिगत अनुभव होते हैं, इसलिए इनको पढना प्रत्येक पाठक के लिए रोचक नहीं हो सकता। यह डायरी जब मैंने प्रथम बार पढी तो मुझे बिलकुल भी रूचिकर न लगी लेकिन जब दोबारा पढा और इन घटनाओं को महसूस किया, संवेदनाओं को समझा तो रुचिकर लगा।

     इस डायरी में अलग-अलग समय और स्थान की घटनाओं को लिपिबद्ध किया गया है। हालांकि बहुत सी घटनाएं समय और स्थान के बंधन से मुक्त हैं। वे घटनाएं कहने को एक स्थान विशेष की हो सकती हैं लेकिन उनकी अनुभूति सर्वत्र की जा सकती है।
    जैसे इस डायरी का प्रथम अध्याय 'अलाव के घेरे से' कहने को श्री गंगानगर के एक स्थान का है लेकिन इसके पात्र सभी जगह मिल जायेंगे। ऐसी ही एक घटना जयपुर से संबंधी रखती है 'कीरवा की चाय' 
   अगर कोई घटना आपके शहर, गांव आदि से सम्बन्ध रखती है तो वह आपको विशेष रूप से आकृष्ट करेगी। डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी जी माउट आबू (सिरोही) में एस. डी. एम. पद पर रहे थे तो यहाँ की कुछ घटनाओं का वर्णन है जो मुझे सहज ही आकृष्ट करता है। जैसे नक्की झील, आबू रोड़ आदि का वर्णन। श्री गंगानगर मेरा गृह जिला तो वहाँ की घटनाएं भी प्रभावित करती हैं।
   मैंने यह किताब क्यों खरीदी-
    मेरे शिक्षक साथी श्यामसुंदर जी (व्याखाता- गणित) का माउंट आबू से नागौर स्थानान्तरण हुआ तो उपहार में देने के लिए यह पुस्तक ली थी। क्योंकि उनकी हार्दिक इच्छा थी इस किताब को पढना।
      इस पुस्तक के बहुत से अध्याय आपको प्रभावित करेंगे तो कुछ ऐसे ही हैं जो आपको बिलकुल भी रूचिकर प्रतीत न होंगे, क्योंकि यह एक डायरी है और डायरी हमेशा व्यक्तिगत होती है। इसलिए आवश्यक नहीं की आप लेखक की भावनाओं से अपना संबंध स्थापित कर सकें।
लेखक परिचय-
डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी- 29 नवंबर 1981 को जिला हनुमानगढ़, राजस्थान के गाँव धन्नासर में जन्म।
रचनाए-
उम्मीदों‌ के चिराग- हिन्दी काव्य संग्रह
रणखार-         राजस्थानी काव्य संग्रह
(साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार से सम्मानित रचना)
शब्दों के सीप- संपादन
निर्वाण- पंजाबी उपन्यास का हिन्दी अनुवाद
रूचि- लेखन, फोटोग्राफी, साईकलिंग, पेंटिग
सम्प्रति- IAS

रचना- यादावरी (संस्मरणात्मक डायरी)
लेखक-  डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी
संस्करण- 2018, प्रथम
ISBN- 978-93-81480-88-5
प्रकाशक- विजया बुक्स, दिल्ली
पृष्ठ-    111
मूल्य-  175₹
प्राप्ति लिंक-

यादावरी में माउंट आबू

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