मेजर बलवंत की एक मर्डर मिस्ट्री कहानी
चांदी की मछली- कर्नल रंजीत
SVNLIBRARY में आप इन दिनों लगातार पढ रहे हैं कर्नल रंजीत द्वारा लिखित रोचक उपन्यास । यह उपन्यास जहाँ मनोरंजन करने में सक्षम है वहीं आपको तात्कालिक जटिल कहानियों से भी परिचित करवाते हैं।
तो अब आप पढें कर्नल रंजीत के उपन्यास 'चांदी की मछली' की समीक्षा-
गरीबी और बेकारीरमणीक देसाई के लिए जीवन अचानक एक कटु यथार्थ बन गया था। ऐसा विषैला घूंट जिसे हलक से उत्तारना कठिन था। वह रेलवे - हड़ताल का शिकार हो गया था। उसने किसी प्रकार की तोड़-फोड़ में भाग नहीं लिया था, लेकिन उस पर तोड़-फोड़ करने के आरोप में मुकदमा चल रहा था। उसे आशा थी कि उसके साथ न्याय किया जाएगा। वह तीन महीने से बेकार था। बेकारी के भूत ने उसका स्वास्थ्य चौपट कर दिया था। चिन्ता और परेशानी से उसका रंग पीला पड़ गया था। उसकी जेब में आज केवल अट्ठाईस रुपये बाकी रह गए थे। उसकी आंखों में उसका भविष्य अंधकारमय हुआ जा रहा था और उसको यह भी दिखाई दे रहा था कि राधिका और उसके प्रेम की धज्जियां उड़ जाएंगी और उसका प्यार आत्महत्या कर लेगा।