Saturday, 31 May 2025

अभागी विधवा- वेदप्रकाश वर्मा

दो भाइयों की गृहक्लेश कथा
अभागी विधवा- वेदप्रकाश वर्मा

लोकप्रिय उपन्यास साहित्य में तीन 'वेद' थे। प्रथम वेदप्रकाश काम्बोज, द्वितीय वेदप्रकाश शर्मा और तृतीय नाम जो सामने आता है वह है वेदप्रकाश वर्मा । मेरठ जिले के निवासी वेदप्रकाश वर्मा जी का नाम मैंने 2017 के बाद ही सुना था और वह भी सोशल मीडिया के माध्यम से । एक ऐसा लेखक जिसने सौ से ऊपर उपन्यास लिखे पर संयोग
से कभी उनको पढने का अवसर ही नहीं मिला। वेदप्रकाश वर्मा जी के कुछ उपन्यास मेरे पास काफी समय से उपलब्ध थे पर पढने का अवसर अब मिला।

वेदप्रकाश वर्मा जी का जो उपन्यास मैंने सबसे पहले पढा है उसका नाम है 'अभागी विधवा ।' उपन्यास लेखकीय के अनुसार लेखक महोदय का कहना है की यह कहानी लम्बे समय से उनके दिमाग में थी पर उसे उपन्यास का रूप देने मे समय लगा।
अब हम अभागी विधवा उपन्यास का प्रथम पृष्ठ पढते हैं-
पुलिस का सायरन पूरी आवाज से चीख उठा ।

Friday, 30 May 2025

ब्रांच लाइन- दत्त भारती

प्रेम में असफल युवक की कहानी
ब्रांच लाइन- दत्त भारती

ब्रांच लाइन की उपन्यास की कहानी जानने से पहले हम इस उपन्यास के प्राप्त होने की और इस से संबंधित कुछ रोचक कहानियां जान लेते हैं।
जहां एक तरफ लोगों का पुस्तक पठन से रुझान कम हुआ है वहीं कुछ ऐसे पाठक भी हैं तो अंतिम सांस तक पढना ही चाहते हैं।
यहां मैं दो पुस्तक प्रेमियों का वर्णन कर रहा हूं और दोनों ही दत्त भारती जी के प्रशंसक हैं और एक उम्र विशेष में पहुकर सिर्फ दत्त भारती जी को ही पढना चाहते हैं। एक हैं गाजियाबाद से सतीश जी और दूसरे हैं राजस्थान के

Saturday, 3 May 2025

एनाकोंडा- काॅमिक्स

अमेजन के खतरनाक जंगलों में...
नमस्ते,
svnlibrary ब्लॉग पर किसी काॅमिक्स की यह पहली समीक्षा है। ब्लॉग पर ज्यादा समीक्षाएं उपन्यासों की हैं और उपन्यासों के अलावा विविध विधाओं की समीक्षाएं लिखी हैं पर किसी काॅमिक्स के विषय में लिखने का यह पहला अवसर है।
          बचपन छूटा तो काॅमिक्स का साथ भी छूट गया। कभी राज कॉमिक मेरी प्रिय हुआ करती थी। इसके अतिरिक्त बालहंस पत्रिका में छपने वाली चित्रकथा 'ठोला राम, कवि आहत' जैसी कथाएं आज भी याद आती हैं तो गुदगुदाती हैं। कभी किसी अज्ञात पत्रिका में प्रकाशित होने वाली 'इंस्पेक्टर आजाद' चित्रकथा की आधी-अधूरी याद, मन में इसलिए कसक पैदा करती है की उसे पूरा नहीं पढ पाये और ऐसी ही कसक 'बालहंस' पत्रिका की 'बिसतुईया' पैदा करती है।
समय के साथ-साथ सब काॅमिक्स/ चित्रकथाएं खत्म होती चली गयी। लेकिन जिनके मन में जुनून होता है, उनका यह जुनून समय के साथ बढता चला जाता है।
ऐसा ही जुनून था 'एनकोंडा' काॅमिक्स वालों का और जन्म लिया 'KORWA COMICS' ने और हमारे सामने आयी एक जबरदस्त काॅमिक्स 'एनकोंडा- अमेजन का दानव' ।

चांदी मछली - कर्नल रंजीत

मेजर बलवंत की एक मर्डर मिस्ट्री कहानी चांदी की मछली- कर्नल रंजीत SVNLIBRARY में आप इन दिनों लगातार पढ रहे हैं कर्नल रंजीत द्वारा लिखित रोचक ...