भूतों के देख में आईसलैण्ड- प्रवीण कुमार झा, यात्रा वृतांत
विश्व के नक्शे पर एक छोटा सा देश है आइसलैंड।
इसी आइसलैण्ड की यात्रा का वर्णन है उक्त छोटी सी किताब। यह किताब kindle पर online प्रकाशित हुयी है। इसकी भूमिका में भी कुछ भी वर्णित नहीं है या यू कहें की भूमिका, लेखकिय कुछ भी नहीं लिखा गया। विभिन्न स्त्रोतों और किताब पढने के बाद इस पर कुछ मेरे विचार प्रस्तुत हैं।
आइसलैण्ड के लोग भूतों पर ज्यादा विश्वास करते हैं। लेखक को भी भूतों में दिलचस्पी है। जब से सुना, आईसलैंड में प्रेत बसते हैं, इच्छा थी कि इन विदेशी प्रेतों से भी एक बार रू-ब-रू हो लूँ। (किताब से)
एक दिन लेखक भी भूतों के देश आइसलैण्ड जा पहुंचा। वहाँ लोगों से भूतों के विषय पर चर्चा की। कुछ ऐसे स्थान भी देखे जहाँ भूतों का निवास माना जाता है।
यह साठ पृष्ठ की एक छोटी सी रचना है। लेखक ने आइसलैंड के लोगों के भूत- प्रेत आदि के प्रति विश्वास का वर्णन किताब में किया है। उसके साथ-साथ वहाँ के बर्फीले तूफान का वर्णन भी है। प्रस्तुत पुस्तक में कहीं कहीं तो भूतों का वर्णन न होकर बर्फ का चित्रण ही है।
कुछ जगह आश्चर्यजनक तथ्य या घटनाएं भी वर्णित है लेकिन उनके पीछे का कहीं कोई कारण स्पष्ट वर्णित नहीं है।
किताब छोटी सी है पढना चाहो तो पढ सकते हैं। मध्यम स्तर की है। कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंचाती, बस घटनाओं का वर्णन है।
इस किताब का शीर्षक मुझे रोचक लगा इसलिए पढ ली।
किताब में से कुछ रोचक पंक्तियाँ
- आईसलैंड के दस प्रतिशत लोग कोई न कोई किताब लिख चुके हैं। यह मुझे पंजाब की याद दिलाता हैं, जहाँ कहते हैं कि हर दसवें घर से एक ‘म्यूज़िक सी.डी.’ निकली है।
- यहाँ क्राइम-फिक्शन का इतना शौक है कि आईसलैंड की प्रधानमंत्री भी पहले ‘क्राईम-फिक्शन’ ही लिखती थीं।
- अनुमान है कि आईसलैंड में हर हफ्ते लगभग 500 बार भूकंप आते हैं।
- प्राईवेट अस्पताल हैं ही नहीं। छह सरकारी अस्पताल और कुछ सरकारी क्लिनिक हैं।
यह एक छोटी सी रचना है। आप चाहे तो इसे
भूतों में दिलचस्पी के नाते पढ सकते हैं, या फिर आइसलैण्ड के बारे में थोड़ा बहुत जानना चाहते हैं तो पढ सकते हैं। हालांकि किताब लघु आकार की है इसलिए ज्यादा उम्मीद न रखे की इससे बहुत कुछ जानने को मिलेगा। बस इतना है की छोटा आकार है और रोचक है। कम समय में पढ सकते हैं। कुछ घटनाओं का अधूरा सा वर्णन भी आपको परेशान कर सकता है।
किताब - भूतों के देश में आइसलैण्ड
लेखक- प्रवीण कुमार झा
पृष्ठ- 60
प्रथम संस्करण- मार्च 2018
विश्व के नक्शे पर एक छोटा सा देश है आइसलैंड।
इसी आइसलैण्ड की यात्रा का वर्णन है उक्त छोटी सी किताब। यह किताब kindle पर online प्रकाशित हुयी है। इसकी भूमिका में भी कुछ भी वर्णित नहीं है या यू कहें की भूमिका, लेखकिय कुछ भी नहीं लिखा गया। विभिन्न स्त्रोतों और किताब पढने के बाद इस पर कुछ मेरे विचार प्रस्तुत हैं।
आइसलैण्ड के लोग भूतों पर ज्यादा विश्वास करते हैं। लेखक को भी भूतों में दिलचस्पी है। जब से सुना, आईसलैंड में प्रेत बसते हैं, इच्छा थी कि इन विदेशी प्रेतों से भी एक बार रू-ब-रू हो लूँ। (किताब से)
एक दिन लेखक भी भूतों के देश आइसलैण्ड जा पहुंचा। वहाँ लोगों से भूतों के विषय पर चर्चा की। कुछ ऐसे स्थान भी देखे जहाँ भूतों का निवास माना जाता है।
यह साठ पृष्ठ की एक छोटी सी रचना है। लेखक ने आइसलैंड के लोगों के भूत- प्रेत आदि के प्रति विश्वास का वर्णन किताब में किया है। उसके साथ-साथ वहाँ के बर्फीले तूफान का वर्णन भी है। प्रस्तुत पुस्तक में कहीं कहीं तो भूतों का वर्णन न होकर बर्फ का चित्रण ही है।
कुछ जगह आश्चर्यजनक तथ्य या घटनाएं भी वर्णित है लेकिन उनके पीछे का कहीं कोई कारण स्पष्ट वर्णित नहीं है।
किताब छोटी सी है पढना चाहो तो पढ सकते हैं। मध्यम स्तर की है। कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंचाती, बस घटनाओं का वर्णन है।
इस किताब का शीर्षक मुझे रोचक लगा इसलिए पढ ली।
किताब में से कुछ रोचक पंक्तियाँ
- आईसलैंड के दस प्रतिशत लोग कोई न कोई किताब लिख चुके हैं। यह मुझे पंजाब की याद दिलाता हैं, जहाँ कहते हैं कि हर दसवें घर से एक ‘म्यूज़िक सी.डी.’ निकली है।
- यहाँ क्राइम-फिक्शन का इतना शौक है कि आईसलैंड की प्रधानमंत्री भी पहले ‘क्राईम-फिक्शन’ ही लिखती थीं।
- अनुमान है कि आईसलैंड में हर हफ्ते लगभग 500 बार भूकंप आते हैं।
- प्राईवेट अस्पताल हैं ही नहीं। छह सरकारी अस्पताल और कुछ सरकारी क्लिनिक हैं।
यह एक छोटी सी रचना है। आप चाहे तो इसे
भूतों में दिलचस्पी के नाते पढ सकते हैं, या फिर आइसलैण्ड के बारे में थोड़ा बहुत जानना चाहते हैं तो पढ सकते हैं। हालांकि किताब लघु आकार की है इसलिए ज्यादा उम्मीद न रखे की इससे बहुत कुछ जानने को मिलेगा। बस इतना है की छोटा आकार है और रोचक है। कम समय में पढ सकते हैं। कुछ घटनाओं का अधूरा सा वर्णन भी आपको परेशान कर सकता है।
आइसलैण्ड नक्शे में |
किताब - भूतों के देश में आइसलैण्ड
लेखक- प्रवीण कुमार झा
पृष्ठ- 60
प्रथम संस्करण- मार्च 2018
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