Friday, 30 December 2016

12. वन नाइट@द काॅल सेंटर- चेतन भगत

'five point someone' के बाद चेतन भगत का दूसरा उपन्यास है ''one night @the call center'।
जहां इनका प्रथम उपन्यास IIT करने वाले तीन विद्यार्थियों की कहानी कहता है तो वहीं इनका दूसरा उपन्यास 'one night @the call center' एक काॅल सेंटर में काम करने वाले पांच युवाओं की कहानी कहता है।
  चेतन का प्रस्तुत उपन्यास गुडगाँव के एक काॅल सेंटर में कार्यरत पांच युवाओं की एक रात की कहानी कहता है। यह रात उनकी अन्य रातों से अलग भी है।
  पाँच युवा और एक बुजुर्ग को आधार बना कर लिखे गये इस उपन्यास में मौज-मस्ती करने वाले उन युवाओं की कहानी है जो अंदर से टूट गये हैं। पर संघर्षरत हैं।
उपन्यास के पात्र-
इस उपन्यास का मुख्य किरदार है श्याम जो इस उपन्यास का सूत्रधार भी है‌।
इसके अलावा इस में श्याम के साथ काम करने वाले मित्र है, व्रुम, राधिका, प्रियंका, ईशा, शैफाली, कर्नल अंकल, बाॅस बख्शी।
उपन्यास का एक महत्वपूर्ण व विशेष पात्र है वह है भगवान।
इन पात्रों के अलावा अन्य कई जो उपन्यास की कथा को आगे बढाने में सहायक है।
पात्र चरित्र चित्रण-
  उपन्यास के सभी पात्र सशक्त उपन्यास की कथा की कथा को आगे ले जाने में सहायक हैं।
जहां श्याम कहानी का सूत्रधार व नायक है, वहीं व्रुम, ईशा, राधिका, प्रियंका आदि श्याम के सहयोगी हैं, पर कहानी के विशेष पात्र। जिनकी अपनी-अपनी एक कहानी ।

संवाद-
उपन्यास के संवाद उपन्यास की गति को तीव्रता प्रदान करये हैं और पात्रों का वास्तविक चरित्र उभारने में सहायक हैं।
व्रुम की मानसिक स्थिति का चित्रण इस कथन से होता है-" ..माॅम और डैड ...वे एक-दूसरे से इतनी नफरत क्यों करते हैं?"
व्रुम कठिन परिस्थितियों में भी हार मानने वाला नहीं पर उसके हृदय में माँ-बाप का अलग होना चुभता है।
राधिका काॅल सेंटर में काम करने के साथ-साथ माॅडलिंग की कोशिश करती है, पर वह समाज व जीवन के एक अँधेरे पक्ष को भी जानती है- "सभी को दर्द महसूस होता है, क्योंकि सभी की जिंदगी में एक अँधेरा पक्ष होता है।"
यह पंक्ति उपन्यास के सभी पात्रों पर खरी उतरती है, क्योंकि सभी के जीवन में एक अँधेरा पक्ष और सभी पात्र उसी से जूझते हैं।
पर उपन्यास का महत्वपूर्ण संवाद वाला अंश है भगवान की काॅल का आना। वह एक काॅल जो उपन्यास के सभी पात्रों को उस अँधेरे से संघर्ष करने की इच्छाशक्ति प्रदान करती है।
कथानक-  उपन्यास की मूल कथा काॅल सेंटर में काम करने वाले युवाओं की कथा, जो जिंदगी में बहुत कुछ करना चाहते हैं पर परिस्थितियों के आगे कोई निर्णय लेने में अक्षम में दूसरी तरफ काॅल सेंटर में उनका बाॅस बख्शी उनकी इस मजबूरी का फायदा उठाता है। पर अंत में भगवान की एक काॅल से परिस्थितियाँ बदल जाती है।
  इसके अतिरिक्त उपन्यास में श्याम व प्रियंका की प्रेम कहानी है जो समाप्त होने जा रही है। ईशा को माॅडलिंग की दुनिया से कटु यथार्थ का पता चलता और वह मन से हार चुकी है।
प्रेम विवाह करके जीवन में उलझी राधिका है तो परिवार से बाहर किये गये मिलिटरी अंकल है।
अगर बात परिवार की चली है तो व्रुम के दिल-दिमाग में भी अपने परिवार का बिखराव उपस्थिति है।
  वह कहता भी है -" जिंदगी को झेलने की बजाय उसे खत्म कर देना आसान है।"
विशेष
उपन्यास का विशेष अंश है भगवान का काॅल -" याद रखो...परम मालिक मैं ही हूँ । और मैं तुम्हारे साथ हूँ। तो फिर तुम किससे डरते हो।"
उपन्यास का नाकारात्मक पक्ष- इस उपन्यास में अनुवाद का काम अच्छा नहीं लगा, क्योंकि अनुवादक मात्र शब्दों का अनुवाद करने में लगा रहा जिसके कारण भाव पक्ष कमजोर हो गया।
लेखक की एक विशेष कमी यह रही की वो एक जगह अश्लील वेब साइट के एड्रेस लिख गया, जिनकी कोई जरूरत नहीं थी। यह तो सीधे-सीधे पाठक को भी कह गया आप उन साइट पर अश्लील सामग्री देख सकते हो। यह तो चेतन भगत की निकृष्ट मानसिकता का परिचय है।
  समीक्षक- हमारे अंदर एक शक्ति है, की हम अच्छा कार्य कर सकते हैं। बस इसके लिए हमें अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए।
यह उपन्यास पढने योग्य है, जो की हमें सफलता प्राप्त करने का तरीका भी बताती है।
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उपन्यास- वन नाईट @द काॅल सेंटर (one night @the call center)
लेखक- चेतन भगत
प्रकाशक- प्रभात प्रकाशन www.prabhatbooks.com
पृष्ठ-240.
मूल्य-125₹

3 comments:

  1. बहुत ही अच्छा और सराहनीय प्रयास हैं । हमे किताबे पढ़ने के लिये अलग-अलग साइट पर जाना पड़ता था । जिसमे भी कई किताबें नहीं मिल पाती थी । लेकिन आपके इस ब्लॉग ने काफी मदद की हैं । ब्लॉगर को तह दिल से बधाई ।

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  2. धन्यवाद मिस्टर कुलदीप।
    .

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