कहानी खत्म होते एंजिल द्वीप की
मोम का जहर- कुमार कश्यप
मोम का जहर- कुमार कश्यप
- विक्रांत, बटलर, अमरजीत, शंकर अली, फादर विलियम कृष्ण
Crime fiction क्षेत्र में जासूसी उपन्यास लेखन में कुमार कश्यप नाम भी अग्रणी पंक्ति में रहा है। इनके अधिकांश उपन्यास जासूसी वर्ग की करामात पर आधारित होते थे, जिनमें कथानक कम और एक्शन अधिक होता था ।
प्रस्तुत उपन्यास 'मोम का जहर' भी जासूस मण्डली की हास्य, एक्शन, रोमांस पर ही आधारित है ।
इस उपन्यास के विषय में बात कहां से आरम्भ करें कुछ समझ में नहीं आ रहा। जहां से उपन्यास आरम्भ होता हैं वहां से, यां फिर जहाँ से कथानक आरम्भ होता है वहाँ से या फिर इस कहानी के प्रथम परिच्छेद से ।
चलो, हम पहले इस उपन्यास का कथानक ही बता देते हैं बाकी बातें बाद में।
एक युवा विद्रोही वैज्ञानिक है शंकर अली जो 'एंजिल टापू' पर रहता है। वही उसकी दुनिया है। इस टापू की आबादी बहुत कम है और अधिकांश यहाँ के लोग वैज्ञानिक ही हैं। कभी इस विरान टापू को शंकर अली ने ही आबाद किया था। लेकिन शंकर अली के दुश्मन उसकी प्रगति से अप्रसन्न हैं।