Friday, 5 January 2018

91. तुरुप का इक्का- गजाला

इजराइल - फिलिस्तीन में उलझी स्पाई गर्ल गजाला प्रियदर्शी का कारनामा

तुरुप का इक्का, उपन्यास, गजाला, थ्रिलर, एक्शन, औसत।
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    हिंदी लोकप्रिय उपन्यास जगत में गजाला एक चर्चित नाम है, जिसने कम उम्र व कम समय में अपनी लेखकीय प्रतिभा का परिचय अपने प्रथम उपन्यास 'तुरुप का इक्का' से दिया।
     प्रस्तुत उपन्यास जासूस गजाला प्रियदर्शी शृंखला का है जो की प्रथम पुरुष में लिखा गया है।
   उपन्यास की कहानी की बात करें तो यह कहानी इजराइल और फिलिस्तीन के मध्य चल रहे संघर्ष पर आधारित है। जहाँ दोनों देश एक- दूसरे पर अपनी विजय दर्शाने के लिए संघर्ष करते हैं तो वहीं कुछ निर्दोष इस संघर्ष की बलि चढ जाते हैं।
   ऐसे ही एक निर्दोष को बचाने के लिए गजाला प्रियदर्शी पहुंच जाती है इजराइल। लेकिन वहाँ फंस जाती है सत्य और असत्य के बीच।

उपन्यास के पात्र
गजाला प्रियवंशी - उपन्यास नायिका, भारतीय जासूस।
राॅबन्सन- इजराइल का एक नेता।
ग्रेसी विल्सन- राॅबन्सन का साथी।
रोज-
साइम-
शैंकी - राॅबन्सन का सहयोगी
अदिया- फिलिस्तीन की पन्द्रह वर्षीय बालिका
मुस्तजाब- फिलिस्तीन के हमास संगठन का नेता

पूरे उपन्यास में एक्शन दृश्यों की भरमार है, कई- कई जगह तो मारधाङ तीन- चार पृष्ठ तक लगातार चलती है। तीन सौ पृष्ठों के उपन्यास में से लगभग सौ पृष्ठ तो एक्शन से भरे हुये हैं।

   लेखिका के प्रथन उपन्यास को पढकर जहां उनकी प्रतिभा का पता चलता है वहीं कहानी के स्तर पर उपन्यास मध्यम स्तर तक भी बहुत कठिनता से पहुंचता है। उपन्यास को आवश्यकता से अधिक विस्तार देकर कहानी को और भी कमजोर कर दिया।
    हर पांच- दस पृष्ठ कर पश्चात पाठक को वही मारपीट वाले दृश्य पढने को मिलते हैं।
यह लेखिका की प्रतिभा ही मानी जायेगी जो उन्होंने किशोरावस्था में एक लोकप्रिय उपन्यास की रचना की।
 
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उपन्यास- तुरुप का इक्का
लेखिका- गजाला
प्रकाशक- रवि पॉकेट बुक्स- मेरठ
पृष्ठ- 300
मूल्य- 30₹

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