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लहू और मिट्टी- कर्नल रंजीत
खत्म हो रहे जंगलों की रहस्य गाथा लहू और मिट्टी- कर्नल रंजीत "यह कौन हैं ?" डोरा ने लाश की तरफ इशारा करके पूछा । "मेरे पिता,...

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महानंद समाधि में मौत का रहस्य मृत्य भक्त- कर्नल रंजीत इन दिनों सतत् कर्नल रंजीत के उपन्यास पढे जा रहे हैं और 'मृत्यु भक्त' इस क्रम...
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कर्नल रंजीत का प्रथम उपन्यास हत्या का रहस्य- कर्नल रंजीत, 1967 हिंदी लोकप्रिय उपन्यास साहित्य में छद्मनाम का पहला प्रयोग हिंद पॉकेट बुक...
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एक अधूरी कहानी... गुप्त गोदना- देवकीनंदन खत्री, उपन्यास जहाँ तक मेरी जानकारी है हिन्दी में तिलिस्मी साहित्य का आरम्भ देवकीनन्दन खत्री जी क...
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बच्चे के दुश्मन कौन थे ? लहू से लिख दो जयहिंद- रीमा भारती उस युवती का रंग गोरा था। खूब गोरा-किन्तु हल्की-सी सुर्खी लिए हुए। ऐसा लगता था ज...
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रीमा भारती टकरायी दुश्मनों से दौलत नहीं दोस्त किसी की- रीमा भारती जासूसी उपन्यास साहित्य में एक नाम खूब चर्चित रहा है और वह नाम है रीमा भा...
आपका लेख पत्रिका के प्रति उत्सुकता जगाता है। मैंने चंपक के नवंबर माह के दोनों अंक हाल फिलहाल में पढ़े। घर पर अखबार के साथ चंपक, सरिता और रीडर्स डाइजेस्ट लगवा रखी है तो पढ़ने के लिए काफी कुछ हो जाता है। वैसे पब्लिकेशन डिवीजन की बाल भारती भी अच्छी लगती है मुझे। अगर नहीं पढ़ी तो पढ़कर देखें। 2024 में आने वाले आपके लेखों की प्रतीक्षा रहेगी।
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