अन्नु और स्वामी विवेकानन्द- राम पुजारी
भौतिक युग में हम सात्विकता से दूर होते जा रहे हैं। हम उस वृक्ष की तरह होते जा रहे हैं जिसकी धीरे-धीरे मूल काट दी जाये। इंटरनेट युग के बच्चे अपनी संस्कृति और सभ्यता से विलग होते जा रहे हैं, उन्हें फिल्मों, डिजिटल दुनिया की जानकारी तो है लेकिन अपने देश के युग नायकों को भुल रही है।
स्वामी विवेकानन्द जिन्हेें युवाओं का प्रेरणा पुरूष कहा जाता है। यह छोटी सी किताब विवेकानन्द जी को बहुत ही सहज और सरल तरीके से प्रस्तुत करती है ताकी किशोरावस्था के बच्चे युग नायक स्वामी विवेकानन्द जी को समझ सके। सिर्फ समझ ही नहीं बल्कि उनकी प्रेरणा से आगे भी बढ सके।
इस लघु जीवनी में हालांकि विवेकानन्द जी के संपूर्ण जीवन को समेटना संभव नहीं है लेकिन लेखक महोदय ने जो आवश्यक और उपयोगी प्रसंग इस किताब में प्रस्तुत किये हैं वे सब बच्चों के संस्कार और विवेकानन्द जी को समझने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
अन्नु एक छोटी सी बच्ची है जो अन्तरिक्ष जगत की जानकारी तो रखती है लेकिन वह विवेकानन्द जी को नहीं जानती, तब उसके चाचा उसे बहुत ही सरल तरीके से उसे विवेकानन्द जी का परिचय देते हैं।
विवेकानन्द साहित्य मुझे बहुत प्रभावित करता है इसलिए मैं समयानुसार विवेकानन्द जी के साहित्य को पढता रहता हूँ और मेरी इच्छा होती है की छोटे बच्चे भी विवेकानन्द जी को जाने और इस दृष्टि से यह पुस्तक बहुत उपयोगी है।
लेखक का यह प्रयास बहुत अच्छा है। बच्चों के लिए ऐसी प्रेरणादायक किताबें आनी चाहिए ताकी बच्चें सरलता से भारतीय सभ्यता और संस्कृति का अध्ययन कर भारतीय युुुग पुुुुरुषोंं को जान सके।
कुछ रोचक पंक्तियाँ
- गुरु वो होता है जो हमारे अज्ञान के अंधकार को दूर करता है। हमें सभी मार्ग बताता है। (पृष्ठ-25)
-भय का सामना करने से भय स्वयं खत्म हो जाएगा।(पृष्ठ-31)
पुस्तक- अन्नु और स्वामी विवेकानन्द
लेखक- राम पुजारी
प्रकाशक- निखिल पब्लिशर्स और डिस्ट्रीब्युटर्स, उत्तर प्रदेश
पृष्ठ- 48
मूल्य- 50₹
भौतिक युग में हम सात्विकता से दूर होते जा रहे हैं। हम उस वृक्ष की तरह होते जा रहे हैं जिसकी धीरे-धीरे मूल काट दी जाये। इंटरनेट युग के बच्चे अपनी संस्कृति और सभ्यता से विलग होते जा रहे हैं, उन्हें फिल्मों, डिजिटल दुनिया की जानकारी तो है लेकिन अपने देश के युग नायकों को भुल रही है।
स्वामी विवेकानन्द जिन्हेें युवाओं का प्रेरणा पुरूष कहा जाता है। यह छोटी सी किताब विवेकानन्द जी को बहुत ही सहज और सरल तरीके से प्रस्तुत करती है ताकी किशोरावस्था के बच्चे युग नायक स्वामी विवेकानन्द जी को समझ सके। सिर्फ समझ ही नहीं बल्कि उनकी प्रेरणा से आगे भी बढ सके।
इस लघु जीवनी में हालांकि विवेकानन्द जी के संपूर्ण जीवन को समेटना संभव नहीं है लेकिन लेखक महोदय ने जो आवश्यक और उपयोगी प्रसंग इस किताब में प्रस्तुत किये हैं वे सब बच्चों के संस्कार और विवेकानन्द जी को समझने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
अन्नु एक छोटी सी बच्ची है जो अन्तरिक्ष जगत की जानकारी तो रखती है लेकिन वह विवेकानन्द जी को नहीं जानती, तब उसके चाचा उसे बहुत ही सरल तरीके से उसे विवेकानन्द जी का परिचय देते हैं।
विवेकानन्द साहित्य मुझे बहुत प्रभावित करता है इसलिए मैं समयानुसार विवेकानन्द जी के साहित्य को पढता रहता हूँ और मेरी इच्छा होती है की छोटे बच्चे भी विवेकानन्द जी को जाने और इस दृष्टि से यह पुस्तक बहुत उपयोगी है।
लेखक का यह प्रयास बहुत अच्छा है। बच्चों के लिए ऐसी प्रेरणादायक किताबें आनी चाहिए ताकी बच्चें सरलता से भारतीय सभ्यता और संस्कृति का अध्ययन कर भारतीय युुुग पुुुुरुषोंं को जान सके।
कुछ रोचक पंक्तियाँ
- गुरु वो होता है जो हमारे अज्ञान के अंधकार को दूर करता है। हमें सभी मार्ग बताता है। (पृष्ठ-25)
-भय का सामना करने से भय स्वयं खत्म हो जाएगा।(पृष्ठ-31)
पुस्तक- अन्नु और स्वामी विवेकानन्द
लेखक- राम पुजारी
प्रकाशक- निखिल पब्लिशर्स और डिस्ट्रीब्युटर्स, उत्तर प्रदेश
पृष्ठ- 48
मूल्य- 50₹
माउंट आबू स्थित 'चंपा गुफा' जहां विवेकानन्द जी ने शिकागो धर्म सम्मेलन में जाने से कुछ समय पूर्व ध्यान किया था। |
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