Sunday, 30 July 2017

52. मुहँ बोला पति- टाइगर

मुँह बोला पति- अजीब शीर्षक वाला गजब उपन्यास
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आपने मुँह बोला भाई या मुँह बोली बहन तो सुनी होगी, क्या आपने कभी मुँह बोला पति सुना है। जी, हाँ, मुँह बोला पति। एक शादीशुदा औरत का दावा है की उसका मुँह बोला एक पति भी है।
अब पाठक को कुतूहल होगा की ये मुँह बोला पति कैसे हो गया। तो इसके लिए तो राजा पॉकेट बुक्स- दिल्ली से प्रकाशित टाइगर का उपन्यास "मुँह बोला पति" पढना होगा।
  उपन्यास का नाम जितना रोचक है स्वयं उपन्यास भी उतना ही रोचक है। पाठक एक बार पढना शुरु करेगा तो अंत तक सतत पढता ही चला जायेगा।
आप स्वयं उपन्यास की झलक देख लीजिएगा।
"देखो!"- अनिता अपने पति के सामने हाथ जोङकर गिङगिङाने लगी -" मैंने आज तक कभी तुमसे कुछ नहीं मांगा। पहली बार मांग रही हूँ । मुझे संयम ला दो।"
"खबरदार!"- संतोख सिंह दहाङा -" जो तुमने मेरे सामने किसी गैरमर्द का नाम लिया- जूबान खींच लूंगा।"
"संयम कोई गैर नहीं है। वह मेरा मुहँ बोला पति है। मैं उसे बहुत चाहती हूँ । मैं उसके बिना जिंदा नहीं रह सकती।"
कौन था वह अजनबी?
जिसे देखते ही एक पतिव्रता स्त्री सरेआम चीख-चीखकर उसे अपना पति कहने लगी।
शुरु से अंत तक, संस्पेंश से लबरेज एक ऐसी पतिव्रता स्त्री की कहानी,जिसने अपने मुँह बोले पति को बचाने के लिए अपने सगे पति का कत्ल कर डाला।
       वह कोई सम्मोहनकर्त्ता- कोई तांत्रिक या कोई जादूगर था? या फिर कोई जालसाज!
इन उलझने भरे प्रश्नों के उत्तर तो टाइगर द्वारा लिखित इस मर्डर मिस्ट्री में ही मिल सकते हैं।
विशेष- टाइगर (JK VERMA) ने एक बार फेसबुक पर बताया था की यह उपन्यास उन्होंने पंजाब के भटिण्डा शहर के एक कस्बे भुचो मण्डी में रहकर लिखा है जहाँ की ये कहानी है।
लेखक महोदय का दावा है इस उपन्यास के दो पात्र मिथिलेश बाबू और लेडिज टेलर रंगीला दोनों वास्तविक पात्र है।
कहानी-
उपन्यास एक मर्डर मिस्ट्री है। बैंक कर्मचारी मिथिलेश बाबू अपने भानजे मनोचिकित्सक संयम अरोङा को एक विशेष काम के लिए भुच्चो मण्डी (पंजाब) बुलाते हैं।
भटिण्डा शहर में संयम को एक लङकी सुरभि मिलती है जो स्वयं को भुच्चो मण्डी की निवासी बताती है और संयम के साथ ही सफर करती है।
  भुच्चो मण्डी पहुंचने के अगले दिन उस लङकी सुरभि की हत्या हो जाती है और उसका कातिल संयम अरोङा को ठहराया जाता है।
  कस्बे के विधायक त्रिलोचन सिंह की पौत्रवधू अनिता जब संयम को देखती है तो वह उसे अपना मुँह बोला पति मानने लगती है और चिल्लाने लगती।
जब अनिता का पति इसका विरोध करता है तो अनिता अपने पति का कत्ल कर देती है।
इस प्रकार कत्ल दर कत्ल होते हैं और कहानी उलझती चली जाती है।
- सुरभि कौन थी?, उसका कातिल कौन था?
- अनिता संयम को अपना मुँह बोला पति क्यों कहती है?
- अनिता अपने पति का कत्ल क्यों करती है?
- मिथिलेश बाबू संयम को अपने  शहर क्यों बुलाते हैं?
- असली कातिल कौन है?
- क्या रहस्य है मुँह बोले पति का?
ऐसे असंख्य प्रश्नों के उत्तर तो टाइगर के मर्डर मिस्ट्री उपन्यास 'मुँह बोला पति' को पढकर ही मिलेंगे।

कमियां-
उपन्यास में लेखक ने एक जाति/समुदाय विशेष पर बार-बार गलत टिप्पणी की है।
इस विषय पर जुलाई 2017 को फेसबुक के दीवाने नामक ग्रुप पर बहस भी चली जिसमें लेखक महोदय ने भविष्य में ऐसी गलती न होने का वादा किया।
- लेखक का दावा है यह एक उपन्यास पंजाब के भुच्चो मण्डी कस्बे में रहकर लिखा है लेकिन उपन्यास में पंजाब के भुच्चो मण्डी के नाम का वर्णन मात्र है, वहाँ के परिवेश और स्थानों का कहीं कोई जिक्र नहीं। अगर वहाँ के स्थानों आदि का वर्णन होता तो उपन्यास की विश्वसनीयता बढ जाती।
  उपन्यास रोचक है, पाठक को किसी भी स्तर पर निराश नहीं करेगा।
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उपन्यास - मुँह बोला पति
लेखक- टाइगर (JK VERMA, हरियाणा)
प्रकाशन- राजा पॉकेट बुक्स- दिल्ली
पृष्ठ- 271
मूल्य-20₹

1 comment:

  1. बहुत जबरदस्त उपन्यास है सर जी वाकई मजा आया और हर सवाल का जवाब भी बहुत ही बेहतरीन तरीके से दिखाया गया।
    रंगीला करैक्टर बहुत मस्त था क्या कहने ओह सोहनियों, मणमोह्नियो तूने कही उसका रगड़ू तो नही लगा दिया जबरदस्त कहानी बेहतरीन सस्पेंस और बहुत ही उम्दा कॉमेडी से भरपूर उपन्यास वाकई फुल टाईम पास है इतना बढ़िया लगा 6 घण्टे में खत्म कर डाला उपन्यास

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