Saturday, 15 November 2025

रानियां रोती नहीं- लक्ष्मी शर्मा

मार्मिक कथा संग्रह 
 रानियां रोती नहीं- लक्ष्मी शर्मा 

बोधि प्रकाशन जयपुर द्वारा समय-समय पर पाठकों के लिए अल्प मूल्य में किताबों का संग्रह जारी किया जाता है । यह पुस्तक संस्कृति को बढावा देने में सराहनीय प्रयास है और ऐसे प्रयास होने भी चाहिए।
बोधि प्रकाशन द्वारा सन् 2010 में पहला सैट जारी किया गया था । प्रस्तुत पांचवां सैट सन् 2020 में आया था जिसमें कुल दस किताबें थी जिनका मूल्य मात्र सौ रुपये था। यह क्रम आगे भी जारी है।
पांचवें सैट की एक पुस्तक है 'रानियां नहीं रोती' और रचनाकार है लक्ष्मी शर्मा। इस संग्रह में कुल नौ कहानियाँ हैं।
इस संग्रह की प्रथम कहानी है 'रानियां नहीं रोती' । यह शीर्षक प्रभावित करने में सक्षम है। पाठक के मन में सहज ही यह प्रश्न उठता है रानियां क्यों नहीं रोती ? 
रानियों की कहानियों को वर्तमान के साथ जोड़कर लेखिका महोदया ने स्त्री के दर्द को बहुत अच्छे से अभिव्यक्त किया है।
    स्त्री का दर्द 'इला न देणी आपणी' कहानी में भी व्यक्त है, बस यहां थोडा परिवर्तन है। सौन्दर्य कैसे अभिशाप बन जाता है और जब स्त्री सौन्दर्यमयी होती है तो सबसे पहले उसके सौन्दर्य पर परिचितों की कुदृष्टि टिकती है। 
अनुपम सौन्दर्य की धनी सुरसती के जीवन में जो घटित होता है उसके पीछे उसका सौन्दर्य की है लेकिन सुरसती 'इला न देणी आपणी' सिद्धांत को जब सार्थक करती है तो वह साहसी औरत के रूप में नजर आती है।
'अथ मोबाइल कथा' मुझे सबसे रोचक कहानी लगी। जहां बाकी कहानियों में अश्रु हैं वहीं 'अथ मोबाइल कथा' में भारतीय परिवेश में मोबाइल के आगमन की रोचक कहानी है।