दिल्ली के डाॅन से बलराज गोगिया की टक्कर
मुझे मौत चाहिए - अनिल सलूजा
# साठ लाख शृंखला +
- बलराज गोगिया सीरीज- 14
एक कातिल को ढूंढकर उस मौत के घाट उतारने का काम मिला था बलराज गोगिया को। तफ्तीश करते हुये वह आगे बढा तो उल्टा अपनी ही जान के लाले पड़ गये उसे और....और किसने कहा था- मुझे मौत चाहिए
"नहीं... नहीं... भगवान के लिये मेरे बेटे को कुछ मत कहना... मुझ गरीब का बस एक ही बेटा है...। अगर उसे कुछ हो गया तो मेरी पत्नी रो-रो कर अपनी जान दे देगी...। त... तुम मेरी पत्नी की हालत जा कर देखो... बेटे की जुदाई में वह मरने को हो रही है।" अपने कमरे की तरफ बढ़ते बलराज गोगिया के कदम वहीं ठिठक गये।
मोहन गेस्ट हाउस के बारह नम्बर कमरे में ठहरा हुआ था वह... ।































