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Wednesday, 20 October 2021

466. डायमण्ड क्वीन- एस. सी. बेदी

हीरों के स्मग्लर
डायमंड क्वीन- एस. सी. बेदी
जेम्स बॉण्ड, विनय और भगत कुमार‌
एस. सी. बेदी का नाम सामने आते ही बाल पॉकेट बुक्स और राजन-इकबाल की याद ताजा हो जाती है। एस. सी. बेदी(सुभाषचंद्र बेदी) ने राजन-इकबाल और बाल पॉकेट बुक्स के अतिरिक्त फुल लैंथ उपन्यास भी लिखे हैं, हालांकि वे उपन्यास अब पाठकों के सामने नहीं हैं। 
    हिंदी उपन्यासों का एक दौर था जब नायक जेम्स बॉण्ड होता था। सुरेन्द्र मोहन पाठक जी ने भी जेम्स बॉण्ड को लेकर सात उपन्यास लिखे थे। एक बार मैंने कहीं पढा था, एस. सी. बेदी जी ने जेम्स बाण्ड लेखन को एक चैलेंज के रूप में स्वीकार किया था। और जेम्स बॉण्ड पर उन्होंने लिखा भी, हालांकि उन्होंने जेम्स बाण्ड पर कितने उपन्यास लिखे यह तो पता नहीं। 
   प्रस्तुत उपन्यास 'डायमण्ड क्वीन' जेम्स बाण्ड सीरीज का उपन्यास है। जिसमें बाण्ड के अतिरिक्त जासूस विनय और अंतरराष्ट्रीय ठग भगत कुमार भी उपस्थित हैं। 
     अब चर्चा करते हैं उपन्यास कथानक की। 
  यह कहानी है एक ऐसी औरत की जो डायमंड क्वीन बनना चाहती है। और डायमंड क्वीन बनने के लिए उसे हीरे चाहिए, इसलिए वह स्मग्लर है, इसलिए वह अपराधी है।
उपन्यास में नायक के स्तर पर तीन नाम सामने आते हैं। भारत से विनय कुमार, ब्रिटेन से जेम्स बॉण्ड और तीसरा नाम है अंतरराष्ट्रीय ठग भगत कुमार का।
       विनय के पास सूचना है की विदेश से कुछ अपराधी स्मगलिंग के द्वारा हीरों को भारत ला रहे हैं। लेकिन बहुत कोशिश के पश्चात विनय कुमार उन अपराधियों को पकड़ नहीं पाता।
    वहीं जेम्स बॉण्ड को खबर मिलती है की ब्रिटेन में होने वाले हीरों की स्मगलिंग का संबंध कुछ अंतरराष्ट्रीय अपराधियों से है और वह अपराधी इस वक्त भारत में है।
   
भरत कुमार जो एक अंतरराष्ट्रीय अपराधी है। पहला उसका परिचय देख लें- "यूं तो मेरा नाम भरत कुमार है, लेकिन पुलिस वाले मुझे गिरहकट भगत के नाम से जानते हैं। यार लोग बगुला भगत कह लेते हैं..और...।"
   उसे तलाश है ऐंजिला की। भरत कुमार विनय और जेम्स बॉण्ड का अच्छा मित्र है।
वहीं दो अंतरराष्ट्रीय हीरों के स्मग्लरों के नाम आते हैं। एक डायमंड क्वीन और दूसरा कामन।  
"अंतरराष्ट्रीय अपराधी कामन का नाम तो सुना होगा।"
"वह तो हीरों का बहुत बड़ा स्मग्लर है।"
"हां। वह इन दिनों भारत में ही है, और मुझे उसकी तलाश है।"
       अब विनय और जेम्स बॉण्ड को इन दोनों की तलाश है और भगत कुमार को ऐंजिला की। सारी कहानी इन स्मगलरों को पकड़ने पर आधारित है।
    उपन्यास की कहानी देखने में चाहे सामान्य है पर कुछ हल्के-हल्के ट्विस्ट कहानी को रोचक बनाते हैं।
     उपन्यास में एक ट्विस्ट और चलता है अलका का। अलका का किरदार जैसे-जैसे आगे बढता है, वैसे-वैसे उसका चरित्र संदिग्ध होता जाता है। पाठक सोचता रह जाता है और अलका नये रूप में सामने आती है।
    वहीं डायमण्ड क्विन और कामन‌ के मध्य भी दुश्मनी है। दोनों एक दूसरे पर घात-प्रतिघात करने की कोशिश में रहते हैं।
  भगत कुमार का किरदार काफी हद तक रोचक है, हालांकि उपन्यास में उसकी भूमिका का विशेष महत्व नहीं है। लेकिन उसकी हास्यवृति प्रभावित करने वाली है।
एक दृश्य देखें-
 “इंजन में खराबी आ गयी है। तुमने कई विमान दुर्घटनाओं के बारे में सुना होगा, आज देख लो विमान दुर्घटना में आदमी जब आसमान से धरती पर गिरता है तो उसके  किस प्रकार चिथड़े उड़ते हैं।”
“मिस्टर भगत।”- लिली बोली,-“आप समझदार आदमी हैं, यात्रियों को इस तरह मत डराइये”
“तो किस तरह डराऊ?”
      उपन्यास रोचक है और दिलचस्प है। अगर आपने अभी तक एस. सी. बेदी जी के लघु उपन्यास ही पढे हैं तो यह उपन्यास अवश्य पढें, उम्मीद है आपको रूचिकर लगेगा। मैंने बेदी जी के लघु उपन्यास पढे हैं वह कथा स्तर पर कमजोर होते हैं, पर इस उपन्यास से यह धारणा टूटती है। बेदी जी ने और ऐसे कितने उपन्यास लिखे हैं यह तो पता नहीं है, पर उम्मीद है जो भी आगे फुल लैंथ उपन्यास मिले, उनको पढने की कोशिश रहेगी।
उपन्यास- डायमंड क्वीन
लेखक-   एस. सी. बेदी
प्रकाशक- यंग लेडी पब्लिकेशन, मेरठ
डायमण्ड क्वीन उपन्यास के कुछ रोचक दृश्य यहाँ भी पढ सकते हैं।
डायमंड क्वीन- एस. सी. बेदी 

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