जासूस मित्रो का कारनामा
जगत की बेटी- कुमार कश्यप
"सुन रहे हो पेरिस वासियो- मेरा नाम जिब्राल्टर हेंग है। मैं वैज्ञानिक अपराधी हूँ।........मिस्टर जगत तुम जहां भी हो, मैं तुम्हारा दुश्मन- शत्रु जिब्राल्टर हेंग तुम्हें चैलेंज करता हूँ कि तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते.....गुलनूर...तुम्हारी बेटी.....गुलनूर मेरे पास है। अगर ... उसे छुड़ा सके तो छुडा़ ले....।"
लोकप्रिय उपन्यास साहित्य में कुमार कश्यप के थ्रिलर उपन्यासों का एक समय था। यह वह दौर था जब उपन्यासों में कहानी में जासूस पात्रों के रोमांच कारनामे दर्शाये जाते थे। कभी- कभी तो उपन्यास में कहानी गौण और पात्र मुख्य हो जाये थे।
प्रस्तुत उपन्यास 'जगत की बेटी' कुमार कश्यप का एक थ्रिलर उपन्यास है जो जासूस मित्रों के हैरत जनक कारनामों का दस्तावेज है।
आपने उक्त परिच्छेद पढा है यह 'जगत की बेटी' का एक दृश्य है और यही कहानी का मुख्य आधार है। भारत के प्रसिद्ध ठग/ जासूस जगत की बेटी का अपहरण कुख्यात अपराधी जिब्राल्टर हेंग कर लेता है और फिर जासूस मित्र मिलकर जिब्राल्टर से जा टकराते हैं।
उपन्यास में एक रहस्य है वह है 'जगत की बेटी'।
आखिर कौन थी जगत की बेटी जिसके लिए जगत और बाकी सभी जासूस कुख्यात अपराधी अए टकरा गये।
उपन्यास की कहानी को ज्यादा बड़ी नहीं है। उपन्यास के आरम्भ में कुछ घटनाक्रम होते हैं वह उपन्यास के पृष्ठों में मात्र वृद्धि करते हैं उनका मुख्य कहानी से कहीं कुछ अर्थ नहीं है।
उपन्यास का कथानक पेरिस शहर है जहाँ जिब्राल्टर है और वहीं बाकी जासूस मित्र एकत्र होते हैं। फिर मचाते हैं धमाल।
उपन्यास के कुछ पात्र रोचक हैं। वह पाठक को याद रह सकते हैं। वैज्ञानिक शंकर अली का प्रवेश चाहे उपन्यास के अंत में है लेकिन है दमदार।
उपन्यास के प्रमुख पात्र-.
उपन्यास में पात्रों की भरमार है। लेकिन यहाँ कुछ पात्रों का वर्णन ही है।
जगत- एक ठग
राजेश- भारतीय जासूस
तारा-राजेश की पत्नी
विक्रांत- भारतीय जासूस
लिली- फ्रांसीसी जासूस- जासूसों की नानी
अल इमामुद्दीन- जासूस काहिरा का शैतान
गोपाली- एक भारतीय जासूस
जिब्राल्टर हेंग- एक अपराधी
शंकर अली- एक वैज्ञानिक
गोवोलो गंगू- एक रोचक पात्र
उपन्यास को कहानी के आधार पर कम और जासूस मण्डली के कारनामों और संवाद की दृष्टि से पढा जा सकता है।
उपन्यास में कुछ विशेष नहीं है जिसके आधार पर इसे याद रखा जा सके।
उपन्यास- जगत की बेटी
लेखक- कुमार कश्यप
प्रकाशक- नीलम पॉकेट बुक्स
जगत की बेटी- कुमार कश्यप
"सुन रहे हो पेरिस वासियो- मेरा नाम जिब्राल्टर हेंग है। मैं वैज्ञानिक अपराधी हूँ।........मिस्टर जगत तुम जहां भी हो, मैं तुम्हारा दुश्मन- शत्रु जिब्राल्टर हेंग तुम्हें चैलेंज करता हूँ कि तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते.....गुलनूर...तुम्हारी बेटी.....गुलनूर मेरे पास है। अगर ... उसे छुड़ा सके तो छुडा़ ले....।"
पता नहीं उपन्यास के आवरण पृष्ठ फिल्म सितारों और खिलाड़ियों की तस्वीरें क्यों हैं? |
प्रस्तुत उपन्यास 'जगत की बेटी' कुमार कश्यप का एक थ्रिलर उपन्यास है जो जासूस मित्रों के हैरत जनक कारनामों का दस्तावेज है।
आपने उक्त परिच्छेद पढा है यह 'जगत की बेटी' का एक दृश्य है और यही कहानी का मुख्य आधार है। भारत के प्रसिद्ध ठग/ जासूस जगत की बेटी का अपहरण कुख्यात अपराधी जिब्राल्टर हेंग कर लेता है और फिर जासूस मित्र मिलकर जिब्राल्टर से जा टकराते हैं।
उपन्यास में एक रहस्य है वह है 'जगत की बेटी'।
आखिर कौन थी जगत की बेटी जिसके लिए जगत और बाकी सभी जासूस कुख्यात अपराधी अए टकरा गये।
उपन्यास की कहानी को ज्यादा बड़ी नहीं है। उपन्यास के आरम्भ में कुछ घटनाक्रम होते हैं वह उपन्यास के पृष्ठों में मात्र वृद्धि करते हैं उनका मुख्य कहानी से कहीं कुछ अर्थ नहीं है।
उपन्यास का कथानक पेरिस शहर है जहाँ जिब्राल्टर है और वहीं बाकी जासूस मित्र एकत्र होते हैं। फिर मचाते हैं धमाल।
उपन्यास के कुछ पात्र रोचक हैं। वह पाठक को याद रह सकते हैं। वैज्ञानिक शंकर अली का प्रवेश चाहे उपन्यास के अंत में है लेकिन है दमदार।
उपन्यास के प्रमुख पात्र-.
उपन्यास में पात्रों की भरमार है। लेकिन यहाँ कुछ पात्रों का वर्णन ही है।
जगत- एक ठग
राजेश- भारतीय जासूस
तारा-राजेश की पत्नी
विक्रांत- भारतीय जासूस
लिली- फ्रांसीसी जासूस- जासूसों की नानी
अल इमामुद्दीन- जासूस काहिरा का शैतान
गोपाली- एक भारतीय जासूस
जिब्राल्टर हेंग- एक अपराधी
शंकर अली- एक वैज्ञानिक
गोवोलो गंगू- एक रोचक पात्र
उपन्यास को कहानी के आधार पर कम और जासूस मण्डली के कारनामों और संवाद की दृष्टि से पढा जा सकता है।
उपन्यास में कुछ विशेष नहीं है जिसके आधार पर इसे याद रखा जा सके।
लेखक- कुमार कश्यप |
लेखक- कुमार कश्यप
प्रकाशक- नीलम पॉकेट बुक्स
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