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Monday, 27 May 2019

192. रोबोटोपिया- संदीप अग्रवाल

मनुष्य और रोबोट की अदभुत कहानियाँ
रोबोटोपिया- संदीप अग्रवाल

नये प्रकाशक fly Dreams के अंतर्गत लेखक संदीप अग्रवाल जी का कहानी संग्रह 'रोबोटोपिया' एक टैग लाइन 'निकट भविष्य की कहानियाँ' के शीर्षक के साथ प्रकाशित हुआ। कहानी संग्रह पढते वक्त आप स्वयं महसूस करेंगे की ये सब कहानियां भविष्य में सत्य साबित हो सकती हैं। 

     "सवाल यह नहीं है कि रोजिना के साथ बलात्कार किया जा सकता है या नहीं? सवाल यह है कि विक्रम ने जो किया वह बलात्कार था या नहीं? उसने रोजिना के साथ जो किया, वह उसकी मर्जी के खिलाफ था।.........और इसे बह सजा मिलनी चाहिए जो कानून ने एक रेपिस्ट के लिए मुकर्रर की है।" (किताब अंश)
ध्यान दें, रोजिना एक रोबोट है।
क्या एक रोबोट से बलात्कार संभव है?
क्या उसके लिए सजा दी जा सकती है?
मनुष्य और रोबोट के ऐसे संबधों को उजागर करती है 'रोबोटोपिया'। 


विकसित होती प्रौद्योगिकी एक दिन इस स्तर पर आ जायेगी की‌ मनुष्य और रोबोट में अंतर खत्म हो जायेगा। मनुष्य और रोबोट का यह मिलन भविष्य में सही होगा या गलत यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन‌ दोनों के मिलन को लेकर जो कहानियाँ रची गयी है वह आप वर्तमान में भी पढ सकते हैं।
यहाँ कुछ कहानियों की चर्चा करेंगे बाकी कहानियाँ आप 'रोबोटोपिया' कहानी संग्रह में‌ पढे यकीनन ये कहानियाँ आपको पसंद आयेगी।
इस संग्रह में कुल नौ कहानियाँ है। हम कुछ कहानियों पर यथासंभव चर्चा करते हैं।
 


1. द अप्रूवल
         रोबोट्रिगर कम्पनी ने कुछ मानवीय संवदेना वाले रोबोट तैयार किये थे। लेकिन एक NGO का प्रेसिडेंट माधवन इस प्रोजेक्ट को अपनी NOC नहीं देता।
      कम्पनी अपने कार्य को करवाने के लिए किस हद तक निम्न स्तर पर आती है यह पठनीय है। एक तरफ एक कम्पनी और दूसरी तरफ NGO, दोनों के‌ मध्य एक रिबोटकी दिलचस्प कहानी है।
शायद भविष्य यही हो, कुछ कहां नहीं जा सकता। लेकिन वर्तमान परिस्थितियाँ तो ऐसी ही हैं।

कहानी में अंग्रेजी के शब्द बहुत ज्यादा हैं जो मेरे जैसे पाठक के लिए एक समस्या है। लेकिन कहानी के अनुसार सही भी है।

2. द जजमेंट
         इंसान और मशीनों का रिश्ता सैकड़ों साल पुराना है। इंसान मशीनें बनाता है और मशीनें इंसान के काम आती हैं। लेकिन जब इंसान मशीनों को इंसान बनाने लगे और खुद मशीन में बदलता जाये तो किस तरह की स्थित उत्पन्न होगी।
यह कहानी एक ऐसे रोबोट की है जिस पर कत्ल का आरोप है। ....यह रोबोट ही उस शख्स का हत्यारा है, जिसके कातिल को सजा देने के लिए यह अदालत बुलाई गयी है। (पृष्ठ-31)
         यह कैसे संभव है की एक रोबोट कत्ल कर दे और उसे सजा भी दी जाये। अगर भविष्य लेखक के अनुसार रहा तो यह भी संभव हो सकता है।
लेकिन यहाँ कहानी रूप में एक रोबोट पर हत्या काबकेस पढना बहुत रोचक है।

कहानी में ऐसी बहुत सी विदेशी फिल्मों का जिक्र है जो रोबोट पर आधारित हैं। अगर इसमें 'रोबोट' और '2.0' (रजनीकांत अभिनीत) का ज़िक्र होता तो और भी अच्छा लगता।

7. द हिलर
            प्यार के मसले भी अजीब होते हैं। कभी दिल 'लग' जाता है तो कभी 'टूट' जाता है। आप सोच रहे होंगे रोबोट का दिल से क्या काम। नहीं जी यहां तो रोबोट भी एक दम इनोशनल हो जाता है।
          यह कहानी है अवनि की, अवनि के प्यार की और उसके टूट हुए दिल की।
       लेकिन जिस तरह एक रोबोट शराब पीता है, खाना खाता है, बात करता है वह कहीं से रोबोट नहीं लगता। उसमें कहीं कुछ भी अमानवीय नहीं है। अब इसे कहानी का सकारात्मक या नकारात्मक पक्ष कहें। यह तो स्वयं पाठक पर निर्भर करता है।
लेकिन कहानी का अंत यहाँ भी पाठक को आश्चर्यचकित करता है।

09. रिवेंज- 

           यह भी एक टैक्निकल कहानी है। कहानी का शीर्षक और कथानक और एक रोबोट से दिल लगाने की यह रोमांचक कथा पाठक भूल नहीं पायेंगे।

इस संग्रह की अन्य कहानियाँ
3. द जस्टिस
4. द कम्पेनियन
5. द सब्सिट्यूट
6. द किलर ‌‌
8. द ब्लफ
9. द रिवेंज
      इस संग्रह की कहानियाँ 'निकट भविष्य की कहानियाँ' है, जैसा की किताब पर अंकित है। समग्र कहानियाँ उस समय या घटनाओं का दर्शाती हैं जब रोबोट भी एक मनुष्य की तरह व्यवहार करेगा। उसके अंदर भी मानवीय भावनाएं होगी। वह भी सुख-दुख, हास्य- उदासी और सैक्स भावनाओं को अनुभव कर सकेगा।
         क्या एक रोबोट की संवेदनाएं मनुष्य के स्तर की हो पायेंगी या वह मात्र एक 'फिक्स प्रोग्राम' के अंतर्गत कार्यरत रहेगा। अगर उसकी भावनाएं मनुष्य की तरह होगी तो उसकट मनुष्य पर क्या प्रभाव होगा। भविष्य में मनुष्य के रोबोट के साथ कैसे संबंध होंगे, इन्हीं को आधार बना कर लिखी गयी है पुस्तक 'रोबोटोपिया।'
           कहानी संग्रह की कहानी में आपको विविधता भी मिलेगी कहीं प्रेम तो कहीं नफरत, कहीं वासना है तो कहीं दिल का लगाव है, कहीं बदला है तो कहीं सहयोग भावना है, लेकिन सब के मध्य एक बात सामान्य है वह है 'रोबोट और मनुष्य के आंतरिक संबंध'।
          लगभग कहानियाँ में जो बात प्रमुख है वह है 'यौन संबंध'। लेखन इस थीम से आगे नहीं बढ पाया। अगर कहानियों में विविधता रखी जाती तो और भी अच्छा रहता।
मेरे द्वारा पढी गयी रचनाओं में से यह सबसे अलग रचना है। सारी कहानियां मनुष्य और रोबोट के संबंधों पर आधारित है, और रोचक भी हैं। लेखक महोदय ने टैक्नोलॉजी का बहुत अच्छा प्रयोग दर्शाया है।

मनुष्य और रोबोट संबंधों के 100 वें वर्ष का जश्न (2020-21)
        1920...ये वह साल था जब दुनिया को पहली बार पता चला कि रोबोट क्या होता है। चेक लेखक कैरेल चैपेक ने यन्त्र मानवों पर केन्द्रित अपने नाटक आर.यू.आर. ( रोशुम के यूनिवर्सल रोबोट्स) में, जिसका पहला मंचन 25 जनवरी 1921 को हुआ, हमें रोबोट नाम की ऐसी शय से मिलाया, जो हमारे लिए एकदम अनजानी थी, लेकिन, बीते सौ सालों में वह हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुकी है।
        आज के उन्नत रोबोट्स हमारे सेवक से ऊपर उठकर सहचर की भूमिका में आ पहुँचे हैं। वेटर, गायक, खिलाड़ी, नर्स, गाइड, गार्ड, वकील, जज, लेखक, चित्रकार, दोस्त, प्रेमी, जीवनसाथी, श्रमिक... आज रोबोट्स हर वह काम करने में सक्षम हैं, जो हम कर सकते हैं। यही वजह है कि इंसानों की रोजमर्रा की ज़िन्दगी में रोबोट्स का दखल, ज़रूरत और अहमियत बढ़ती जा रही है।
रोबोटोपिया की कहानियां, हमारे जीवन में यन्त्रमानवों की लगातार बदलती भूमिकाओं पर केंद्रित हैं और मानव सदृश मशीनों से हमारे भावी रिश्तों के नए आयाम प्रस्तुत करती हैं. (किंडल से)

         'रोबोटोपिया' वर्तमान कहानियों से अलग हटकर एक बेहतरीन रचनाओं का संग्रह है। ये भविष्य की कहानियाँ। अगर हम मनुष्य और रोबोट के भविष्य को पढना चाहते है तो यह संग्रह आपको बहुत कुछ दे सकता है।
कहानी संग्रह- रोबोटोपिया
लेखक-         संदीप अग्रवाल

पृष्ठ-     ‌‌‌‌‌‌        184
प्रकाशक-     fly Dreams publication

लिंक-         रोबोटोपिया- संदीप अग्रवाल

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