गार्गी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में आठ विदेशी कहानियाँ है। सभी कहानियाँ अपने कथ्य के कारण पढने योग्य है।
1. गिरगिट- अन्तोन चेखोव
एक ऐसे पुलिस अफसर की कथा है जो पल-पल परिस्थिति के अनुसार रंग बदलता है।
यह बहुत ही रोचक, व्यंग्यात्मक कहानी है।
2.एक छोटे लङके और एक छोटी लङकी की कहानी।- मक्सिम गोर्की
एक लङकी व एक लङका, सर्दी का मौसम। इसी विषय को आधार बना कर लिखी गयी एक अच्छी कहानी।
..यह एक आम रिवाज हो गया है कि साल में एक बार बङे दिन की कहानियों में कुछ एक छोटे लङकों और लङकियों को बर्फ पाले में जमा दिया जाता है।
लेकिन जहां तक मेरा संबंध है, इतने शुभ लक्ष्य के लिए भी किसी छोटे गरीब लङके या छोटी गरीब लङकी को बर्फ में जमाकर मारना मेरे बूते से बाहर है।
दो मासूम बच्चों को लेकर लिखी गयी बहुत ही मार्मिक कहानी है। पाठक को अंदर तक छू जायेगी।
3.नव वर्ष की बलि- लू शुन
यह एक ऐसी औरत की कथा है जो दो बार विवाह के नाम छली गयी है। दूसरी बार तो वह अपने पुत्र को गवा बैठी।
यह एक बहुत ही मार्मिक कथा। अपने पुत्र वियोग में वह एक पत्थर की मूर्त बन कर रह जाती है। न हँसती है न रोती है।
लू शुन की गद्य कविताएँ पढने के लिए यहाँ क्लिक करें।
4. मटका -लुईजी पिरांदल्लो
यह एक हास्यास्पद कथा है। एक मिट्टी के मटके को पुन: तैयार करते वक्त कैसे एक व्यक्ति मटके में बंद होकर रह जाता है।
5.दो बाप - कारेल चापके
यह कहानी एक बाप-बेटी के प्रेम पर आधारित है। बेटी बीमार है और एक दिन मृत्यु को प्राप्त करती है। बाप को पता है की ये उसकी जायज औलाद नहीं, लेकिन दोनों में प्रेम का संबंध बहुत मजबूत है।
वह मर गयी। उसके पिता को शोक हुआ- उसकी मृत्यु पर - वैसा शोक उस छोटे से शहर में पहले कभी नहीं देखा गया। पिछले कुछ दिनों से वह बराबर उसके बिस्तर से चिपका बैठा रहा करता था।
6. सात पैसे -जिगमोन्द मोरित्ज
प्रस्तुत कहानी एक गरीब औरत की है जिसे सात पैसे चाहिये रोजमरा की जरूरत के लिए। एक-एक उसे अपने घर से छ: पैसे तो मिल जाते हैं, लेकिन अब एक पैसे की जरूरत है।
शाम के समय यह आवश्यकता एक भिखारी पूरी कर देता है। क्या वह भिखारी से पैसे?, वह सोचती है।
हर परिस्थिति में खुश रहने वाली यह औरत सात पैसे मिलने पर बहुत हँसती है। बेटा देखता है माँ हँसती है, हँस रही है, हँस रही है। यही हँसी उसकी अंतिम हँसी होती है।
एक औरत जो गरीब है, पर गरीबी में भी हँसती है।
7. तोक्या- फूमिको हयाशि
एक चाय की पत्ति बेचने वाली औरत की कहानी। जिसका पति युद्ध से अभी तक घर नहीं लौटा।
8. मास्टर जी- जोसेफ श्कवोरेस्की
यह इस संग्रह की अंतिम कहानी है। एक शिष्य के माध्यम से कथा को कहा गया है।
एक शिष्य अपने यहूदी शिक्षक से जर्मन भाषा सीखने जाता है और दोनों में गुरु- शिष्य का पवित्र बंधन होता है। परिस्थितियाँ बदलती हैं और इनके शहर पर हिटलर का अधिकार हो जाता है और यहूदियों के विरुद्ध कानून जारी होते हैं। यहूदियों को मजबूर किया जाता है की वे अपने सीने पर पीला सितारा लगायें।
लोग एक दूसरे की मदद करने को तैयार हैं पर कानून के आगे बेबस।
इसी कानून के तहत एक दिन समस्त यहूदियों को रेल में भरकर गैस चैंबरों में भेज दिया जाता है, मरने के लिए।
अगर आपने ऐन फ्रेंक की डायरी पढी है तो आपको हिटलर के इस पाशविक अत्याचार का पता होगा।
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पुस्तक- एक छोटे लङके और एक छोटी लङकी की कहानी।
चयनकर्ता- वीणा भाटिया
प्रकाशन- गार्गी प्रकाशन- दिल्ली
मूल्य- 40₹
पृष्ठ-80
प्रथम संस्करण- जनवरी, 2017
एक ऐसे पुलिस अफसर की कथा है जो पल-पल परिस्थिति के अनुसार रंग बदलता है।
यह बहुत ही रोचक, व्यंग्यात्मक कहानी है।
2.एक छोटे लङके और एक छोटी लङकी की कहानी।- मक्सिम गोर्की
एक लङकी व एक लङका, सर्दी का मौसम। इसी विषय को आधार बना कर लिखी गयी एक अच्छी कहानी।
..यह एक आम रिवाज हो गया है कि साल में एक बार बङे दिन की कहानियों में कुछ एक छोटे लङकों और लङकियों को बर्फ पाले में जमा दिया जाता है।
लेकिन जहां तक मेरा संबंध है, इतने शुभ लक्ष्य के लिए भी किसी छोटे गरीब लङके या छोटी गरीब लङकी को बर्फ में जमाकर मारना मेरे बूते से बाहर है।
दो मासूम बच्चों को लेकर लिखी गयी बहुत ही मार्मिक कहानी है। पाठक को अंदर तक छू जायेगी।
3.नव वर्ष की बलि- लू शुन
यह एक ऐसी औरत की कथा है जो दो बार विवाह के नाम छली गयी है। दूसरी बार तो वह अपने पुत्र को गवा बैठी।
यह एक बहुत ही मार्मिक कथा। अपने पुत्र वियोग में वह एक पत्थर की मूर्त बन कर रह जाती है। न हँसती है न रोती है।
लू शुन की गद्य कविताएँ पढने के लिए यहाँ क्लिक करें।
4. मटका -लुईजी पिरांदल्लो
यह एक हास्यास्पद कथा है। एक मिट्टी के मटके को पुन: तैयार करते वक्त कैसे एक व्यक्ति मटके में बंद होकर रह जाता है।
5.दो बाप - कारेल चापके
यह कहानी एक बाप-बेटी के प्रेम पर आधारित है। बेटी बीमार है और एक दिन मृत्यु को प्राप्त करती है। बाप को पता है की ये उसकी जायज औलाद नहीं, लेकिन दोनों में प्रेम का संबंध बहुत मजबूत है।
वह मर गयी। उसके पिता को शोक हुआ- उसकी मृत्यु पर - वैसा शोक उस छोटे से शहर में पहले कभी नहीं देखा गया। पिछले कुछ दिनों से वह बराबर उसके बिस्तर से चिपका बैठा रहा करता था।
6. सात पैसे -जिगमोन्द मोरित्ज
प्रस्तुत कहानी एक गरीब औरत की है जिसे सात पैसे चाहिये रोजमरा की जरूरत के लिए। एक-एक उसे अपने घर से छ: पैसे तो मिल जाते हैं, लेकिन अब एक पैसे की जरूरत है।
शाम के समय यह आवश्यकता एक भिखारी पूरी कर देता है। क्या वह भिखारी से पैसे?, वह सोचती है।
हर परिस्थिति में खुश रहने वाली यह औरत सात पैसे मिलने पर बहुत हँसती है। बेटा देखता है माँ हँसती है, हँस रही है, हँस रही है। यही हँसी उसकी अंतिम हँसी होती है।
एक औरत जो गरीब है, पर गरीबी में भी हँसती है।
7. तोक्या- फूमिको हयाशि
एक चाय की पत्ति बेचने वाली औरत की कहानी। जिसका पति युद्ध से अभी तक घर नहीं लौटा।
8. मास्टर जी- जोसेफ श्कवोरेस्की
यह इस संग्रह की अंतिम कहानी है। एक शिष्य के माध्यम से कथा को कहा गया है।
एक शिष्य अपने यहूदी शिक्षक से जर्मन भाषा सीखने जाता है और दोनों में गुरु- शिष्य का पवित्र बंधन होता है। परिस्थितियाँ बदलती हैं और इनके शहर पर हिटलर का अधिकार हो जाता है और यहूदियों के विरुद्ध कानून जारी होते हैं। यहूदियों को मजबूर किया जाता है की वे अपने सीने पर पीला सितारा लगायें।
लोग एक दूसरे की मदद करने को तैयार हैं पर कानून के आगे बेबस।
इसी कानून के तहत एक दिन समस्त यहूदियों को रेल में भरकर गैस चैंबरों में भेज दिया जाता है, मरने के लिए।
अगर आपने ऐन फ्रेंक की डायरी पढी है तो आपको हिटलर के इस पाशविक अत्याचार का पता होगा।
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पुस्तक- एक छोटे लङके और एक छोटी लङकी की कहानी।
चयनकर्ता- वीणा भाटिया
प्रकाशन- गार्गी प्रकाशन- दिल्ली
मूल्य- 40₹
पृष्ठ-80
प्रथम संस्करण- जनवरी, 2017
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