Corona वायरस पर लिखी गयी किताब
COVID-19@2020- अमित नेहरा
अमित नेहरा जी पेशे से चिकित्सक हैं। उन्होंने covid-19 (कोरोना वायरस) को लेकर विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आर्टिकल लिखे हैं, यह पुस्तक उन्हें आलेखों का संग्रह है।
यह आर्टिकल जहाँ एक तरफ Covid-19 के विषय में हमें जानकारी उपलब्ध करवाते हैं, वहीं covid-19 को लेकर फैली भ्रांतियों का तथ्यों सहित निवारण भी करते हैं।
चाहे कोविड-19 का पता विश्व को वर्ष 2019 के अंतिम दिन ही चला हो मगर इसने अपना रौद्र रूप वर्ष 2020 की पहली तिमाही में ही दिखा दिया। इसी के चलते इस किताब का शीर्षक कोविड-19@2020 रखा गया।
केवल 20 से 60 नैनोमीटर तक के आकार वाले इस बेहद सूक्ष्म जीव की इस पुस्तक के लिखे जाने तक सारे संसार के किसी भी देश, कंपनी या वैज्ञानिक के पास कोई दवाई, इलाज या वैक्सीन नहीं थी। दुनिया के पास इस शैतान से बचने के लिए था तो वह था सिर्फ कोविड-19 से सम्बंधित डेटा (आंकड़े), केवल इसी डेटा के आधार पर इससे शुरुआती लड़ाई लड़ी गई। सम्पूर्ण मानवता को बचाने के लिए लड़ी गई इस लड़ाई में कहाँ-कहाँ, क्या-क्या तरीके अपनाए गए, उनमें से कितने सफल हुए, कितने धराशायी हुए, विश्व में कोविड-19 ने कहाँ-कहाँ विनाश किया, कहाँ-कहाँ के लोग इससे अपना बचाव करने में सफल रहे और इस पूरे प्रकरण के क्या परिणाम रहे इन सभी तथ्यों का आपको प्रामाणिक लेखा-जोखा इस पुस्तक कोविड-19@2020 में मिलेगा।
भारत में कोरोना वायरस को लेकर जो आरम्भ में नीति बनी, माननीय प्रधानमंत्री महोदय ने जो लाॅकडाउन की घोषणा की उसका विवरण भी मिलेगा और उसके क्या परिणाम रहे यह भी दर्ज है।
- भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 19 मार्च को घोषणा कर दी कि आगामी 22 मार्च को पूरे दिन सारे भारत में जनता कर्फ्यू लगाया जाएगा। मगर 24 मार्च की रात 8:00 बजे उन्हें यह घोषणा करनी पड़ी कि 4 घंटे बाद यानी रात को 12:00 बजे से पूरे भारत को 14 अप्रैल तक लॉकडाउन दिया गया है।
विश्व में कोरोना का आरम्भ कहा से हुआ। इस पर भी एक आर्टिकल है,जो अच्छी जानकारी देता है।
-वर्ष 2019 के आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर को चीनी प्रशासन ने घोषणा की कि उनके यहां हुबेई प्रांत के वुहान शहर में एक ऐसा रोगी मिला है जो बड़े अजीब से वायरस से संक्रमित है और चीनी चिकित्सा जगत के पास इस वायरस का इलाज करने के लिए कोई दवा भी नहीं है। इस वायरस को नाम दिया गया कोविड-19, आम बोलचाल में इसे कोरोना कहा गया। हालांकि लांसेट मेडिकल जर्नल में चीनी शोधकर्ताओं द्वारा प्रकाशित एक शोध के अनुसार कोविड-19 से संक्रमित होने वाले पहले व्यक्ति का मामला एक दिसंबर 2019 को दर्ज हुआ था।
भारत में पहला कोरोना रोगी कहां का था, कहासे आया था। यह भी एक आर्टिकल में दर्ज है।
- 30 जनवरी 2020 को कोरोना ने भारत में दस्तक दे ही दी। केरल में कोरोना का पहला पॉजिटिव केस सामने आ गया। यह पीड़िता, चीन की वुहान यूनिवर्सिटी में पढ़ रही थी और हाल ही में भारत में अपने घर आ गई थी।
कोरोना वायरस आखिर है क्या? अमित नेहरा जी स्वयं चिकित्सक है तो उन्होंने इस विषय पर अच्छी जानकारी दी है।
कोरोना वायरस यानि कोविड-19 बहुत ही छोटा लेकिन प्रभावी वायरस है। यह वायरस इतना सूक्ष्म है कि ये हमारे बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है। आकार में इतना छोटा होने के बावजूद इस वायरस ने पूरी दुनिया को डरा दिया है। नोवल कोरोना वायरस (एनसीओवी/कोविड-19) कोरोना वायरस परिवार का सातवां वायरस है। इस से पहले छह तरह के कोरोना वायरस सामने आ चुके हैं। इसकी 80 फीसदी अनुवांशिक संरचना चमगादड़ों में पाए जाने वाले सार्स वायरस जैसी है।
Covid-19 को और तात्कालिक परिस्थितियों को समझने की दृष्टि से यह आर्टिकल संग्रह काफी उपयोगी है। यह भी उम्मीद करते हैं इसके आगामी संस्करण में नये आर्टिकल भी समाहित कर दिये जायें।
धन्यवाद
किताब- covid-19@2020
लेखक- अमित नेहरा
प्रकाशक-
पृष्ठ- 123
फार्मेट- ebook on kindle
लिंक- covid-19@2020- अमित नेहरा
COVID-19@2020- अमित नेहरा
अमित नेहरा जी पेशे से चिकित्सक हैं। उन्होंने covid-19 (कोरोना वायरस) को लेकर विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आर्टिकल लिखे हैं, यह पुस्तक उन्हें आलेखों का संग्रह है।
यह आर्टिकल जहाँ एक तरफ Covid-19 के विषय में हमें जानकारी उपलब्ध करवाते हैं, वहीं covid-19 को लेकर फैली भ्रांतियों का तथ्यों सहित निवारण भी करते हैं।
चाहे कोविड-19 का पता विश्व को वर्ष 2019 के अंतिम दिन ही चला हो मगर इसने अपना रौद्र रूप वर्ष 2020 की पहली तिमाही में ही दिखा दिया। इसी के चलते इस किताब का शीर्षक कोविड-19@2020 रखा गया।
केवल 20 से 60 नैनोमीटर तक के आकार वाले इस बेहद सूक्ष्म जीव की इस पुस्तक के लिखे जाने तक सारे संसार के किसी भी देश, कंपनी या वैज्ञानिक के पास कोई दवाई, इलाज या वैक्सीन नहीं थी। दुनिया के पास इस शैतान से बचने के लिए था तो वह था सिर्फ कोविड-19 से सम्बंधित डेटा (आंकड़े), केवल इसी डेटा के आधार पर इससे शुरुआती लड़ाई लड़ी गई। सम्पूर्ण मानवता को बचाने के लिए लड़ी गई इस लड़ाई में कहाँ-कहाँ, क्या-क्या तरीके अपनाए गए, उनमें से कितने सफल हुए, कितने धराशायी हुए, विश्व में कोविड-19 ने कहाँ-कहाँ विनाश किया, कहाँ-कहाँ के लोग इससे अपना बचाव करने में सफल रहे और इस पूरे प्रकरण के क्या परिणाम रहे इन सभी तथ्यों का आपको प्रामाणिक लेखा-जोखा इस पुस्तक कोविड-19@2020 में मिलेगा।
भारत में कोरोना वायरस को लेकर जो आरम्भ में नीति बनी, माननीय प्रधानमंत्री महोदय ने जो लाॅकडाउन की घोषणा की उसका विवरण भी मिलेगा और उसके क्या परिणाम रहे यह भी दर्ज है।
- भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 19 मार्च को घोषणा कर दी कि आगामी 22 मार्च को पूरे दिन सारे भारत में जनता कर्फ्यू लगाया जाएगा। मगर 24 मार्च की रात 8:00 बजे उन्हें यह घोषणा करनी पड़ी कि 4 घंटे बाद यानी रात को 12:00 बजे से पूरे भारत को 14 अप्रैल तक लॉकडाउन दिया गया है।
विश्व में कोरोना का आरम्भ कहा से हुआ। इस पर भी एक आर्टिकल है,जो अच्छी जानकारी देता है।
-वर्ष 2019 के आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर को चीनी प्रशासन ने घोषणा की कि उनके यहां हुबेई प्रांत के वुहान शहर में एक ऐसा रोगी मिला है जो बड़े अजीब से वायरस से संक्रमित है और चीनी चिकित्सा जगत के पास इस वायरस का इलाज करने के लिए कोई दवा भी नहीं है। इस वायरस को नाम दिया गया कोविड-19, आम बोलचाल में इसे कोरोना कहा गया। हालांकि लांसेट मेडिकल जर्नल में चीनी शोधकर्ताओं द्वारा प्रकाशित एक शोध के अनुसार कोविड-19 से संक्रमित होने वाले पहले व्यक्ति का मामला एक दिसंबर 2019 को दर्ज हुआ था।
भारत में पहला कोरोना रोगी कहां का था, कहासे आया था। यह भी एक आर्टिकल में दर्ज है।
- 30 जनवरी 2020 को कोरोना ने भारत में दस्तक दे ही दी। केरल में कोरोना का पहला पॉजिटिव केस सामने आ गया। यह पीड़िता, चीन की वुहान यूनिवर्सिटी में पढ़ रही थी और हाल ही में भारत में अपने घर आ गई थी।
कोरोना वायरस आखिर है क्या? अमित नेहरा जी स्वयं चिकित्सक है तो उन्होंने इस विषय पर अच्छी जानकारी दी है।
कोरोना वायरस यानि कोविड-19 बहुत ही छोटा लेकिन प्रभावी वायरस है। यह वायरस इतना सूक्ष्म है कि ये हमारे बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है। आकार में इतना छोटा होने के बावजूद इस वायरस ने पूरी दुनिया को डरा दिया है। नोवल कोरोना वायरस (एनसीओवी/कोविड-19) कोरोना वायरस परिवार का सातवां वायरस है। इस से पहले छह तरह के कोरोना वायरस सामने आ चुके हैं। इसकी 80 फीसदी अनुवांशिक संरचना चमगादड़ों में पाए जाने वाले सार्स वायरस जैसी है।
Covid-19 को और तात्कालिक परिस्थितियों को समझने की दृष्टि से यह आर्टिकल संग्रह काफी उपयोगी है। यह भी उम्मीद करते हैं इसके आगामी संस्करण में नये आर्टिकल भी समाहित कर दिये जायें।
धन्यवाद
किताब- covid-19@2020
लेखक- अमित नेहरा
प्रकाशक-
पृष्ठ- 123
फार्मेट- ebook on kindle
लिंक- covid-19@2020- अमित नेहरा
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